राष्ट्रीय
चेन्नई, 6 मार्च । बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के नेतृत्व में केंद्रीय नेतृत्व से मिलने दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। इस मुलाकात के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची को लेकर फैसला किया जाएगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में अन्नामलाई, केंद्रीय मत्स्य पालन राज्य मंत्री एल.मुरुगन, वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन, पूर्व अखिल भारतीय सचिव एच. राजा, के.पी. रामलिंगम (पूर्व सांसद), नैनार नागेंद्रन और केशव विनयगम शामिल होंगे।
पार्ट नेतृत्व यह बैठक प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने के मकसद से कर रहे हैं। इसके अलावा सीट शेयरिंग को लेकर भी अहम फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि छह महीने की कठिन पदयात्रा, 'एन मन, एन मक्कल (मेरी भूमि, मेरे लोग) के बाद अन्नामलाई ने भाजपा की तमिलनाडु इकाई को राज्य की राजनीति के केंद्र में ला दिया है।
भाजपा द्रविड़ राजनीति से अलग एक नई राजनीति की शुरुआत करने की कोशिश कर रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव के अपने गठबंधन सहयोगी अन्नाद्रमुक से भी उसका नाता टूट चुका है।
पार्टी के राज्य नेता संभावित उम्मीदवारों की सूची पर चुप्पी साधे हुए हैं और चेन्नई हवाई अड्डे से नई दिल्ली रवाना होते समय उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।
(आईएएनएस)
पटना, 6 मार्च । बिहार में सत्ताधारी एनडीए हो या विपक्षी महागठबंधन, लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों में गणित उलझा दिख रहा है।
भाजपा ने पिछले दिनों भले ही कई राज्यों के लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लेकिन, बिहार में अब तक एक भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर सकी है। महागठबंधन में भी कमोबेश यही स्थिति है।
बताया जाता है कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद दोनों गठबंधनों की तस्वीर बदल गई है। भाजपा के नेता बताते भी हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एनडीए में नहीं आने के पहले तक स्थितियां करीब-करीब साफ थी, लेकिन उनके एनडीए में आने के बाद स्थितियां बदल गई हैं।
एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि एनडीए में जल्द सीट बंटवारा हो जाएगा। भाजपा बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है और जिताऊ प्रत्याशी को लेकर तलाश की जा रही है, जिसमें समय लग रहा है।
उन्होंने कहा कि एक-एक सीट को लेकर मंथन किया जा रहा। हम बिहार की सभी 40 में से 40 सीट जीतेंगे।
राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा था कि सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही है। एनडीए से पहले हमलोग सीट शेयरिंग कर लेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए की ओर से भाजपा और जदयू 17-17 तथा लोजपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन, इस बार एनडीए में घटक दलों की संख्या बढ़ गई है।
फिलहाल, बिहार में एनडीए में भाजपा, जदयू के अलावा लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है।
कहा जा रहा है कि भाजपा के कई सांसदों का टिकट कट सकता है। मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में चुनाव समिति की बैठक हुई थी। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी उपस्थित थे।
बताया जा रहा है कि विनोद तावड़े ने लोकसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षकों से बात की।
बहरहाल, दोनों गठबंधनों में प्रत्याशियों की भी लंबी कतार है और घटक दलों में सीटों को लेकर दावेदारी भी अधिक है। ऐसे में देखने वाली बात होगी की किस दल को कितनी सीटें मिलती है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 मार्च । दक्षिणी दिल्ली में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बुधवार को बताया कि मृतक की पहचान कृष्णा पार्क निवासी भरत सचदेवा (38) के रूप में हुई है।
शुरुआती जांच से पता चला कि वह ऑटो-रिक्शा चलाता था। हाल ही में उसका काम छूट गया था।
वहीं भरत के पिता का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। भरत के दो बच्चे हैं और वह अपनी जान क्यों लेगा। मुझे इस पर विश्वास नहीं होता।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार रात 10:36 बजे एक कॉल आई। जिसमें बताया गया कि भरत नाम का व्यक्ति उसके भाई दीपक जैन से मिलने उसके घर आया है, लेकिन उसका भाई घर पर नहीं है।
फोन करने वाले की पहचान खानपुर के जवाहर पार्क निवासी अमित के रूप में हुई है। उसने पुलिस को बताया कि भरत ने घर में खुद को गोली मार ली है।
सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने भरत को गोली लगने से घायल अवस्था में खून से लथपथ पाया।
साउथ दिल्ली के डीसीपी अंकित चौहान ने कहा, "घटनास्थल से एक देशी तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक गोली बरामद की गई।"
पूछताछ करने पर पता चला कि दीपक हौज खास के गौतम नगर में परांठे की दुकान चलाता है और भरत ऑटो-रिक्शा से उसे सामान सप्लाई करता था।
डीसीपी ने कहा, ''भरत और दीपक के बीच कुछ वित्तीय विवाद की आशंका है। आगे की जांच की जा रही है।''
-(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 मार्च । केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर शाहजहां शेख को बचाने का आरोप लगाते हुए सवाल पूछा है कि आखिर राज्य सरकार उसे बचाने के लिए इतनी उत्सुक क्यों है?
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह यह पहली बार देख रहे हैं कि आरोपी को राहत दिलाने की अपील राज्य सरकार की तरफ से की जा रही है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि पहले तो बंगाल पुलिस शाहजहां शेख को गिरफ्तार ही नहीं कर रही थी, बल्कि, गिरफ्तार करने की बजाय उसे 55 दिनों तक फरार रहने दिया गया। संदेशखाली की महिलाओं के आंदोलन और कलकत्ता उच्च न्यायालय के सख्त स्टैंड के बाद उसे गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन, उसे अब न्यायालय के आदेश के बावजूद सीबीआई को हैंडओवर नहीं किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अदालत ने शाहजहां शेख को बचाने और उसकी गिरफ्तारी में देरी करने के लिए बंगाल पुलिस के पक्षपात भरे रवैये पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर, उच्चतम न्यायालय में आरोपी या उसके परिजनों द्वारा ही अपील की जाती है, लेकिन, शाहजहां शेख के मामले में बंगाल की सरकार उच्चतम न्यायालय में अपील कर रही है।
उन्होंने ममता सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए पूछा कि शाहजहां शेख के अपराधों की जानकारी होने और महिलाओं द्वारा उसके खिलाफ आंदोलन किए जाने के बावजूद आखिर राज्य सरकार उसे बचाने के लिए इतनी उत्सुक क्यों हैं ?
उन्होंने बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से खराब होने की बात कहते हुए राज्य सरकार के रवैये को शर्मनाक भी बताया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि ममता सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि शाहजहां शेख को केंद्रीय जांच एजेंसी के हवाले नहीं किया जाए और यह अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
(आईएएनएस)
पटना, 6 मार्च । लोकसभा चुनाव के पहले बुधवार को बिहार में कई भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का तबादला किया गया है। खगड़िया, वैशाली, किशनगंज और अरवल में नये पुलिस अधीक्षक की तैनाती की गई है।
बिहार सरकार के गृह विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, गृह रक्षा वाहिनी के समादेष्टा चंदन कुशवाहा को खगड़िया का एसपी बनाया गया है। इसी तरह विशेष सशस्त्र पुलिस के सहायक पुलिस महानिरीक्षक हरकिशोर राय को वैशाली का एसपी, अपर निदेशक सह सहायक, राज्य अग्निशमन पदाधिकारी राजेंद्र कुमार भील को अरवल एसपी बनाया गया।
किशनगंज के एसपी डॉ. इऩामुलहक मेंगनू को पटना में गृह रक्षा वाहिनी का समादेष्टा बनाया गया है। वैशाली के एसपी कार्तिकेय के. शर्मा को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सशस्त्र पुलिस बनाया गया है।
अरवल के एसपी विद्यासागर शर्मा को अगले आदेश तक अपर निदेशक सह सहायक, राज्य अग्निशमन पदाधिकारी तथा खगड़िया के एसपी सागर कुमार को किशनगंज का एसपी और अपराध अनुसंधान विभाग की सहायक पुलिस अधीक्षक काम्या मिश्रा को दरभंगा (ग्रामीण) का एसपी बनाया गया है।
(आईएएनएस)
पटना, 6 मार्च । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को लघु उद्यमी योजना के लिए प्रथम किस्त की राशि जारी कर दी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान उद्योग विभाग एवं भवन निर्माण विभाग के विभिन्न योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत से भवन निर्माण विभाग एवं उद्योग विभाग की कुल 81 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रुप से लघु उद्यमी योजना के 5 लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रुप में 50-50 हजार का चेक प्रदान किया।
कार्यक्रम में बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत चयनित 40,102 लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 200 करोड़ 51 लाख रुपये का ऑनलाइन हस्तांतरण किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उद्योग विभाग की 1 हजार 68 करोड़ रुपये की लागत से कुल 75 योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 50 करोड़ रुपए की लागत से बिहटा में ई-रेडिएशन सेन्टर एवं एक्सपोर्ट पैक हाउस का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने पटना, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चम्पारण एवं भागलपुर जिलों में 24 लाख वर्ग फीट के प्लग एण्ड प्ले शेड्स का भी उद्घाटन किया।
उद्योग विभाग के अंतर्गत 106 करोड़ रूपये की लागत से पटना जिले के फतुहा इंडस्ट्रियल एरिया, पूर्णियां जिले के पूर्णिया इंडस्ट्रियल एरिया तथा भागलपुर जिले के बरारी इंडस्ट्रियल एरिया में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, बिटुमिनस रोड तथा स्ट्रीट लाईट संबंधी योजना का शिलान्यास किया गया।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, भवन निर्माण मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यटन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार भी उपस्थित रहे।
(आईएएनएस)
आगरा, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगरा प्रदेश के प्राचीनतम शहरों में से एक है। यह ब्रजभूमि का नगर है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य और पराक्रम की गाथा से जुड़ा हुआ है। इस शहर ने अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं। आधुनिक सुविधाओं का केंद्र यह शहर बने, इसके लिए मेट्रो आवश्यक थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोलकाता से वर्चुअली आगरा मेट्रो शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी जी के आभारी हैं कि उन्होंने आगरा को मेट्रो के लिए चयन कर इस कार्य को तेजी के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया। आज वह कार्य भी, सपना भी पूरा हो चुका है। इसके साथ ही आगरा में अन्य सुविधाएं जैसे आगरा के पास अपना एयरपोर्ट हो, उसके सिविल टर्मिनल का कार्य भी तेजी के साथ आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। यहां पर जायका प्रोजेक्ट के अंतर्गत गंगाजल की उपलब्धता पेयजल के लिए उपलब्ध हो। आईटी सेक्टर के रूप में भी इस सिटी को डेवलप करने के लिए तेजी से उन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य भी सरकार प्राथमिकता के आधार पर कर रही है।
सीएम योगी ने होली से पहले आगरा वासियों को मिले इस उपहार की हृदयतल से बधाई भी दी। मुख्यमंत्री ने आगरा के सभी जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद ज्ञापित भी किया कि उन्होंने इन सभी कार्यों में रूचि लेकर समयबद्ध कार्य को सम्पन्न कराने में सहयोग प्रदान किया है। ऐसे ही आगे भी इन सभी के सहयोग से आगरा मेट्रो के आगे के कार्य भी समय से पूर्ण किये जा सकेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि दिसंबर 2021 में आगरा मेट्रो कार्य का शुभारंभ हुआ था और दो वर्ष के अंदर ही प्रायोरिटी सेक्शन के 6 किमी का पहला कार्य पूरा कर लिया गया जिसमें तीन एलिवेटेड और तीन भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं। इस कार्य को पूरा करने के साथ ही इसमें मेट्रो सेवा भी प्रारंभ हो चुकी है।
आगरा मेट्रो के शुरू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसके पास सबसे अधिक शहर में मेट्रो की सुविधा है। इससे पहले लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और कानपुर में मेट्रो सेवा प्रारंभ हो चुकी है। सीएम ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि उत्तर प्रदेश के छठे शहर आगरा में ब्रजवासियों के लिए, आगरा वासियों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की एक बेहतरीन सुविधा उपलब्ध हुई है।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश मेट्रो कारपोरेशन ने कानपुर मेट्रो, लखनऊ मेट्रो और आगरा मेट्रो के कार्य को जिस तत्परता के साथ किया, उसकी सर्वत्र सराहना हुई है। तीन अंडरग्राउंड स्टेशन को तीन किमी क्षेत्र में, उन्हें विकसित करने में एक तय समय सीमा से पहले कार्य कर देश के अंदर सबसे पहले तीव्र गति से कार्य करने का कीर्तिमान हासिल करने वाली आगरा मेट्रो हुई है। यह अपने आप में एक उपलब्धि है।
इस दौरान एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया। यह देश की पहली मेट्रो है, जो तय समय से नौ महीने पहले ही ट्रैक पर दौड़ने लगी। 32 महीने में प्राथमिक भूमिगत सेक्शन का निर्माण होना था, लेकिन यह 23 महीने में बनकर तैयार हो गया। सात दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा मेट्रो का शिलान्यास किया था।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 6 मार्च पश्चिम बंगाल सरकार ने पांच जनवरी को संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय में तत्काल सुनवाई की मांग की।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'आपने एक अर्जी दाखिल की है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दोपहर के भोजनावकाश के दौरान (तत्काल सूचीबद्ध करने की) अर्जियों पर संज्ञान लेते हैं। वह (सीजेआई) याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देंगे।'
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष अर्जी का उल्लेख किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी जांच सौंपे जाने के उच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल अनुपालन चाहती है।
राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को भी याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया था।
पीठ ने राज्य सरकार के वकील से शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के सामने मुद्दा रखने को कहा था।
ईडी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने ही एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अलग-अलग अपील दाखिल की थीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर भीड़ द्वारा किये गये हमले की जांच के लिए 17 जनवरी को सीबीआई और राज्य पुलिस के एक संयुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया गया था।
ईडी चाहती है कि मामले की जांच सिर्फ सीबीआई को सौंपी जाए जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ पुलिस से जांच कराने का अनुरोध किया है।
उच्च न्यायालय ने ईडी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया था कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी जाए। (भाषा)
बरेली, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश के बरेली में पत्नी ने अपने पति की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना बरेली जिले के बारादरी पुलिस सर्कल के अंतर्गत आने वाले हरुनगला की है। 40 साल के व्यक्ति का शव बुधवार सुबह उसके घर में मिला।
मृतक की पहचान नरेंद्र कुमार के रूप में हुई। जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे। उन्होंने नरेंद्र की पत्नी पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
मिर्जापुर गांव निवासी मृतक के पिता ने बताया कि नरेंद्र पिछले 15 साल से अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ हरुनगला में रह रहा था। वह पवन विहार कॉलोनी में एक सीए ऑफिस में काम करता था।
पति-पत्नी में कई मुद्दों को लेकर विवाद था। उन्होंने आरोप लगाया कि बहू पूनम ने तमंचे से नरेंद्र के सीने में गोली मारकर हत्या की है।
पास के कमरे में सो रहे उनके 17 वर्षीय बेटे निशांत ने जब गोली की आवाज सुनी तो वह कमरे के अंदर गया और अपनी मां को नरेंद्र के पास बैठा देखा।
पूनम ने अपना हाथ उस जगह पर रखा हुआ था, जहां गोली लगी थी। उसने अपने बेटे को बताया कि उसके पिता को चक्कर आ रहा है। बेटे ने बताया कि उसके पिता का खून बह रहा था।
निशांत ने ही सबसे पहले अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी और फिर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने नरेंद्र की पत्नी पूनम को हिरासत में ले लिया। वारदात में इस्तेमाल तमंचे को भी जब्त कर लिया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी महिला ने अपने पति से झगड़े के दौरान तमंचे से गोली मारने की बात कबूल की है।
(आईएएनएस)
रेवाड़ी (हरियाणा), 6 मार्च हरियाणा के रेवाड़ी में रोडवेज की एक बस और कार के बीच आमने-सामने की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में मारे गये सभी लोग कार सवार थे।
पुलिस के मुताबिक, हादसा महेंद्रगढ़ मार्ग पर सीहा गांव के पास उस वक्त हुआ जब कार सवार एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद चरखी दादरी लौट रहे थे।
पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने गंभीर रूप से घायलों को कार से बाहर निकालने में मदद की और उन्हें ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने पांचों को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने मृतकों के शवों को शवगृह में रखा है। साथ ही, मरने वालों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है। परिवार के सदस्यों के आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा। प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।' (भाषा)
केंद्रपाड़ा (ओडिशा), 6 मार्च ओडिशा की एक अदालत ने 2020 में केंद्रपाड़ा में एक बुजुर्ग महिला की हत्या के लिए एक ही परिवार के पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के वकील संजय कुमार जेना ने बताया कि केंद्रपाड़ा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 28 गवाहों से पूछताछ और सबूतों की पड़ताल के बाद मंगलवार को सजा सुनाई।
अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जिले के सिमुलिया गांव में 29 मई, 2020 को कुसम स्वैन (62) की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
हमले में मृतक के बेटे और उसकी पत्नी को भी गंभीर चोट आई थीं। (भाषा)
मुंबई, 6 मार्च रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे पात्र ग्राहकों को क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करते समय कई कार्ड नेटवर्क में से एक को चुनने का विकल्प मुहैया कराएं।
केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं से यह भी कहा है कि वे कार्ड नेटवर्क के साथ कोई भी ऐसा समझौता या व्यवस्था न करें जो ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क की सेवाएं लेने से रोकता हो।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक परिपत्र में कहा, "समीक्षा करने पर यह पाया गया कि कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच मौजूद कुछ व्यवस्थाएं ग्राहकों के लिए विकल्प उपलब्ध कराने के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं।"
केंद्रीय बैंक ने कहा, "ऐसी स्थिति में यह निर्देश दिया जाता है कि कार्ड जारीकर्ता कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसी कोई व्यवस्था या समझौता नहीं करेंगे जो ग्राहकों को अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता हो।”
आरबीआई ने कहा कि मौजूदा कार्डधारकों के लिए यह विकल्प कार्ड का अगला नवीनीकरण कराते समय दिया जा सकता है।
कार्ड नेटवर्क के रूप में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डायनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया- रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड सूचीबद्ध हैं।
परिपत्र के मुताबिक, कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क को संशोधन या नवीनीकरण के समय और नए समझौते निष्पादित करते समय मौजूदा समझौतों में आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
हालांकि यह निर्देश उन क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होगा जिनके द्वारा जारी सक्रिय कार्डों की संख्या 10 लाख या उससे कम है।
इसके अलावा खुद के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले संस्थानों को इस परिपत्र के निर्देशों से बाहर रखा गया है।
इसके मुताबिक, पात्र ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से चुनने का विकल्प देने के निर्देश परिपत्र जारी होने की तारीख से छह महीने तक प्रभावी होंगे। (भाषा)
मालदीव से कूटनीतिक रिश्तों में तनाव के बीच भारत ने मालदीव के करीब ही लक्षद्वीप में एक नया नौसेना अड्डा बनाने का फैसला किया है. मालदीव कुछ ही दिनों में वहां तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को भारत वापस भेजने वाला है.
भारतीय नौसेना ने घोषणा की है कि वह लक्षद्वीप में अपना एक नया बेस बनाएगी. आईएनएस जटायु नाम का यह बेस मिनीकॉय नाम के लक्षद्वीप में सबसे दक्षिणी द्वीप पर बनाया जाएगा. लक्षद्वीप मालदीव से करीब 130 किलोमीटर दूर उत्तर की तरफ स्थित है.
नौसेना ने अपने बयान में कहा, "यह बेस परिचालन संबंधी पहुंच बढ़ाएगा और पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती रोकने और मादक पदार्थ विरोधी कदम उठाने की दिशा में भारतीय नौसेना की कोशिशों में मदद करेगा."
इलाके में भारत की स्थिति होगी मजबूत
बयान में यह भी बताया गया कि यह बेस इस इलाके में प्रथम उत्तरदाता के रूप में भारतीय नौसेना की क्षमता भी बढ़ाएगा और मुख्य भूभाग से संपर्क भी बेहतर करेगा. नौसेना के मुताबिक बेस "सामरिक रूप से महत्वपूर्ण" द्वीपों में "सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को धीरे धीरे बढ़ाने" की नीति का हिस्सा है.
नौसेना के बयान में यह भी कहा गया कि नया बेस छह मार्च को खुलेगा और वहां पहले से मौजूद नौसेना की एक छोटी टुकड़ी को एक "स्वतंत्र नौसैनिक इकाई" में बदल देगा. लक्षद्वीप में नौसेना का पहले से एक बेस है.
इसे आईएनएस द्वीपरक्षक के नाम से जाना जाता है और यह कवरत्ती में है. मालदीव के करीब एक नया बेस बनाने की भारत की घोषणा ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव चल रहा है.
पिछले साल मोहम्मद मुइजु के मालदीव का नया राष्ट्रपति बनने के बाद यह तनाव बढ़ा है. सत्ता में आने के बाद मुइजु भारत से पहले चीन के दौरे पर गए. चीन में उन्होंने कहा कि उनके देश का छोटा आकार किसी भी दूसरे देश के लिए उन्हें धौंस दिखाने का लाइसेंस नहीं है.
भारत की सैन्य मौजूदगी पर विवाद
फरवरी में उन्होंने भारत से कहा था कि वह मालदीव में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को हटा ले. उन्होंने चुनाव से पहले भी ऐसा करने का मतदाताओं से वादा किया था. ये सैन्य कर्मी लोकोपकारी सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों को चलाते हैं.
वहां ऐसे कम से कम 75 कर्मी हैं और उनकी ज्ञात गतिविधियों में सुदूर द्वीपों से मरीजों को लाना और समुद्र में फंसे लोगों को बचाना शामिल है. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक इन कर्मियों की संख्या 89 है. मालदीव ने भारत से उनकी जगह असैनिक कर्मचारी तैनात करने के लिए कहा है.
सीके/वीके (एपी/एएफपी)
हमीरपुर में एक पति ने सेक्स की ताकत बढ़ाने वाली दवाएं खाकर शादी की रात कई बार पत्नी के साथ सेक्स किया. संक्रमण फैलने से युवती की मौत हो गई. इस केस में वैवाहिक यौन हिंसा और सेक्स एजुकेशन की कमी जैसे कई मुद्दे जुड़े हैं.
डॉयचे वैले पर रीतिका की रिपोर्ट-
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में शादी के एक हफ्ते बाद ही एक युवती की मौत हो गई. शादी की रात युवती के पति ने सेक्स वर्धक दवाएं खाकर कई बार उसके साथ सेक्स किया. इसके बाद ही वह बीमार पड़ गई. इलाज के लिए उसे कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहरी चोट के कारण फैले इंफेक्शन की वजह से 10 फरवरी को युवती की मौत हो गई. देखा जाए तो यह मामला सिर्फ गहरी चोट के कारण एक महिला की मौत तक सीमित नहीं है. यहां शादी की पहली रात से जुड़े मिथक और सेक्स में महिला की सहमति की अहमियत का जिक्र जरूरी है. साथ ही, अपने शरीर के बारे में जानकारी न होना, सेक्स एजुकेशन की कमी और शादी में हिंसा जैसे कई मुद्दे रेखांकित होते हैं.
शादी की पहली रात का ‘मिथक'
"शादी की पहली रात ही पता चल जाता है कि लड़की वर्जिन है या नहीं! शादी की पहली रात को संबंध बनाना बेहद जरूरी होता है! लड़की की सहमति यहां मायने नहीं रखती क्योंकि ये उसका फर्ज है, वगैरह." ‘वेडिंग नाइट,' यानी शादी की पहली रात से जुड़ी कई गलतफहमियां, भ्रांतियां और यहां तक कि अंधविश्वास भी हमारे आसपास मौजूद हैं.
जैसे कि, महाराष्ट्र के कंजरभाट समुदाय की महिलाओं को शादी की पहली रात ‘वर्जिनिटी टेस्ट' से गुजरना पड़ता है. शादीशुदा जोड़े सफेद चादर पर संबंध बनाते हैं. संबंध बनाने के बाद अगली सुबह पति, पंचायत के सामने सफेद चादर पर लगे खून के धब्बे को लड़की के ‘वर्जिन' होने के सबूत के रूप में पेश करते हैं. हालांकि, इस प्रथा का विरोध भी किया गया.
तार्शी भारत में यौन और प्रजनन अधिकारों पर काम करनेवाली एक संस्था है. गुंजन शर्मा एक दशक से भी अधिक वक्त तक इस संस्था से जुड़ी रही हैं. वह बताती हैं, "सेक्स के बारे में बात करने में एक झिझक, एक किस्म की शर्म शुरू से रही है. हमारी संस्था ने सेक्स एजुकेशन, जेंडर आदि से जुड़े मुद्दों पर काम करने के लिए हेल्पलाइन शुरू की थी."
गुंजन आगे बताती हैं, "लोग हमसे शादी की पहली रात को लेकर परफॉर्मेंस एंग्जायटी से जुड़े सवाल पूछा करते थे. पहली रात को लेकर आज भी लोगों के अंदर ‘फेल' होने का डर होता है. हमीरपुर का केस ही देखिए, आखिर उस शख्स ने सेक्स की ताकत बढ़ाने वाली गोलियां क्यों ली होंगी. क्यों उसने कहीं से सही जानकारी नहीं ली, क्योंकि हमारे पास कोई ऐसी एक जगह या प्लेटफॉर्म ही नहीं है, जहां हमें सेक्स एजुकेशन मिल सके."
शादी और यौन हिंसा
स्त्री रोग विशेषज्ञ और एशिया सेफ एबॉर्शन पार्टनरशिप की समन्वयक डॉ. सुचित्रा दलवी ने डीडब्ल्यू को बताया कि यह मामला सिर्फ ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग' की तरह है. इससे मिलते-जुलते, शायद थोड़े कम गंभीर मामले न जाने कितने ही होंगे. कितनी ही महिलाएं शादी में ऐसी हिंसा का सामना करती हैं.
आप सोचिए, दो अनजान लोग जो शादी के बाद मिलते हैं, उन पर ‘परफॉर्म' करने का दबाव होता है. इस मामले में यह भी देखने की जरूरत है कि हमीरपुर घटना में उस शख्स पर अपनी ‘मर्दानगी' साबित करने का दबाव था. यह उस सोच की ओर भी इशारा करती है, जहां पेनेट्रेटिव सेक्स के जरिये महिलाओं के शरीर पर अधिकार जताया जाता है.
2022 में दिल्ली हाई कोर्ट में मैरिटल रेप के मामले पर सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने इस पर बंटा हुआ फैसला दिया था. इस पूरी सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर (अब X) पर #MarriageStrike नाम का ट्रेंड चलाया गया था. शादी में होनेवाली यौन हिंसा के बचाव में इस ट्रेंड के तहत तमाम तर्क दिए गए कि कैसे अगर यह कानून बना, तो मर्दों को शोषित करने का एक नया तरीका बन जाएगा.
यह ट्रेंड सिर्फ इस बात का एक उदाहरण है, जिसे हमारा समाज शुरू से नकारता आ रहा है. शादी में भी महिलाएं यौन हिंसा का सामना करती हैं. शादी को लेकर एक आम समझ यही कहती है कि शादी का मतलब एक महिला की तरफ से सेक्स के लिए आजीवन सहमति है. शादीशुदा महिलाओं के साथ होनेवाली यौन हिंसा के सामने न आने की एक बड़ी वजह यह सोच भी है.
हमीरपुर में जो हुआ वह सिर्फ सेक्स वर्धक दवा खाकर संबंध बनाने का नतीजा नहीं था, बल्कि यौन हिंसा भी थी. बिना सहमति के साथ किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाना यौन हिंसा है. लेकिन बात जैसे ही शादी के रिश्ते में यौन हिंसा यानी मैरिटल रेप की आती है, इसकी परिभाषा धुंधली हो जाती है.
क्या बताते हैं आंकड़े
हमीरपुर केस सिर्फ इकलौता मामला नहीं है, जहां एक महिला के पास अपने पति को सेक्स के लिए ना कहने का अधिकार नहीं था. नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के मुताबिक, भारत में 82 फीसदी महिलाओं के साथ उनके पति ही यौन हिंसा करते पाए गए. सर्वे के लिए जिन 4,169 महिलाओं का इंटरव्यू किया गया, उनमें से करीब 84 फीसदी प्रतिभागियों ने माना कि उनके पतियों ने जबरदस्ती उनके साथ यौन संबंध बनाए.
चूंकि मैरिटल रेप को भारत में आज भी एक अपराध नहीं माना जाता, तो पीड़ित इसके खिलाफ आधिकारिक रूप से शिकायत भी दर्ज नहीं कर सकते. जबकि यूएन के महिलाओं के खिलाफ होनेवाले हर तरीके के भेदभाव पर मौजूद कंवेंशन (CEDAW) के मुताबिक, मैरिटल रेप एक अपराध है, जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं.
ना कहने का अधिकार/सेक्स एजुकेशन की भूमिका
अपने शरीर से जुड़े फैसले लेना आज भी महिलाओं के लिए एक चुनौती है. यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड की एक रिपोर्ट बताती है कि 57 विकासशील देशों की आधी से अधिक महिलाओं के पास गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने, अपने स्वास्थ्य से जुड़े फैसले लेने या सेक्स में ना कहने का अधिकार नहीं है. इसके पीछे एक बड़ी वजह अपने शरीर और उससे जुड़े अधिकारों के बारे में पर्याप्त जानकारी न होना है. यहां भूमिका आती है सेक्स एजुकेशन की.
गुंजन कहती हैं कि सेक्स एजुकेशन सिर्फ सेक्स से जुड़ी जानकारी नहीं, बल्कि खुद को पहचानने का एक जरिया है. यह हमें रिश्तों में सम्मान की अहमियत सिखाता है. हमें बताता है कि कैसे हम अपने और अपने साथी के शरीर का सम्मान करें.
सेक्स एजुकेशन की परिभाषा को सिर्फ इंटरकोर्स, यानी शारीरिक संबंध बनाने तक सीमित कर दिया गया है. इसीलिए जब भी स्कूलों में सेक्स एजुकेशन को शामिल करने की बात आती है, तो इसका विरोध किया जाता है. जबकि सेक्स एजुकेशन हमें सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव, यानी यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में जागरूक करता है. इसमें जेंडर, यौनिकता, लैंगिक हिंसा, मानवाधिकार, सहमति जैसे अहम मुद्दों की बात की जाती है.
सौरव लैंगिक और क्वीयर अधिकारों पर काम करनेवाली संस्था ‘नजरिया' के साथ काम करते हैं. वह ग्रामीण इलाकों में लोगों को उनके शरीर के अधिकारों के बारे में जागरूक करते हैं. वह बताते हैं, "हमें कभी न बताया गया न सिखाया गया कि हमारा शरीर काम कैसे करता है. शादी की पहली रात को क्या होता है, इस बारे में लोग बात ही नहीं करते."
प्रशिक्षण के अपने अनुभवों के बारे में सौरव बताते हैं, "ट्रेनिंग के दौरान अक्सर ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें अपने अंगों के बारे में कुछ पता नहीं होता, क्योंकि इससे इतनी शर्म जुड़ी है. खासकर, भारत में कई युवा/ किशोर जब अपने शरीर को समझ ही रहे होते हैं, उनकी शादी हो जाती है. ट्रेनिंग के दौरान जब हम महिलाओं को बताते हैं कि वे सेक्स के लिए अपने पति को ना भी कह सकती हैं, तो वो आश्चर्य जताती हैं."
अधिकतर महिलाओं के पास यह जानकारी ही नहीं होती कि वे शादी के रिश्ते में भी पति को सेक्स के लिए ना कह सकती हैं. अधिकतर मामलों में एक महिला के लिए वैवाहिक यौन हिंसा की पहचान करना भी मुश्किल होता है. जानकारी और जागरूकता की कमी इस समस्या को और गंभीर करती है. सेक्स एजुकेशन महिलाओं को इस बारे में जागरूक करने का एक जरिया हो सकता है.
डॉ. सुचित्रा दलवी भी हमीरपुर की घटना को सेक्स एजुकेशन की कमी से जोड़कर देखती हैं. वह कहती हैं, "सेक्स एजुकेशन की गैरमौजूदगी भी इसकी एक वजह है. अधिकर युवा पॉर्न के जरिये सेक्स को लेकर अपनी समझ बनाते हैं. ऐसे में हिंसा, सहमति जैसे मुद्दे कहीं पीछे छूट जाते हैं. लेकिन हम इस मुद्दे पर बात तभी करते हैं, जब हमारे सामने हमीरपुर जैसे केस आते हैं."
हमीरपुर के केस को सिर्फ एक इकलौती घटना की तरह नहीं देखा जा सकता. इस एक मामले में शादी में यौन हिंसा, महिलाओं के शरीर पर उनकी एजेंसी, सेक्स एजुकेशन की कमी जैसे अहम मुद्दे जुड़े हैं. इन मुद्दों पर शायद ही हमारे समाज में खुलकर बात होती है. इनसे जुड़ी शर्मिंदगी और जागरूकता के अभाव के नतीजे के हिंसा की ऐसी घटनाओं के रूप में दिखाई देते हैं. (dw.com)
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य लोगों को बरी कर दिया है. साईबाबा पर सरकार ने प्रतिबंधित माओवादी संगठनों के लिए काम करने के आरोप लगाए थे.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
न्यायमूर्ति विनय जोशी और वाल्मीकि एसए मेनेजेस की पीठ ने एक सेशंस अदालत के 2017 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसके तहत साईबाबा और अन्य लोगों को दोषी साबित किया गया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने ही इससे पहले भी अक्टूबर, 2022 में साईबाबा को बरी किया था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उस फैसले के खिलाफ तुरंत सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को एक विशेष सुनवाई में उस आदेश को खारिज कर हाई कोर्ट को मामले पर फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया था.
क्या है मामला
साईबाबा और अन्य लोगों को महाराष्ट्र में गडचिरोली पुलिस ने 2013 से 2014 के बीच गिरफ्तार किया था. उन सब पर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) और उसके सहयोगी संगठन रेवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्य होने का आरोप था.
पुलिस ने दावा किया था कि साईबाबा के घर से कई दस्तावेज, एक हार्ड डिस्क और कुछ पेन ड्राइव बरामद हुई थीं, जिनमें माओवादी साहित्य, चिट्ठियां, रिसाले और सीपीआई (माओवादी) की बैठकों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग थी.
साईबाबा और महेश करीमन तिर्की, हेम केशवदत्त मिश्रा, पांडु पोरा नारोते और प्रशांत राही को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. विजय तिर्की को 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने साईबाबा को निलंबित कर दिया और बाद में उन्हें नौकरी से निकाल भी दिया.
लंबे समय से बहुत बीमार हैं साईबाबा
54 साल के साईबाबा 80 प्रतिशत विकलांग हैं और व्हीलचेयर पर ही कहीं जा पाते हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में उन्हें 99 प्रतिशत विकलांग बताया गया है. उनके परिवार ने बार-बार अदालत से अपील की कि स्वास्थ्य आधार पर उन्हें जमानत दे दी जाए.
मई 2015 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे भी दी, लेकिन जल्द ही उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया. सितंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी और तब वो जेल से निकल पाए. मुकदमा चलता रहा.
पहली बार क्यों हुए थे बरी
अक्टूबर, 2022 में उन्हें बरी करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि उनके मामले में कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं हुआ है. दरअसल उन्हें 'अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट' (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
ऐसे मामलों में कोई भी अदालत अपराध को संज्ञान में तब तक नहीं ले सकती, जब तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार से अनुमति ना मिल जाए.
हाई कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सेशंस अदालत ने बिना अनुमति मिले मामले को संज्ञान में ले लिया था, जो कि प्रक्रिया का उल्लंघन है. इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा था कि बाद में जब अनुमति आई भी, तो वह किसी स्वतंत्र अथॉरिटी की जगह डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन से ली गई, और यह भी तय प्रक्रिया का उल्लंघन है.
इसी आधार पर अदालत ने साईबाबा और अन्य लोगों को बरी कर दिया था. उन्हें बरी करने का फैसला देने वाली पीठ के एक सदस्य न्यायमूर्ति रोहित देव ने अगस्त 2023 में इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने भरी अदालत में निजी कारणों की वजह से इस्तीफे की घोषणा की थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा था कि वो अपने आत्मसम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकते थे. (dw.com)
बिहार में दो दिनों के अंदर एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन की रैली हुई. पीएम मोदी ने औरंगाबाद और बेगूसराय में हुंकार भरी, तो उसके अगले दिन पटना में आयोजित जन विश्वास महारैली में विपक्षी महागठबंधन ने दमखम दिखाया.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
पटना में आयोजित जन विश्वास महारैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा-माले के जनरल सेक्रेटरी दीपंकर भट्टाचार्य ने भाजपा की केंद्र और बिहार की सरकार पर निशाना साधा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों जगहों पर कुल 48 मिनट के अपने संबोधन के दौरान देश को 48 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात दी. साथ ही, विपक्ष की दुखती रग परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर प्रहार किया. पीएम मोदी ने बिना नाम लिए परिवारवाद की चर्चा करते हुए राजद नेता व लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव पर तंज कसा.
पीएम ने कहा, "विरासत में मां-बाप से कुर्सी तो मिल जाती है, लेकिन उनके काम का जिक्र करने की हिम्मत नहीं होती है." मोदी ने लोगों को लालू-राबड़ी के शासनकाल की याद भी दिलाई. हाल ही में फिर साथ आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मोदी ने मंच पर भरपूर सम्मान दिया और उनकी बातों पर मुस्कुराए भी.
पत्रकार शिवानी सिंह कहती हैं, "एनडीए बिहार में 2019 की स्थिति को बनाए रखना चाहता है. इस बार तो बात सभी 40 सीटों पर जीत की है. जीत की राह में बीजेपी कोई कील-कांटा नहीं छोड़ना चाहती."
विपक्षी नेताओं का बिहार पर गजब का भरोसा
पटना की रैली में महागठबंधन ने सामूहिक रूप से केंद्र सरकार को परास्त करने का संकल्प लिया. इस रैली में भीड़ काफी थी. राजद के समर्थक तो काफी संख्या में थे ही, वाम दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भी जोरदार उपस्थिति दर्ज की. वाम दलों के लाल झंडे भी बड़ी संख्या में लहराते देखे गए.
बड़ी बात, बिहार पर नेताओं का गजब का भरोसा भी दिखा. राहुल गांधी ने कहा, "देश में जब भी बदलाव आता है, तो उससे पहले बिहार में तूफान उठता है, जो दूसरे प्रदेशों तक फैल जाता है." लालू प्रसाद यादव का कहना था बिहार की हवा में दम है. बिहार जो फैसला लेता है, उसे पूरा देश सुनता है. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कहा कि पाटलिपुत्र के गांधी मैदान से जब-जब आह्वान होता है, इंद्रप्रस्थ की सत्ता पलट जाती है. इस बार भी यहीं से सत्ता पलटने का आह्वान हुआ है, जो निश्चित ही सफल होगा.
विकास के रोडमैप की कोई चर्चा नहीं
राजनीतिक समीक्षक अरुण कुमार चौधरी कहते हैं, "प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल शिलान्यास, उद्घाटन या नई परियोजनाओं की घोषणा की, बल्कि बिहार को विकसित बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने दोनों सभाओं में इसका जिक्र भी किया. जबकि, जन विश्वास महारैली में विपक्ष के पास राजनीतिक मुद्दों की कमी दिखी. वे ऋण के कुचक्र में देश के फंसने और महंगाई या फिर बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर आवाज बुलंद कर सकते थे, अपनी योजनाएं बता सकते थे."
विपक्षी नेताओं ने हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने और किसानों की आय दोगुनी करने जैसे कुछ मुद्दों पर बात तो की, लेकिन विकल्प के तौर पर इसका कोई रोडमैप नहीं प्रस्तुत कर सके. इस रैली में मुख्य तौर पर राजद-कांग्रेस को नौकरी से इतर प्रदेश से रोजगार के लिए पलायन, औद्योगिक क्षेत्र में निवेश नहीं होना, बढ़ती गरीबी और नशे के व्यापार जैसी गंभीर होती अन्य सामाजिक समस्याओं को जोर-शोर उठाना चाहिए था. लेकिन, ऐसा लगा कि जैसे हर कोई अपना ही राग अलापने में व्यस्त था.
एक बात और, वाम नेताओं का अंदाज भी बदला हुआ दिखा. इसकी एक झलक येचुरी के भाषण में देखने को मिली. उन्होंने अमृत कलश की चर्चा की और कहा कि यह गलत हाथों में चला गया है.
परिवार पर छिड़ी नई बहस
जन विश्वास रैली में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भी उन मुद्दों को ताजा किया, जो उनके कोर वोटरों में उत्साह भर देता है. इसलिए ए-टू-जेड की बात करने वाले तेजस्वी ने कहा, "लालू ने लोगों को मानसिक गुलामी से निकाला, अब कोई चप्पल उतरवा सकता है क्या? अब कोई कुएं का पानी पीने से रोक सकेगा क्या? लोग अब 10-10 कुएं बनवा लेंगे और यदि जरूरत पड़ी, तो दूसरों को पिला भी देंगे."
वहीं, लालू ने पीएम मोदी के परिवारवाद और हिंदू होने पर तंज कसा. अपने संबोधन में कहा, "आजकल मेरे परिवार पर हमला हो रहा है. अगर उन्हें संतान नहीं हुई, तो मैं क्या करूं? मोदी जी की मां मरीब, तो उन्होंने बाल नहीं कटवाए. कैसे हिंदू हैं? अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की बात करते हैं, तो क्या अब तक प्रतिमा में प्राण नहीं था."
इसके साथ ही उन्होंने मंडल कमीशन और गरीब-गुरबों को वोट से रोके जाने की भी चर्चा करते हुए कहा कि आज सत्ता पर पिछड़े वर्ग का कब्जा हो रहा है. हर दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक सत्ता के दरवाजे पर खड़ा है. इतना ही नहीं, परिवार को प्रश्रय दिए जाने के आरोपों से इतर उन्होंने अपनी बेटी रोहिणी आचार्य का रैली में उपस्थित लोगों से परिचय करवाया और कहा, इसी बेटी की किडनी पर वे जीवित हैं. लालू अपनी बेटी मीसा भारती और दोनों बेटों, तेजस्वी और तेजप्रताप की प्रशंसा करने से नहीं चूके.
परिवार को लेकर पीएम मोदी पर लालू के तंज ने बीजेपी या फिर कहें एनडीए को नया हथियार दे दिया है. पीएम मोदी ने इस पर पलटवार करते हुए तेलंगाना के आदिलाबाद में कहा, "मेरा भारत मेरा परिवार है. जिनका कोई नहीं है, वो मेरे हैं और मैं उनका हूं."
पत्रकार अमित पांडे कहते हैं, "जन विश्वास महारैली भले ही महागठबंधन का उत्साहवर्धन करने में सफल रही हो, लेकिन एनडीए ने ‘अबकी बार 400 के पार' की बात करके उनके समक्ष इतनी बड़ी लकीर खींच दी है, जिसका सामना करने के लिए उन्हें योजनाबद्ध तरीके से एकजुटता के साथ रणनीति के तहत काम करना होगा. जनता अब ठोस विकल्प चाहती है. दावों और वादों के बीच अपनी डफली, अपना राग उनके लिए नुकसानदेह ही साबित होगी." (dw.com)
लखनऊ, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश के काकोरी के हाता हजरत साहब इलाके में मंगलवार रात एक दो-मंजिला इमारत में आग लग गई। आग के कुछ ही देर बाद सिलिंडर में धमाका हुआ। ज्वाइंट सीपी (पुलिस) उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है।
पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, काकोरी के हाता हजरत साहब वार्ड में मंगलवार देर रात 48 वर्षीय मुशीर के मकान में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग की तपिश से कमरे में रखा सिलेंडर तेज धमाके के साथ फट गया।
विस्फोट इतना तेज था कि कमरे की छत और दीवार ढह गई। जब तक मकान के भीतर के लोग बाहर निकल पाते तब तक आग पूरे मकान में फैल गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। बाकी के लोग किसी तरह से बाहर निकले।
आग बुझाने में पुलिस और दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घायलों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
(आईएएनएस)
नंदयाल (आंध्र प्रदेश), 6 मार्च । आंध्र प्रदेश के नंदयाल जिले में बुधवार को एक कार के खड़े ट्रक से टकरा जाने से नवविवाहित जोड़े सहित एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई।
यह दुर्घटना अल्लागड्डा मंडल में नल्लागाटला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई।
पुलिस ने बताया कि हादसा सुबह करीब 5.15 बजे हुआ जब कार चला रहे व्यक्ति ने सड़क किनारे खड़े ट्रक पर ध्यान नहीं दिया।
कार में सवार सभी पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हैदराबाद का रहने वाला परिवार तिरुमाला मंदिर में दर्शन के बाद तिरुपती से घर लौट रहा था।
बालाकिरण और काव्या, जिनकी एक सप्ताह पहले शादी हुई थी, दुर्घटना में मारे गए। बालाकिरण की मां मंथरी लक्ष्मी और पिता मंथरी रविंदर और छोटा भाई उदय भी मारे गए।
परिवार सिकंदराबाद के पश्चिमी वेंकटपुर का रहने वाला था। बालाकिरण ने 29 फरवरी को काव्या के साथ शादी की थी और रिसेप्शन 3 मार्च को शहर के शमीरपेट में आयोजित किया गया था।
(आईएएनएस)
भोपाल, 6 मार्च । मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। सभी 29 संसदीय क्षेत्र के लिए दो-दो एलईडी प्रचार रथों को रवाना किया गया है। इन रथों के जरिये छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं होंगी और आमजन से विकसित भारत संकल्प पत्र के लिए सुझाव लिए जाएंगे।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को आयोजित समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर सभी 29 संसदीय क्षेत्र के लिए प्रचार रथ को रवाना किया। हर संसदीय क्षेत्र के लिए दो प्रचार रथ हैं। प्रचार रथ आमजन के बीच पहुंचकर विकसित भारत संकल्प पत्र के लिए सुझाव लेंगे और केंद्र सरकार की योजनाओं से अवगत भी कराएंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने भाजपा के 'अबकी बार मोदी सरकार' और 'अबकी बार 400 पार' नारे का जिक्र करते हुए कहा कि अब तो प्रतिपक्ष के नेता भी इस नारे को कहने लगे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाना है और मध्य प्रदेश को देश का नंबर एक प्रदेश बनाना है।
राज्य की 29 लोकसभा सीटों में से 24 के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। पार्टी ने संसदीय क्षेत्रों में भी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है।
एलईडी प्रचार वाहन जहां केंद्र सरकार की योजनाओं को आमजन के बीच पहुंचेंगे, वहीं विकसित भारत संकल्प पत्र के लिए उनसे सुझाव भी लेंगे। यह सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाए जाएंगे।
(आईएएनएस)
गाजियाबाद, 6 मार्च । गाजियाबाद के कवि नगर इंडस्ट्रियल एरिया में बुधवार सुबह फायर विभाग को सूचना मिली कि एक अगरबत्ती-धूपबत्ती बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने देखा कि आग बेसमेंट से लेकर सेकंड फ्लोर तक पहुंच गई है।
इसके बाद मौके पर फायर ब्रिगेड की नौ गाड़ियों को बुलाया गया और लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
गाजियाबाद के चीफ फायर ऑफिसर राहुल पॉल ने बताया कि फायर स्टेशन कोतवाली को सुबह 7:25 पर सूचना मिली कि कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्री में आग लग गई है, जिसके बाद 5 गाड़ियों को रवाना किया गया।
वहां पहुंच कर देखा कि आग बेसमेंट, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर पर लगी हुई है।
फैक्ट्री में धूपबत्ती, अगरबत्ती बनाने का काम होता था। बेसमेंट में उनका माल रखा हुआ था।
फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया, लेकिन आग बढ़ती चली गई। जिसके बाद वैशाली, नोएडा से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया गया है, अब तक 9 गाड़ियां आ चुकी हैं।
फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई है। आग पर काबू पाने का प्रयास लगातार जारी है। (आईएएनएस)
गाजियाबाद, 6 मार्च । किसान संगठनों के दिल्ली के जंतर मंतर पर कूच करने के ऐलान को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर सिक्योरिटी फोर्सज को बढ़ा दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर बने पुल के नीचे बैरिकेड लगाकर रोड पर आवाजाही को रोका गया है।
दूसरी तरफ पुल के ऊपर पैरामिलिट्री फोर्सेस को तैनात किया गया है और वाहनों को चेक करके ही दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जा रही है।
किसान संगठनों का कहना है कि 6 मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक तरीके से कूच करेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों ने तैयारी की है।
किसानों के कूच करने को लेकर दिल्ली और यूपी पुलिस दोनों सतर्क हो गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सर्विस लेन पर बैरिकेड लगाकर उसे बंद कर दिया है।
गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले फ्लाईओवर के ऊपर भी बैरिकेड रख दिए गए हैं, लेकिन फिलहाल अभी उसे बंद नहीं किया गया है। इससे सबसे ज्यादा यातायात प्रभावित होगा।
सामान्य तौर पर गाजीपुर बॉर्डर पर गाजीपुर मुर्गा मंडी जाने वाले रास्ते पर लोहे के बेरिकेड्स लगे रहते हैं। लेकिन अलर्ट के चलते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के ऊपर भी काफी संख्या में बेरिकेड्स खड़े कर दिए गए हैं।
गाजीपुर मंडी की सर्विस लेन पर रखे गए बैरिकेट्स के चलते लोगों को दिनभर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
(आईएएनएस)
सना, 6 मार्च । यमन के हूथी विद्रोहियों ने कहा है कि उसने मंगलवार रात लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के दो युद्धपोतों पर मिसाइल और ड्रोन से कई हमले किए।
हूथी सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने सैटेलाइट टीवी चैनल अल-मसीरा पर प्रसारित एक बयान में कहा, "हमने लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाते हुए एक सैन्य अभियान चलाया। यह ऑपरेशन कई नौसैनिक मिसाइलों और ड्रोनों के साथ किया गया।"
उन्होंने कहा, "हमारे सशस्त्र बल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के समर्थन में और हमारे देश (यमन) के खिलाफ अमेरिकी-ब्रिटिश आक्रामकता के जवाब में सभी शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों के खिलाफ हमलों का विस्तार करने में संकोच नहीं करेंगे।"
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 मार्च । दिल्ली पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में "लापरवाह ड्राइविंग और खतरनाक स्टंट" के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक एसयूवी को जब्त कर लिया है। पुलिस ने बुधवार को कहा कि ड्राइवर को पकड़ने का प्रयास जारी है।
अधिकारियों ने कहा कि एसयूवी पर एक बीकन था और स्टंट के वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए थे।
आरडब्ल्यूए राजौरी गार्डन द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बाद कार्रवाई की गई। शिकायत में कहा गया था कि कुछ वाहन चालक लापरवाही से वाहन चलाते हैं और स्टंट करते हैं।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विचित्र वीर ने कहा, “पुलिस ने संज्ञान लिया जिसके कारण 27 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई।”
जांच में अपराधी की इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल की पहचान की गई।
डीसीपी ने कहा, "नंबर प्लेट हटाकर वाहनों की पहचान छिपाने की कोशिशों के बावजूद सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच से संबंधित एसयूवी की पहचान हुई और उसे जब्त कर लिया गया।"
डीसीपी ने आगे कहा कि ऐसे वीडियो ना केवल किसी व्यक्ति के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को दिखाते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को दिल दहला देने वाले दर्द का कारण भी बनते हैं।
डीसीपी ने कहा, "आगे की जांच चल रही है। इन खतरनाक स्टंटों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पकड़ने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।"
(आईएएनएस)
अमरावती, 6 मार्च । जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण ने बुधवार को यहां तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू से उनके आवास पर मुलाकात की।
समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा के आगामी चुनावों के लिए भाजपा को गठबंधन सहयोगी बनाने पर चर्चा की।
इस मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व के साथ चर्चा के लिए चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण के दिल्ली जाने की संभावना है।
पिछले महीने अपने सीट-बंटवारा समझौते की घोषणा करते हुए, तेदेपा और जन सेना नेताओं ने कहा था कि भाजपा के गठबंधन में शामिल होने के लिए दरवाजे खुले हैं।
माना जाता है कि राज्य के अधिकांश भाजपा नेता सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से मुकाबला करने के लिए तेदेपा-जेएसपी गठबंधन के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं। प्रदेश भाजपा प्रमुख डी. पुरंदेश्वरी ने कहा है कि गठबंधन पर फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।
तेदेपा और जन सेना नेताओं ने भी अपनी-अपनी पार्टियों के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर चर्चा करने की सूचना दी है।
दोनों पार्टियों ने 24 फरवरी को अपने सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा की। तेदेपा ने 175 विधानसभा सीटों में से 24 और 25 लोकसभा सीटों में से तीन जन सेना के लिए छोड़ी हैं।
उसी दिन, तेदेपा ने 94 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जबकि जन सेना ने पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की।
चंद्रबाबू नायडू ने भी कहा था कि अगर भाजपा गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताती है तो वे बातचीत करेंगे और उचित फैसला लेंगे।
जन सेना भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है। उसने भगवा पार्टी के फैसले से पहले ही तेदेपा से हाथ मिला लिया। पवन कल्याण लंबे समय से भाजपा नेतृत्व को गठबंधन में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाईएसआरसीपी विरोधी वोट विभाजित न हों।
चंद्रबाबू नायडू ने आगामी चुनावों के लिए त्रिपक्षीय चुनावी गठबंधन पर चर्चा करने के लिए 7 फरवरी को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की थी।
तेदेपा नेताओं ने दावा किया था कि बैठक भाजपा के निमंत्रण पर हुई थी। हालांकि, गठबंधन पर कोई फैसला नहीं हुआ।
तेदेपा ने 2018 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था। हालाँकि 2019 के चुनावों में करारी हार झेलने के बाद उसने गठबंधन को पुनर्जीवित करने में रुचि दिखाई। भाजपा नायडू के प्रस्तावों के प्रति उदासीन रही क्योंकि राज्य की जगन सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे थे और कई प्रमुख विधेयकों को पारित करने में संसद में उसका समर्थन किया था।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 5 मार्च । कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को दो भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों को नवंबर 2022 में मांड्या शहर में विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार भाजपा कार्यकर्ताओं की पहचान धनायकापुरा निवासी रवि और मांड्या निवासी शिवकुमार आराध्या के रूप में हुई है।
वकील कन्नामबड़ी कुमार ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने घटना के करीब डेढ़ साल बाद कार्रवाई की।
कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान लगाए थे। अब, मांड्या एसपी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
राज्य के गृहमंत्री से पत्रकारों ने पूछा, अब गिरफ्तारियां क्यों की गईं? इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है।
उन्होंने सवाल किया, यह घटना तब हुई जब भाजपा सत्ता में थी, लेकिन उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की?
इस बीच, रवि और आराध्या ने गिरफ्तारी से पहले कहा था कि वे कट्टर भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कसम खाई और कहा कि यदि उनका गला भी काट दिया जाए तब भी वे 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे नहीं लगाएंगे। हम केवल 'भारत माता की जय' के नारे लगाएंगे। जैसे ही नारे हिंदी में लगाए गए तो भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और 'मुर्दाबाद' की जगह 'जिंदाबाद' कह दिया था। दोनों ने इसके लिए माफी भी मांगी थी।
(आईएएनएस)