राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी अनिल बलूनी के लिए चुनाव प्रचार करने भाजपा के सांसद, उत्तर पूर्वी दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी देवभूमि के ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर पहुंचे।
यहां उन्होंने अनिल बलूनी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भजन के जरिए कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधा। इसका वीडियो उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर भी शेयर किया है।
मनोज तिवारी ने वीडियो शेयर करते हुए एक्स हैंडल पर लिखा, ''ये संदेश देवभूमि उत्तराखंड गढ़वाल से।'' इसके साथ ही उन्होंने अपने पोस्ट में, #फिर एक बार मोदी सरकार, #अबकी बार 400 पार, हैश टैग का भी इस्तेमाल किया। वीडियो में सुना जा सकता है, मनोज तिवारी विपक्ष पर तंज कसते हुए गा रहे हैं, ''जिनको राम से है नफरत, भगवान से है नफरत, इस चुनाव में उन सबकी पहचान जरूरी है, देवभूमि के लोगों कमल निशान जरूरी है।''
जनसभा को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी ने लोगों से पूछा कि भगवान राम से किसी को नफरत होनी चाहिए? हमको किसी दूसरे धर्म से नफरत नहीं है, हम तो हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी सभी का सम्मान करते हैं, जब हमें कोई भी मिलता है तो हम कहते हैं सबका साथ, सबका विकास। लेकिन, उनको भगवान राम से नफरत है, उनको हमारे श्याम से नफरत है। ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है या नहीं? इसलिए, देवभूमि को कमल का निशान जरूरी है। इसके लिए आपको लाठी और डंडा नहीं उठाना है, इसके लिए बस कमल का बटन दबाकर अनिल बलूनी को सांसद बनाना है। नरेंद्र मोदी को फिर एक बार देश का प्रधानमंत्री बनाना है।
इस दौरान भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र किया। मनोज तिवारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि चुनाव मैं भी लड़ रहा हूं, अगर दिल्ली में आपका कोई परिचित होगा, तो उसको भी फोन घुमा देना, मनोज भैया को भी जीता देना। गढ़वाल से अनिल बलूनी, देवभूमि की पांचों सीट से कमल का निशान और मनोज तिवारी की भी दिल्ली में होनी चाहिए छोटी सी पहचान। बता दें कि उत्तराखंड की सभी पांचों लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है।
(आईएएनएस)
इंफाल, 17 अप्रैल मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि संघर्षरत समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की शांति वार्ता में राज्य की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए और मूल निवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।
सिंह ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में 'संकल्प पत्र' जारी करते हुए कहा, ''शांति वार्ता में राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और हमारे मूल निवासियों के कल्याण से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। हम ऐसी शांति वार्ता को स्वीकार नहीं करेंगे, जो इन मूलभूत मुद्दों को कमजोर करती हो।''
उन्होंने कहा, ''केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हालिया दौरे के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि भाजपा मणिपुर की एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। ''
सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इस तथ्य का संज्ञान लेने कि अवैध अप्रवासियों ने राज्य में जनसांख्यिकीय संतुलन को बाधित करने का प्रयास किया है, का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी जानकारी विपक्ष को नहीं है।
सिंह ने भाजपा के घोषणापत्र के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी वादे करते हैं, उन्हें हमेशा पूरा किया जाता है।
उन्होंने कहा, ''मोदी ने राज्य के 19 थाना क्षेत्रों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) हटा दिया, जिसका प्रभाव युवाओं और समाज के वर्गों पर पड़ता था।''
सिंह ने जनता से 'इनर' मणिपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बसंतकुमार सिंह को जिताने की अपील की।
बसंतकुमार, राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित कैबिनेट उप-समिति के सदस्य भी हैं।
सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए मेइती और कुकी के शीर्ष नागरिक निकायों के बीच औपचारिक शांति वार्ता फिलहाल शुरू नहीं हुई है। (भाषा)
भुवनेश्वर, 17 अप्रैल । ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दो निर्वाचन क्षेत्रों से राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।
सीएम पटनायक ने 2019 में भी दो विधानसभा क्षेत्रों -- गंजम में हिंजिली सीट और बारगढ़ में बीजेपुर से चुनाव लड़ा था। हालांकि, बाद में उन्होंने बीजेपुर सीट से इस्तीफा दे दिया था।
सीएम पटनायक ने बुधवार को राज्य विधानसभा के लिए उम्मीदवारों की पांचवीं सूची की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह बलांगीर लोकसभा क्षेत्र के तहत कांटाबांजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने अस्का संसदीय क्षेत्र के तहत अपने गृह क्षेत्र हिंजिली विधानसभा क्षेत्र से छठी बार चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
कांटाबांजी में सीएम पटनायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता संतोष सिंह सलूजा के बीच मुकाबला होगा।
पार्टी ने दो विधानसभा क्षेत्र -- रायराखोल और संबलपुर से उम्मीदवार बदल दिए हैं। सीएम पटनायक ने घोषणा की कि वरिष्ठ नेता प्रसन्ना आचार्य संबलपुर सीट के बजाए अब रायराखोल से लड़ेंगे, जबकि रायराखोल के उम्मीदवार रोहित पुजारी संबलपुर से चुनाव लड़ेंगे।
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने निमापारा विधानसभा क्षेत्र से अनुभवी नेता समीर रंजन दाश की जगह दिलीप कुमार नायक को मैदान में उतारने का फैसला किया है। पार्टी ने मौजूदा विधायक रजनी कांत सिंह की पत्नी संजुक्ता सिंह को भी अंगुल विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी ने पद्मपुर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक वर्षा सिंह बरिहा को फिर से उम्मीदवार बनाया है।
इसी तरह, संबलपुर के मौजूदा सांसद और भाजपा नेता नीतीश गंग देव की पत्नी अरुंधति कुमारी देवी को पार्टी ने देवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। अरुंधति कुमारी देवी मंगलवार को बीजद में शामिल हो गईं थीं। बीजद के वरिष्ठ नेता रबीनारायण नंदा की पत्नी डॉ. इंदिरा नंदा को पार्टी ने जयपोर सीट से मैदान में उतारा है।
पार्टी ने अस्का लोकसभा क्षेत्र की सनाखेमुंडी विधानसभा सीट से नंदिनी देवी की जगह धाराकोटे रॉयल वंशज सुलख्याना गीतांजलि देवी को उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह, पार्टी ने चित्रकोंडा सीट से लक्ष्मीप्रिया नायक और कुचिंडा विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र कुमार छत्रिया को उम्मीदवार बनाया है।
147 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान चार चरणों 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होगा। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
(आईएएनएस)
सिलचर (असम), 17 अप्रैल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पूरे देश को ‘‘डिटेंशन कैंप’’ बनाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सत्ता में आता है तो संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को खत्म कर दिया जाएगा।
असम में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार उम्मीदवारों के समर्थन में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटते हैं तो देश में ‘‘लोकतंत्र नहीं बचेगा और चुनाव नहीं होंगे।’’
बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (भाजपा) पूरे देश को डिटेंशन कैंप बना दिया है...मैंने अपने जीवन में इतना खतरनाक चुनाव कभी नहीं देखा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी टीएमसी सभी धर्मों से प्यार करती है और नहीं चाहती कि धार्मिक आधार पर लोगों के बीच भेदभाव हो।
बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘अगर ‘इंडिया’ गठबंधन जीतता है, तो एनआरसी, सीएए और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू नहीं होगी। हम सभी भेदभावपूर्ण कानूनों को रद्द कर देंगे।’’
उन्होंने लोगों से लोकसभा चुनाव में असम में टीएमसी के सभी चार उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की और घोषणा की कि उनकी पार्टी 2026 के राज्य विधानसभा चुनाव में सभी 126 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बनर्जी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक ट्रेलर है...फाइनल अभी बाकी है। मैं फिर आऊंगी।’’ (भाषा)
दिल्ली, 17 अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर अपना वोट प्रतिशत बढ़ाकर लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट जीतने पर है, जबकि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) को उम्मीद है कि गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति ‘सहानुभूति की लहर’ का लाभ उठाकर वह भगवा दल की जीत के सिलसिले को तोड़ने में कामयाब रहेगी।
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दल कांग्रेस और आप दिल्ली लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं इसिलए उनके भाजपा से सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है।
आप ने चार सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा और आप-कांग्रेस गठबंधन, दोनों ने तेजतर्रार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिससे चुनावी जीत हासिल करने के लिहाज से कड़े मुकाबले का माहौल तैयार हो गया है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि इस बार पार्टी के लिए चुनौती जीत का अंतर बढ़ाना है।
पूर्वांचल से जुड़े लोगों और मुसलमानों के प्रभुत्व वाली पूर्वोत्तर दिल्ली सीट पर बिहार के दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा ने इस सीट पर मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है जो लोकसभा में तीसरी बार पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कन्हैया कुमार कांग्रेस की तरफ से पहली बार चुनावी मैदान में होंगे।
कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकप) के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे थे।
दिल्ली में एक भाजपा नेता ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त कहा कि तिवारी के पास सीट बरकरार रखने की अधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि एक छात्र नेता के रूप में कुमार के अतीत और वामपंथ से उनके जुड़ाव के चलते ‘ध्रुवीकरण प्रभाव’ की संभावना है।
कांग्रेस 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले की इस अहम ड़ाई में अपनी छाप छोड़ने के लिए कुमार की लोकप्रियता और उनके वक्तृत्व कौशल और वाकपटुता का फायदा उठाना चाह रही है।
पूर्वी दिल्ली में आप ने अपने दलित विधायक कुलदीप कुमार को सामान्य सीट से मैदान में उतारा है जिसका विभिन्न लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले 12 आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों के समुदाय के मतदाताओं पर असर पड़ सकता है।
पूर्वी दिल्ली सीट पर वर्ष 2019 में गौतम गंभीर ने कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 3.39 लाख वोट से हराकर जीत हासिल की थी, जबकि आप नेता आतिशी तीसरे स्थान पर रही थीं।
इस बार कांग्रेस और आप, दोनों मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन भाजपा को भरोसा है कि वह सभी सात सीट पर चुनाव जीतने में सफल रहेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हर सीट पर भाजपा प्रत्याशियों को मिले वोट कांग्रेस और आप के प्रत्याशियों को मिले कुल वोट से अधिक थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में, दिल्ली में भाजपा को कुल पड़े वोट में से 56.5 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 22 फीसदी और आप को 18.1 फीसदी से संतोष करना पड़ा था।
भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने में जातीय समीकरणों को भी साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने पूर्वी दिल्ली से पंजाबी नेता हर्ष मल्होत्रा, चांदनी चौक से बनिया नेता प्रवीण खंडेलवाल, दक्षिणी दिल्ली से विधायक और गुर्जर नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली से जाट नेता कमलजीत सहरावत और उत्तर-पश्चिम दिल्ली (आरक्षित सीट) से दलित नेता योगेन्द्र चंदोलिया को मैदान में उतारा है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि इसने दो महिला उम्मीदवारों -सहरावत और बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है और इससे अधिक महिला वोट हासिल करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप सहानुभूति के माध्यम से चुनावी लाभ उठाना चाह रही है।
आप का चुनावी अभियान भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। आप का ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान के तहत लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे केजरीवाल की गिरफ्तारी का जवाब अपने वोटों से दें।
इस महीने की शुरुआत में समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ के मुख्यालय में यहां संपादकों के साथ बातचीत में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा था, ‘‘इस समय मुझे दिल्ली के बाहर की स्थिति के बारे में नहीं पता, लेकिन मैं दिल्ली के बारे में विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप और केजरीवाल के प्रति लोगों में भारी सहानुभूति है। यहां तक कि भाजपा का समर्थन करने वाले लोग भी महसूस कर रहे हैं कि यह अति है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।’’
आप ने तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती को नयी दिल्ली सीट से और सहीराम पहलवान को दक्षिण दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। आप ने पश्चिमी दिल्ली सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने चांदनी चौक सीट से जेपी अग्रवाल को और उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से भाजपा के पूर्व सांसद उदित राज को अपना उम्मीदवार बनया है। (भाषा)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव सहित विपक्षी इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं पर बड़ा हमला बोला है।
उन्होंने कहा है कि भारत और पूरी दुनिया में रामनवमी का अद्भुत पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन, इंडी गठबंधन के नेता भारत और भारतीय संस्कृति को अपमानित करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि में मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। इस अवसर पर एक ओर जहां अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक किया गया है, वहीं दूसरी तरफ इंडी गठबंधन के नेता भारत और भारतीय संस्कृति को अपमानित और लज्जित करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस अवसर पर शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं। मतलब वह इस पर्व को अशांति से जोड़कर इसका अपमान कर रही हैं। वह एक बार फिर से भारतीय संस्कृति और सनातन संस्कृति को अपमानित करने का प्रयास कर रही हैं।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को उत्तर प्रदेश की सीमा गाजियाबाद से गाजीपुर तक ही क्यों नजर आई? गौतमबुद्ध नगर से कुशीनगर तक क्यों नहीं नजर आई, सहारनपुर से बलिया तक नजर क्यों नहीं आई? दोनों नेताओं में से कोई भी उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। 2019 में अमेठी से हारने के बाद राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश को छोड़ दिया था और उनकी माता सोनिया गांधी ने चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही राज्यसभा का रास्ता अपनाकर यूपी को छोड़ दिया। अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं क्योंकि सबको पता है कि आएगा तो मोदी ही।
उन्होंने राम मंदिर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बयान को सनातन विरोधी बयान बताते हुए कहा कि सूर्य तिलक के वैज्ञानिक अवसर को पाखंड कहना सनातन के प्रति उनकी अवमानना की भावना को दर्शाता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर उठाए गए सवाल पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत के इतिहास में यह शायद पहली बार हो रहा है कि जिन लोगों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपए लिए हैं, वो ही इसको घोटाला कह रहे हैं। इसके जरिए वह पैसे ले भी रहे हैं और आलोचना भी कर रहे हैं। देश की जनता इसे समझ रही है।
(आईएएनएस)
नोएडा, 17 अप्रैल । लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। कई बार यह देखने को मिलता है कि मतदाता पहचान पत्र नहीं होने के चलते लोग वोट करने नहीं जाते हैं।
ऐसी स्थिति में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से किसी एक का प्रयोग करके भी लोग अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी गौतम बुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग से मिली गाइडलाइंस के मुताबिक लोकसभा चुनाव में मतदाता फोटो पहचान पत्र के विकल्प के रूप में अपनी पहचान से जुड़े वैकल्पिक दस्तावेजों को साथ ले जा सकते हैं।
जिन मतदाताओं के पास पहचान पत्र नहीं हैं, ऐसे मतदाता पहचान के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक, डाकघर से जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई से जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज को अपने साथ ले जा सकते हैं।
केंद्र, राज्य सरकार, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र, यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करके आप अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 17 अप्रैल । पंजाब में किसानों का आंदोलन जारी है। किसान बुधवार को पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे कम से कम 35 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो गई।
किसानों ने 13 फरवरी से केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर शंभू के पास अंतरराज्यीय सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर रखा है।
प्रदर्शनकारी बुधवार को जब रेलवे ट्रैक को ब्लॉक करने के लिए आगे बढ़ रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे उनके बीच झड़प हो गई। बैरिकेडिंग तोड़कर वे ट्रैक पर बैठ गए।
ये लोग गिरफ्तार तीन किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
एक दिन पहले, गिरफ्तार नवदीप जलबेरा के पिता जय सिंह ने लोगों से "गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए गए निर्दोष किसान युवाओं" को रिहा करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान किया था।
शंभू राष्ट्रीय राजधानी से हरियाणा होते हुए पंजाब का प्रवेश द्वार है।
(आईएएनएस)
रांची, 17 अप्रैल । भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान की जन्मभूमि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और दावे हैं। इनमें से एक मान्यता है कि हनुमान का जन्म स्थान झारखंड के गुमला में स्थित आंजन पर्वत है।
आंजन धाम के नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ी और वहां स्थित गुफा में माता अंजनी की गोद में विराजमान बाल हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए रामनवमी पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां आम दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थल से जुड़ी मान्यताओं के बारे में आचार्य संतोष पाठक बताते हैं कि हनुमान भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं और उनका जन्म आंजन धाम में हुआ था।
सनातन धर्मावलंबियों के व्यापक जनसमूह का विश्वास है कि झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 21 किमी की दूरी पर स्थित आंजन पर्वत ही वह स्थान है, जहां माता अंजनी ने उन्हें जन्म दिया था। माता अंजनी के नाम से इस जगह का नाम आंजन धाम पड़ा। इसे आंजनेय के नाम से भी जाना जाता है। यहां स्थित मंदिर पूरे भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां भगवान हनुमान बाल रूप में मां अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं।
आंजन धाम के मुख्य पुजारी केदारनाथ पांडेय बताते हैं कि माता अंजनी भगवान शिव की परम भक्त थीं। वह हर दिन भगवान की विशेष पूजा अर्चना करती थीं। उनकी पूजा की विशेष विधि थी, वह वर्ष के 365 दिन अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करती थीं। इसके प्रमाण अब भी यहां मिलते हैं। कुछ शिवलिंग व तालाब आज भी अपने मूल स्थान पर स्थित हैं। आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में 8 शिवलिंग दो पंक्तियों में हैं। इसे अष्टशंभू कहा जाता है। शिवलिंग के ऊपर चक्र है। यह चक्र एक भारी पत्थर का बना है।
केदारनाथ पांडेय के अनुसार रामायण में किष्किंधा कांड में भी आंजन पर्वत का उल्लेख है। आंजन पर्वत की गुफा में ही भगवान शिव की कृपा से कानों में पवन स्पर्श से माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया। आंजन से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर पालकोट बसा हुआ है। पालकोट में पंपा सरोवर है। रामायण में स्पष्ट उल्लेख है कि पंपा सरोवर के बगल का पहाड़ ऋषिमुख पर्वत है, जहां पर कपिराज सुग्रीव के मंत्री के रूप में हनुमान रहते थे।
इसी पर्वत पर सुग्रीव का श्रीराम से मिलन हुआ था। यह पर्वत भी लोगों की आस्था का केंद्र है। चैत्र माह में रामनवमी से यहां विशेष पूजा अर्चना शुरू हो जाती है जो महावीर जयंती तक चलती है। यहां पूरे झारखंड समेत देश भर से लोग आते हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
(आईएएनएस)
रांची, 17 अप्रैल । झारखंड में इस बार लोकसभा का चुनाव पिछले चुनावों से कई मायनों में अलग है। यह पहली बार है, जब राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर 20 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की किस्मत दांव पर लगी है। इनमें नौ लोकसभा सांसद, एक राज्यसभा सांसद और 10 विधायक शामिल हैं।
मौजूदा लोकसभा सांसदों में निशिकांत दुबे गोड्डा सीट से लगातार चौथी बार संसद पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि पलामू से बीडी राम, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और राजमहल से विजय हांसदा के सामने हैट्रिक लगाने का मौका है। कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, खूंटी से अर्जुन मुंडा, गिरिडीह से चंद्रप्रकाश चौधरी और सिंहभूम से गीता कोड़ा लगातार दूसरी बार संसद पहुंचने के लिए मैदान में हैं।
राज्यसभा के सांसद समीर उरांव इस बार लोहरदगा से लोकसभा पहुंचने की दावेदारी कर रहे हैं। राज्य के नौ विधायकों को बड़ी पार्टियों ने इस बार लोकसभा की जंग में उतारा है। इनमें हजारीबाग सीट पर भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल, गोड्डा सीट पर कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह, धनबाद में भाजपा के ढुल्लू महतो, सिंहभूम में झामुमो की जोबा मांझी, गिरिडीह में झामुमो के मथुरा महतो, कोडरमा में सीपीआई एमएल के विनोद सिंह, दुमका में भाजपा की सीता सोरेन और झामुमो के नलिन सोरेन शामिल हैं।
इनके अलावा झामुमो के एक विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले पांच 'योद्धाओं' को इस बार चुनावी पिच पर बैटिंग का मौका नहीं मिल पाया है। इनमें पिछले चुनाव में राज्य में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा जिन सांसदों को इस बार चुनाव मैदान से बाहर होना पड़ा है, उनमें हजारीबाग से जयंत सिन्हा, चतरा से सुनील सिंह, दुमका से सुनील सोरेन और लोहरदगा से सुदर्शन भगत शामिल हैं।
राज्य में बड़ी पार्टियों ने इस बार सबसे ज्यादा संख्या में महिला उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने सिंहभूम से गीता कोड़ा, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी और दुमका से सीता सोरेन को उतारा है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह, पलामू से ममता भुइयां, धनबाद से अनुपमा सिंह और सिंहभूम से जोबा मांझी को टिकट दिया है। इस तरह 14 लोकसभा सीटों पर बड़ी पार्टियों ने कुल सात महिला प्रत्याशी उतारे हैं।
यह बात भी तय मानी जा रही है कि राज्य की पांच सीटों से इस बार संसद में 'फर्स्ट टाइमर' चेहरा पहुंचेगा। धनबाद में भाजपा के ढुल्लू महतो और कांग्रेस की अनुपमा सिंह के बीच मुकाबला माना जा रहा है। दोनों में से किसी की जीत हो, संसद के लिए 'फर्स्ट टाइमर' होंगे। चतरा में भाजपा के कालीचरण सिंह और कांग्रेस के केएन त्रिपाठी के बीच मुख्य संघर्ष माना जा रहा है। दोनों में से किसी ने पहले संसद की दहलीज पर बतौर सांसद कदम नहीं रखा है।
इसी तरह हजारीबाग में भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जेपी पटेल, लोहरदगा में भाजपा के समीर उरांव और कांग्रेस के सुखदेव भगत, दुमका में भाजपा की सीता सोरेन और झामुमो के नलिन सोरेन में चाहे जिसकी भी जीत हो, वे पहली बार लोकसभा पहुंचेंगे। इस बार बड़ी पार्टियों ने चार पूर्व विधायकों पर भी दांव लगाया है। इनमें राजमहल सीट पर भाजपा की ओर से ताला मरांडी, लोहरदगा में कांग्रेस की ओर से सुखदेव भगत, चतरा में कांग्रेस के केएन त्रिपाठी और खूंटी में इसी पार्टी के कालीचरण मुंडा शामिल हैं।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 17 अप्रैल । कूच बिहार से भाजपा के मौजूदा सांसद निसिथ प्रमाणिक ने बुधवार को चुनाव आयोग (ईसी) से शुक्रवार को मतदान के दिन पश्चिम बंगाल के मंत्री उदयन गुहा की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की।
राज्य मंत्री होने के अलावा, गुहा कूच बिहार लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सात में से एक दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के विधायक भी हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के सूत्रों ने कहा, "आयोग को दिए अपने आवेदन में निसिथ प्रमाणिक ने दावा किया है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी गुहा ने उन पर दो बार हमला कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
प्रमाणिक ने यह भी दावा किया कि 2021 विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट में गुहा का नाम शामिल था।
प्रमाणिक दावा कि गुहा नफरत भरे संदेश फैलाने के लिए बदनाम हैं। उन्होंने आयोग से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि गुहा मतदान के दिन अपने इलाके से बाहर न निकल सकें।
(आईएएनएस)
गोरखपुर, 17 अप्रैल । यूपी के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने वासंतिक नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार कन्या पूजन किया।
मुख्यमंत्री योगी ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया। सीएम योगी ने सबसे पहले कुंवारी कन्याओं के पांव धोये।
गोरखनाथ मंदिर के नव भोजनालय में आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं का विधि-विधान से पूजन किया।
उनके माथे पर रोली, चंदन, अक्षत का तिलक लगाया। उनके पांव पखारे, चुनरी ओढ़ाई और आरती उतारते हुए भोजन कराया। उसके बाद दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया।
पूजन के बाद इन कन्याओं को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद सीएम योगी ने अपने हाथों से परोसा। कन्याओं के अतिरिक्त बड़ी संख्या में पहुंचे बटुकों को भी श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर उपहार और दक्षिणा दिया गया।
(आईएएनएस)
भोपाल, 17 अप्रैल । कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट के पूर्व प्रत्याशी देवाशीष जरारिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरी राजनीतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है। देवाशीष जरारिया ने साल 2019 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार भिंड संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उनके स्थान पर फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है, जिससे वे नाराज बताए जा रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में देवाशीष जरारिया ने कहा है कि पिछला चुनाव भिंड संसदीय क्षेत्र से पार्टी ने लड़ाया था और चुनाव नतीजे आने के बाद नेताओं ने अगले चुनाव की तैयारी में जुटे रहने का निर्देश दिया था। जिसके बाद वे अपने अभियान में जुटे रहे और जब टिकट की बारी आई तो उनका टिकट काट दिया गया। इसके बाद न तो किसी बड़े नेता ने उनसे बात की, न ही प्रत्याशी ने उनसे संपर्क करना उचित समझा। इसके साथ ही क्षेत्र के कार्यक्रम में भी उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है।
देवाशीष जरारिया ने आगे लिखा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरी राजनीतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है और दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंक दिया है। मेरा कसूर क्या है? पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत किया। ग्रुप बाजी करके कांग्रेस में ही कांग्रेस को नहीं निपटाया। कांग्रेस में जो भीतरघात करता है, उसी को सबसे ज्यादा पूछा जाता है। जो मेरे चरित्र में नहीं है। पार्टी दलित, आदिवासियों, महिलाओं, पिछड़ों के सम्मान और हक की बात करती है, लेकिन मेरे हक पर ही डाका डाल दिया।
देवाशीष ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई समानता नहीं है। पार्टी के भीतर दलित, आदिवासियों, महिलाओं, ओबीसी वर्ग को जिम्मेदारी नहीं मिल रही है। पार्टी के लिए काम करते हुए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी की कोई नीति-रीति नहीं है, न ही इच्छाशक्ति। एक माह तक मैंने इंतजार किया, मगर जहां कोई मान सम्मान नहीं है, उस जगह को छोड़ देना ही उचित है, इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
(आईएएनएस)
सहारनपुर, 17 अप्रैल । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को प्रथम चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सहारनपुर पहुंची। यहां प्रियंका गांधी ने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के पक्ष में रोड शो किया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने जनता को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
प्रियंका गांधी ने जैन बाग़ स्थित जैन मंदिर में भगवान महावीर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अपना रोड शो शुरू किया। इस दौरान कांग्रेस और सपा नेताओं में उत्साह देखने को मिला।
प्रियंका गांधी का रोड शो रायवाला, जेबीएस इंटर कॉलेज, कम्बोह का पुल, रांघडो का पुल और कुतबशेर होते हुए गुरुद्वारा रोड पर खत्म हुआ। यह क्षेत्र मुस्लिम आबादी वाला है।
बता दें कि इंडिया गठबंधन की ओर से अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई फायर ब्रांड नेता जनसभा करने नहीं पहुंचा था। पहले चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को प्रियंका गांधी गठबंधन प्रत्याशी इमरान मसूद के पक्ष में प्रचार करने सहारनपुर पहुंचीं।
प्रियंका गांधी ने सहारनपुर महानगर में रोड किया। रोड शो से पहले प्रियंका गांधी को सिद्धपीठ शाकम्भरी देवी के दर्शन करने जाना था, लेकिन रामनवमी के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ में सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।
रोड शो वाले मार्ग को कार्यकर्ताओं ने झंडों और गुब्बारों से सजाया। प्रियंका गांधी के साथ मुख्य रथ पर कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद, जिला अध्यक्ष संदीप राणा समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
प्रियंका गांधी ने गोल कोठी से लेकर थाना कुतुबशेर तक रोड शो किया। एक घंटा से ज्यादा चले इस रोड शो में प्रियंका गांधी ने करीब 12 मिनट तक जनता को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसे।
प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है, जबकि पीएम मोदी केवल सत्ता को पूजते हैं, सत्य को नहीं।
रामनवमी के पर्व को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी। लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने छोटे व्यापारी, गरीब, मजदूर के लिए कुछ नहीं किया। बड़े उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर दिया। भाजपा सरकार ने हमेशा अमीरों की जेब भरी है। गरीब को कुछ नहीं मिला। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भी भाजपा लेकर आई थी और वह इसे गोपनीय रखना चाहती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नाम उजागर करने के आदेश देकर भाजपा की पोल खोल दी।
उन्होंने कहा, "जो कंपनी 180 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रही है, वह कंपनी 1,100 करोड रुपये का चंदा भाजपा को दे रही है। आखिर यह पैसा कहां से आ रहा है? पीएम मोदी ने काला धन लाने के लिए कहा था। क्या आया? जीएसटी आई, जिसने व्यापारियों की कमर तोड़ दी।"
उन्होंने कहा कि सहारनपुर के लोगों का लकड़ी का कारोबार ठप हो गया। एक समय था जब यहां से बड़ी संख्या में लकड़ी के बने उत्पाद एक्सपोर्ट हुआ करते थे। मोदी सरकार में वह भी बंद हो गए। मेरी जनता से अपील है कि वह सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी भाई इमरान को भारी मतों से जिताएं। आने वाले 19 अप्रैल को ज्यादा से ज्यादा मतदान करें।
(आईएएनएस)
ठाणे, 17 अप्रैल । लोकतंत्र के महापर्व के आगाज होने में अब कुछ घंटे शेष रह गए हैं। चुनाव से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महाराष्ट्र के ठाणे में इस बार महिला और पुरुष के अलावा ट्रांसजेंडर भी बड़ी संख्या में मतदान करने जा रहे हैं।
पहले ट्रांसजेंडर्स को मतदान करने की इजाजत नहीं थी, लेकिन साल 2019 के चुनाव में इस परिपाटी में बड़ा परिवर्तन करते हुए ट्रांसजेंडर्स के लिए भी मतदान की राह प्रशस्त की गई। इसके बाद देखा गया कि बड़ी संख्या में 2019 के आम चुनाव में ट्रांसजेंडर्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, शुरू में 918 मतदाता पंजीकृत थे। पांच साल बाद 2019 में यह संख्या दोगुनी होकर 2,086 हो गई। 4 अप्रैल 2023 तक राज्य के कुल मतदाताओं में 5 हजार 617 थर्ड जेंडर वोटर हैं। इस बार ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा ठाणे जिले में दर्ज की गई है। ठाणे जिले में 1 हजार 288 थर्ड जेंडर मतदाता पंजीकृत किए गए हैं। मुंबई उपनगर में 812 और पुणे में 726 मतदाताओं का पंजीकरण हो चुका है। इस साल 2024 में अलग अलग जिले में 45 से अधिक थर्ड जेंडर मतदाता पंजीकृत किए गए हैं।
2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्रांसजेंडर्स को लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने का मौका मिला था, जिसके बाद मतदान को लेकर उनमें काफी जोश दिखाई दे रहा है। ठाणे में 20 मई को मतदान होंगे, जिसे आमतौर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ बताया जाता है। ऐसे में यहां ट्रांसजेंडर की भूमिका अहम हो जाती है।
--(आईएएनएस)
मुंबई, 17 अप्रैल । महाराष्ट्र के जलगांव में एक केमिकल फैक्ट्री में धमाका हुआ है, जिसमें कई मजदूर घायल हो गए। कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
केमिकल फैक्ट्री में पहले धमाका हुआ, इसके बाद पूरी फैक्ट्री में आग लग गई।
जानकारी के मुताबिक, 15 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं।
आग बुझाने के लिए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर भेजी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में सिलेंडर की वजह से ब्लास्ट हुआ जिसके बाद आग लग गई।
इस बारे में और जानकारी की प्रतीक्षा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में बुधवार सुबह 30 साल की एक स्कूल टीचर और उसके 17 वर्षीय भाई की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
मृतकों की पहचान शकरपुर निवासी कमलेश होलकर (30) और उनके छोटे भाई उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी राम प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस को सुबह 10:11 बजे कॉल मिली कि शकरपुर की गली नंबर तीन में कुछ झगड़ा हुआ है। एक टीम को मौके पर भेजा गया।
मौके पर पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि ये डबल मर्डर का मामला है। कमलेश और उसका भाई मृत पाए गए।
पुलिस डिप्टी कमिश्नर अपूर्वा गुप्ता ने कहा, "कमलेश यूपी के साहिबाबाद में एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम करती थी और उसका भाई राम प्रताप सिंह 12वीं कक्षा में पढ़ता था। राम प्रताप 14 अप्रैल को अपने भतीजे का जन्मदिन मनाने के लिए अपनी बहन के घर आया था। मृतकों के परिवार को सूचित कर दिया गया है।"
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि कमलेश और उसके पति श्रीयांश कुमार (33) के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह घर से गायब पाया गया।
डीसीपी ने कहा, "बाद में श्रीयांश कुमार जांच में शामिल हुए। इस्तेमाल किया गया हथियार पेचकस अपराध स्थल के पास पाया गया। आगे की जांच चल रही है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 17 अप्रैल । तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) की दुकानें बुधवार से 19 अप्रैल तक बंद रहेंगी।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने तमिलनाडु में सभी शराब की दुकानों को तीन दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है। राज्य में 19 अप्रैल को मतदान है।
तमिलनाडु में आज से शुक्रवार तक बार और अन्य स्पिरिट आउटलेट भी बंद रहेंगे।
ईसीआई के निर्देश के अनुसार, टीएएसएमएसी शराब की दुकानें, बार और अन्य शराब की दुकानें चुनाव परिणाम की तारीख 4 जून को भी बंद रहेंगी।
तमिलनाडु में लोकसभा के लिए एक ही चरण में मतदान हो रहा है और चुनाव प्रचार और अन्य सार्वजनिक गतिविधियां आज शाम 6 बजे समाप्त हो जाएंगी।
(आईएएनएस)
औरंगाबाद, 17 अप्रैल । बिहार के चार लोकसभा क्षेत्रों में पहले चरण में होने वाले चुनाव को लेकर प्रचार का बुधवार को अंतिम दिन है। इसी बीच औरंगाबाद के राजद कार्यालय में चुनाव आयोग के निर्देश पर छापेमारी की गई। कार्यालय से 50 हजार रुपए और प्रचार सामग्री बरामद की गई है।
दरअसल, औरंगाबाद में भी पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान है। पुलिस के मुताबिक, नगर थाना क्षेत्र के फार्म के समीप एक होटल में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यालय पर गुप्त सूचना के आधार पर फ्लाइंग सर्विलांस की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान टीम ने कार्यालय से 50 हजार रुपए और काफी मात्रा में प्रचार सामग्री जब्त किया।
छापेमारी के दौरान नगर थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार सिंह, एसडीपीओ संजय पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और इसे एक साजिश करार दिया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि छापेमारी किसी के इशारे पर की जा रही है। सरकार उनकी है। छापेमारी तीन से चार घंटे चली। यहां गरीबों को दबाया जा रहा है।
बता दें कि औरंगाबाद सीट के लिए बुधवार को प्रचार का आखिरी दिन है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के सुशील सिंह और राजद के अभय कुशवाहा के बीच माना जा रहा है।
--(आईएएनएस)
ग्रेटर नोएडा, 17 अप्रैल । ग्रेटर नोएडा की दादरी पुलिस ने 25 हजार रुपए के इनामी आरोपी को अवैध शस्त्र की फैक्ट्री में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया। उस पर 25 मामले दर्ज हैं।
पुलिस के मुताबिक थाना गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियुक्त जावेद उर्फ जाबर को दतावली गांव से करीब 800 मीटर पहले एक बिल्डिंग से गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 7 तमंचे 315 बोर, 1 तमंचा 12 बोर, 1 पौनी 12 बोर, 1 अद्दा 12 बोर, आधा बना तमंचा 315 बोर, लोहा गर्म करने की भट्टी और बाइक बरामद की गई।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अभियुक्त अपने साथी जावेद के साथ मिलकर अवैध तमंचे बनाता है। तमंचे बनाकर बाइक के जरिए उनकी डिलीवरी करता है।
इस आरोपी की तलाश पुलिस काफी दिनों से कर रही थी। एक जनवरी को दादरी पुलिस ने लूट और धोखाधड़ी के आरोप में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। अभियुक्त जावेद उर्फ जाबर लंबे समय से फरार चल रहा था। जाबर पर 25,000 का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी पर 25 मुकदमे अलग-अलग थाने में दर्ज हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । सितंबर 2022 में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद, पूर्व भारतीय गोलकीपर कल्याण चौबे के कार्यकाल में महासंघ को सफलता की कहानियों और पतन के मिश्रण से गुजरते देखा गया है।
चाहे वह 2023 में लगातार तीन ट्रॉफियां जीतने वाली पुरुष टीम हो, 2018 के बाद पहली बार फीफा रैंकिंग में शीर्ष 100 में संक्षिप्त वापसी, या देश में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देना - चौबे के नेतृत्व में नई कमेटी के कार्यभार संभालने के बाद से बहुत कुछ हुआ है।
चौबे के कार्यकाल में एशियाई खेलों और एएफसी एशियाकप में भी खराब प्रदर्शन देखने को मिला, इसके बाद हाल ही में विश्व कप क्वालीफायर के राउंड 2 में 158वीं रैंकिंग वाली अफगानिस्तान से हार हुई, जिसके कारण एआईएफएफ तकनीकी समिति ने मुख्य कोच इगोर स्टिमैक के मार्गदर्शन में टीम की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया।
आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, एआईएफएफ अध्यक्ष ने देश में खेल और इसके शासी निकाय से संबंधित कई मुद्दों पर बात की।
हालांकि उन्होंने हाल के दिनों में सुर्खियां बने एआईएफएफ से जुड़े कुछ विवादों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि मामले अभी भी अदालत में विचाराधीन हैं, लेकिन चौबे ने भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए फेडरेशन की कोशिशों पर भरोसा जताया।
बातचीत के मुख्य अंश:
आईएएनएस: ब्लू टाइगर्स सफल 2023 के बाद लंबे समय से खराब दौर से गुजर रहे हैं। एआईएफएफ अध्यक्ष के रूप में, आपको क्या लगता है कि फॉर्म में अचानक गिरावट का कारण क्या हो सकता है?
कल्याण चौबे: राष्ट्रीय टीम का प्रदर्शन उस दिशा में नहीं जा रहा है जैसा हम सब देखना चाहते हैं, कुछ बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।
भारतीय फुटबॉल में निश्चित तौर पर स्ट्राइकरों की कमी है, यदि आप आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) और आई-लीग को देखें, तो बहुत अधिक भारतीय स्ट्राइकर उपलब्ध नहीं हैं और यह हमारी राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन में परिलक्षित हो रहा है।
पिछले कुछ महीनों में भारत ने केवल एक ही गोल किया है और वह भी पेनल्टी से आया है. यहां तक कि पिछली सैफ चैंपियनशिप में भी, जो हमने बेंगलुरु में जीती थी, सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में हमारी जीत टाई-ब्रेकर के माध्यम से आई थी।
हमें आईएसएल और आई-लीग में अधिक प्रभावी स्ट्राइकर कैसे तैयार करें, इस पर एक नीति पर गौर करने की जरूरत है। केवल सुनील छेत्री, लल्लियानज़ुआला चांगटे, या मनवीर सिंह के होने से उद्देश्य पूरी तरह से पूरा नहीं होगा।
आईएएनएस: आप अपने अब तक के 18 महीने के कार्यकाल के दौरान टीम की यात्रा का आकलन कैसे करते हैं?
कल्याण चौबे: जब भी हम देश में खेल की प्रगति के बारे में बात करते हैं, तो हमेशा इसे राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन से आंकने की प्रवृत्ति होती है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि सीनियर पुरुष टीम को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में किसी देश की फुटबॉल का चेहरा माना जाता है।
टीम पिछले डेढ़ साल से काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी; उन्होंने घरेलू मैदान पर लगातार तीन टूर्नामेंट जीते और यहां तक कि विश्व कप क्वालीफायर में एक मैच जीतने तक का सफर भी तय किया। हालाँकि, अफगानिस्तान के खिलाफ हार, वह भी घरेलू मैदान पर, राउंड 3 में जगह बनाने की हमारी आकांक्षाओं के लिए एक झटका है।
मेरा मानना है कि फिलहाल यह कहने के बजाय कि हम क्या करने जा रहे हैं, हमें पहले यह देखना चाहिए कि हम पिछले 18 महीनों में क्या करने में कामयाब रहे हैं।
आईएएनएस: घरेलू फुटबॉल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए फेडरेशन की क्या योजनाएं हैं?
कल्याण चौबे: नई समिति के कार्यभार संभालने से पहले, आई-लीग दो स्तरीय प्रतियोगिता थी और दूसरा स्तर एक-स्थान वाला टूर्नामेंट था। इस वर्ष, आई-लीग 2 एक अधिक व्यापक प्रतियोगिता थी, जिसमें आई-लीग 3 को पहली बार पेश किया गया था।
जब हमने कार्यभार संभाला तो आई-लीग में टीमों की संख्या सीमित थी। अब तीनों स्तरों पर विभिन्न क्लबों की भागीदारी काफी बढ़ गई है। हमेशा 20-25 क्लब होते हैं, जो शो में शामिल होने के लिए उत्सुक रहते हैं।
इस समिति के कार्यभार संभालने के बाद, देश भर में जमीनी स्तर पर खेल को बेहतर बनाने और राज्य संघों को अधिक सक्रिय बनाने पर बड़ा जोर दिया गया। परिणामस्वरूप, अब बड़ी संख्या में राज्यों ने अपनी-अपनी राज्य लीग आयोजित करना शुरू कर दिया है।
देशभर में टीमों की संख्या काफी बढ़ गई है और इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली लीगों में खेलने की होड़ मची है। इस सीज़न में आई-लीग 3 में 25 टीमें खेलीं, यह एक तरह का रिकॉर्ड है।
इसके अलावा, पिछले साल अक्टूबर में, आर्सेन वेंगर की टीम द्वारा स्काउटिंग पर दो कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिसमें दो बैचों में 30 पूर्व कोच और 30 पूर्व खिलाड़ियों ने भाग लिया। कार्यशालाओं के बाद, उन्होंने छह 'सुपर स्काउट्स' की पहचान की, जो देश भर में यात्रा करेंगे और अधिक स्काउट्स का पता लगाएंगे। विचार यह सुनिश्चित करना है कि नई प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए टियर-2 शहरों में प्रत्येक टूर्नामेंट में एक स्काउट मौजूद रहे।
आईएएनएस: देश में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। आप क्या कहते हैं...
कल्याण चौबे : महिला फुटबॉल को बढ़ावा देना नयी कमेटी की प्राथमिकता सूची में है. जबकि महिला फुटबॉल में भारी मात्रा में पैसा लगाया गया है, भारतीय महिला लीग के घरेलू और बाहरी प्रारूप ने खेल के मानकों में एक बड़ा बदलाव लाया है।
अब सभी खेलों को एआईएफएफ के आधिकारिक मंच पर लाइव स्ट्रीम किया जाता है, जिसके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं।
इसके अलावा, भारतीय महिला लीग 2 को पहली बार पेश किया गया है जो एक साहसिक कदम है, क्योंकि महिला फुटबॉल का प्रसार करना कभी आसान नहीं रहा है। पहले ही वर्ष में, कई बाधाओं के बावजूद 15 टीमें आईडब्लूएल 2 में भाग लेने के लिए सहमत हो गईं।
(आईएएनएस)
गोरखपुर, 17 अप्रैल । यूपी के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने बुधवार दोपहर श्रीरामनवमी के महापर्व पर विधि-विधान से भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया। इस अवसर पर मंदिर परिसर प्रभु श्रीराम के भजनों से गुंजायमान रहा।
वासंतिक नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन का अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी मंदिर परिसर स्थित राम दरबार पहुंचे। दोपहर के 12 बजते ही उन्होंने पालने में विराजमान प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप के विग्रह की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की।
प्रभु विग्रह को तिलक लगाने और माल्यार्पण करने के बाद आरती उतारी। पूजन का अनुष्ठान पूर्ण करने के साथ सीएम योगी ने बाल स्वरूप भगवान को पालने में झुलाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने भगवान श्रीराम से लोकमंगल की प्रार्थना की।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल । विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए बिहार की राजधानी पटना रवाना होने से पहले मीडिया से रूबरू हुए।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा अपनी बेटी के चुनाव प्रचार करने पर वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि लालू यादव चुनाव प्रचार के लिए निकले हैं। इसे इंडिया गठबंधन और हम लोगों के लिए और राह आसान हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा।
मुकेश सहनी ने कहा कि देश का गरीब परेशान है और आप हर जिले में आलीशान होटल जैसे दफ्तर बना रहे हैं। पीएम मोदी के बयान, संविधान के निर्माण के समय 80 से 90 प्रतिशत सनातन के लोग थे, पर मुकेश सहनी ने कहा कि हम लोग इस पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, किसने बनाया इस पर बात करने की जरूरत नहीं है। बात इसपर होनी चाहिए कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो आप क्या वादा करके आए। हर साल 2 करोड़ युवाओं से रोजगार का वादा किया था, क्या आप वो पूरा कर रहे हैं, आपने कहा था कि विदेश से काला धन लाएंगे। किसान की आय दोगुनी करने की बात कही थी, आपने कहा था कि 2022 तक पूरे देश में जितने गरीब हैं, उन्हें घर बनाकर देंगे। क्या आपने बनाकर दिया?
मुकेश सहनी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में 16,000 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा ले लिया। आपने ईडी और सीबीआई का धौंस दिखाकर कैसे चंदा ले लिया। आपने कैसे बड़े-बड़े टेंडर देकर उसके बदले में उनसे चंदा लिया। देश का विकास नहीं हो रहा है। गरीब परेशान है और आप हर जिला में आलीशान होटल जैसा कार्यालय बना रहे हैं। आखिर इतना पैसा कहां से ला रहे हैं, केंद्र में 400 करोड़ रुपए खर्च कर बड़े-बड़े कार्यालय बना रहे हैं। इससे पहले जरूर देश के युवाओं को नौकरी देना। इस पर कोई डिबेट नहीं कर रहा है कि सनातन क्या है, संविधान किसने बनाया, हम संविधान के साथ खड़े हैं। संविधान को बदलने की बात करेंगे, हम उससे पहले उस व्यक्ति को बदल देंगे।
(आईएएनएस)
कासरगोड (केरल), 17 अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने बुधवार को दावा किया कि भारत में जिसने भी भगवान राम का विरोध किया है उसका पतन हुआ है और यही देश में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ हुआ।
सिंह ने आरोप लगाया कि दोनों दल भगवान राम या रामनवमी के महत्व को नहीं समझते।
कांग्रेस और माकपा विपक्षी गुट ‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का हिस्सा हैं।
भाजपा नेता ने एक चुनावी बैठक में कहा,‘‘ उन्होंने राम नवमी का पर्व मनाने में बाधा डाली। हम सबको मालूम है कि भारत में जिसने भी भगवान राम का विरोध किया है उसका पतन हुआ है और यही देश में कांग्रेस और माकपा के साथ हुआ है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है और वह देश की सबसे विश्वसनीय राजनीतिक पार्टी है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर कांग्रेस और कम्युनिस्ट दलों की कथनी और करनी में अंतर है।
सिंह ने कहा कि आत्मविश्वास से परिपूर्ण भाजपा को इस लोकसभा चुनाव में केरल में दोहरे अंक में सीट मिलेंगी।
केरल में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होंगे और मतगणना चार जून को होगी। (भाषा)
नलबाड़ी (असम), 17 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह 2014 में लोगों के बीच आशा, 2019 में विश्वास और 2024 में गारंटी लेकर आए।
यहां बोरकुडा मैदान में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में सूर्य तिलक समारोह के साथ 500 वर्ष बाद उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
इससे पहले मोदी ने बुधवार को राम नवमी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा, “यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे राम लला विराजमान हो चुके हैं। राम नवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या अप्रतिम आनंद में है।”
उन्होंने कहा, “हम अयोध्या में उत्सव में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन हमें अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाकर और भगवान राम की पूजा करके इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल तक बिना किसी भेदभाव के सभी को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों का 'आयुष्मान भारत' योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाएगा।
मोदी यहां तीन निर्वाचन क्षेत्रों के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने आए थे, जिनमें बारपेटा से असम गण परिषद के प्रत्याशी फणी भूषण चौधरी, कोकराझार से यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, लिबरल के उम्मीदवार जयंत बसुमतारी और गुवाहाटी से भाजपा की प्रत्याशी बिजुली कलिता मेधी शामिल हैं। तीनों उम्मीदवार रैली में मौजूद थे। (भाषा)