राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 22 फरवरी । क्लियरट्रिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अय्यप्पन राजगोपाल ने गुरुवार को कई भूमिकाओं में 11 साल तक काम करने के बाद वॉलमार्ट समर्थित फ्लिपकार्ट समूह को छोड़ने की घोषणा की।
लिंक्डइन अकाउंट से अपने अलग होने की घोषणा करते राजगोपाल ने लिखा,"11 साल, 10 बड़े अरब दिन, 7 अलग-अलग भूमिकाएं, 3 कंपनियों (फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, क्लियरट्रिप) के बाद, अब समय आ गया है कि मैं देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के ओजी फ्लिपकार्ट समूह को अलविदा कह दूं।“
उन्होंने आगे कहा, "जिस दिन से मैंने बाज़ार में पहले विक्रेता को शामिल करने का कदम उठाया, उस दिन से लेकर एक यात्री को सबसे अच्छा अनुभव कैसे प्रदान किया जाए, यह जानने के आखिरी दिन तक, यात्रा बहुत संतुष्टिदायक और समृद्ध रही है।"
अपने पोस्ट में, राजगोपाल ने उल्लेख किया कि वह जल्द ही उपभोक्ता तकनीकी क्षेत्र में अपना उद्यम शुरू करेंगे।
राजगोपाल ने कहा, "मैं फ्लिपकार्ट समूह छोड़ रहा हूं, जो पिछले 11 वर्षों से मेरा घर रहा है और इसे शुरू करना मेरा अपना स्वतंत्र निर्णय है, क्योंकि मैं हमेशा से एक उद्यमी बनना चाहता था और मुझे लगता है कि अब ऐसा करने का सही समय है।"
उन्होंने कहा, "यह उपभोक्ता तकनीकी क्षेत्र में होगा और यह कुछ ऐसा है, जिसे करने के लिए मैं बेहद उत्साहित हूं और मेरा मानना है कि यह एक बड़ी समस्या है, जो अभी तक हल नहीं हुई है।"
राजगोपाल ने फ्लिपकार्ट में मार्केटप्लेस व्यवसाय में एक वरिष्ठ प्रबंधक, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख के रूप में काम करना शुरू किया। समय के साथ, उन्हें फ्लिपकार्ट में वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मिंत्रा में मुख्य व्यवसाय अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया और अंततः समूह की यात्रा शाखा, क्लियरट्रिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन गए।
-(आईएएनएस)
श्रीनगर, 22 फरवरी । जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण गुरुवार को भी लगातार चौथे दिन बंद रहा।
यातायात विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले में भारी बारिश के कारण ताजा भूस्खलन के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार को भी बंद रहा।
यातायात विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, “राजमार्ग को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। सब कुछ ठीक रहा तो 3 से 4 घंटे में हाईवे बहाल कर दिया जाएगा। ट्रैफिक जाम से बचने के लिए शुरुआत में केवल फंसे हुए ट्रैफिक को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।''
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग चारों ओर से घिरी घाटी के लिए आवश्यक आपूर्ति की एकमात्र जीवन रेखा है, क्योंकि पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, खाद्य पदार्थ, सब्जियां, मटन और पोल्ट्री उत्पादों सहित सभी आवश्यक चीजें इसी सड़क के माध्यम से यहां लाई जाती हैं।
इस बीच, श्रीनगर-लेह रोड, मुगल रोड, सिंथन-किश्तवाड़ रोड, बांदीपोरा-गुरेज़ और कुपवाड़ा-तंगधार सहित कश्मीर से बाहर जाने वाले अन्य सभी राजमार्ग भी बंद कर दिए गए।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 फरवरी । समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य गुरुवार को अपने राजनीतिक दल का ऐलान करने वाले हैं। दरअसल, उन्होंने सपा का साथ छोड़ने के साथ ही साफ कर दिया था कि वो नए राजनीतिक दल का गठन करेंगे। मौर्य दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपनी नई पार्टी ऐलान करेंगे, जिसका नाम ‘राष्ट्रीय शोषित समाज’ होगा।
बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राजनीतिक विचारधारा पर आपत्ति जताते हुए सपा से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि अब उनका अगला राजनीतिक कदम क्या होगा? लेकिन, उन्होंने यह कहकर इन सभी चर्चाओं पर ब्रेक लगा दिया था कि वह किसी के साथ नहीं जा रहे हैं, बल्कि अपनी अलग पार्टी का गठन करेंगे।
उधर, अखिलेश यादव से जब स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा से इस्तीफा देने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि लोग अपने फायदे के लिए हमारे पास आते हैं और जब उनका काम निकल जाता है, तो वो चले जाते हैं।
वहीं, स्वामी प्रसाद ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह के बारे में बताते हुए कहा था कि अखिलेश यादव अब पिछड़ों की बात नहीं करते हैं, जिसे लेकर मेरा उनसे मतभेद है न की मनभेद। स्वामी ने कहा कि जिस दिन अखिलेश को अपनी गलती का एहसास होगा, उस दिन मैं दोबारा सपा में जाऊंगा।
बता दें कि अखिलेश ने स्वामी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन स्वामी पहले महासचिव के पद से इस्तीफा दिया, फिर एमएलसी और इसके बाद उनका सपा से भी मोहभंग हो गया। खैर, अब उन्होंने अपने लिए नई राजनीतिक स्क्रिप्ट तैयार कर ली है, जिसे वो आज मूर्त रूप देने जा रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्वामी प्रसाद मौर्य एक पुराना नाम है। 80 के दशक में स्वामी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पारी शुरू की था। लोकदल से उन्होंने अपने सियासी सफर का आगाज किया था, लेकिन उनके राजनीतिक राह को नया मोड़ तब मिला, जब उन्होंने बसपा का दामन थामा। बसपा ने उन्हें मंत्री बनाया। वो मायावती के करीबी माने जाते थे। इसके बाद मायावती ने उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक की जिम्मेदारी सौंपी।
कुछ दिनों तक स्वामी बीजेपी में भी रहे। यहां भी उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी मिली। इसके बाद वो सपा के बैनर तले आए, जहां उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी मिली, लेकिन उनका यहां से भी मोहभंग हो चुका है।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे वक्त में अपनी पार्टी बनाने जा रहे हैं, जब लोकसभा चुनाव सिर पर है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि वो मौर्य, कुशवाहा और ओबीसी समुदाय के लोगों के पक्ष में अपनी बात रखते हुए दिखेंगे। ध्यान दें, स्वामी ओबीसी समुदाय के हितों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं और खुद को ओबीसी समुदाय का पैरोकार बताते हैं।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 22 फरवरी । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गई हैं। लखनऊ के कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। परीक्षा कक्ष से बाहर तिलक लगाए गए। चाकलेट खिलाकर उन्हें परीक्षा कक्ष में भेजा गया।
परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा को लेकर उन लोगों में जबरदस्त उत्साह है और वे पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देने आए हैं। शैल पांडेय रामू और विनीत नाम के परीक्षार्थियों ने बताया कि आज से परीक्षा शुरू हो गई है और इस परीक्षा को लेकर हम लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इन परीक्षार्थियों नें बताया कि हम लोगों ने परीक्षा की पूरी तैयारी की है।
मुख्यमंत्री योगी ने परीक्षा देने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी है। योगी ने कहा कि यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं। भरपूर आत्मविश्वास के साथ आप सब इस परीक्षा रूपी उत्सव में शामिल हों और अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें। मां सरस्वती की कृपा आपको प्राप्त हो। आप सभी को अपेक्षानुकूल परिणाम मिले, इस हेतु ढेरों मंगलकामनाएं। अम्ब विमल मति दे।
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि किसी विषय की परीक्षा समाप्त होने से पूर्व यदि उसका प्रश्नपत्र या उसके किसी भाग को वाट्सएप, सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से वायरल किया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई होगी। संवेदनशील, अति संवेदनशील केंद्रों के साथ ही चिह्नित 16 जिलों में एसटीएफ व एलआईयू विशेष निगरानी रखेगी।
प्रश्नपत्र सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में खोले जाएंगे। कॉपी संकलन केंद्रों व स्ट्रांग रूम पर तीसरी आंख से नजर रखने के साथ ही 24 घंटे सशस्त्र बल तैनात किए जाएंगे। नकल रोकने के लिए 1297 सेक्टर मजिस्ट्रेट 430 जोनल मजिस्ट्रेट, 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक, 416 सचल दस्तों का गठन किया गया है।
ज्ञात हो कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए 8265 केंद्र बने हैं। इसमें कुल 55,25,308 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। परीक्षा दो पालियों में हो रही है।
(आईएएनएस)
भोपाल,22 फरवरी । राजधानी की भदभदा बस्ती को खाली कराने का अभियान गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है। लगभग डेड़ सौ अतिक्रमणकारियों ने मकान छोड़ने पर सहमति जता दी है। अभियान के पहले दिन बुधवार को 30 से ज्यादा मकानों को ढहाया गया था। दूसरे दिन फिर नगर निगम का अमला अपने अभियान में लगा हुआ है।
राजधानी की बड़ी झील के कैचमेंट एरिया में ताज होटल के पास भदभदा बस्ती में साढ़े तीन सौ से ज्यादा कच्चे और पक्के मकान है। एनजीटी के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है।
गुरुवार को कार्रवाई के दूसरे दिन नगर निगम का अमला भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच अभियान को जारी रखे हुए है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस बस्ती में रहने वाले अधिकांश लोग जगह खाली करने को तैयार हैं और उनको दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने में प्रशासन की ओर से भी सहयोग किया जा रहा है।
वहीं जो खाली नहीं कर रहे हैंं, उनके अतिक्रमण को ढहाया जा रहा है। बस्ती में बाहरी लोगों के प्रवेश पर दूसरे दिन भी रोक है। इस बस्ती में लगभग साढ़े तीन सौ ज्यादा मकान हैं और उन्हे हटाया जा रहा है। डेढ़ सौ से ज्यादा लोग मकान खाली करने पर सहमति जता चुके हैं और सामान लेकर दूसरे स्थानों की ओर जा रहे है।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 22 फरवरी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखालि का दौरा करेगा और स्थानीय लोगों से बात करेगा।
एनसीएसटी का यह दौरा राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों के दौरे के कुछ दिनों बाद हो रहा है।
एनसीएसटी के कार्यकारी अध्यक्ष अनंत नायक ने संवाददाताओं से कहा, 'हम वहां लोगों से मिलेंगे और उनकी शिकायतों पर गौर करेंगे।'
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को क्षेत्र में जारी हिंसा तथा मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में राज्य सरकार और पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनएचआरसी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखालि में "मानवाधिकार उल्लंघन" की घटनाओं की "घटनास्थल पर जांच कर तथ्यों को सत्यापित करने के लिए अपना दल भेजने" का निर्णय लिया है।
संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 फरवरी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर "आर्थिक आतंकवाद' शुरू करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उसके खातों से 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि 'डाका डालकर' निकाल ली गई ताकि लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से अपंग बनाया जा सके।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को 'तानाशाही राज' में बदलने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग बनाने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह कांग्रेस की आर्थिक रूप से हत्या करने का प्रयास नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है।"
रमेश ने दावा किया कि इस 'कर आतंकवादी हमले' के जरिये यह प्रयास हो रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव मजबूती से नहीं लड़ सके।
वेणुगोपाल ने कहा, "भाजपा द्वारा कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू किया गया है। हमें यह पैसा आम लोगों और कार्यकर्ताओं से मिला है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल के खातों को एक तरह से हाईजैक कर लिया गया है।"
उन्होंने आरोप लगाया, "बुनियादी बात है कि बैंकों से हमारे पैसे चुराए जा रहे हैं... यह चुनाव में विपक्ष को समान अवसर से वंचित करने का प्रयास है।"
वेणुगोपाल ने कहा, "हम लड़ेंगे। हम अधिकरण के पास गए हैं... हम जनता के पास जायेंगे, क्योंकि जनता ही मालिक है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को तानाशाही राज में बदलना चाहती है।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया, "भाजपा की सरकार ने सभी विपक्षी दलों और कांग्रेस के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद शुरू कर दिया है...हमारे खातों पर डाका डालकर मोदी सरकार पैसे ले गई है।"
उन्होंने कहा कि पार्टी, भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के खातों से 65,88,81,474 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. ने आरोप लगाया कि उनके संगठन के खातों से जो पैसा निकाला गया, वह कार्यकर्ताओं ने जमा किया था।
उन्होंने कहा कि जनता इस तानाशाहीपूर्ण रवैये का जवाब देगी।
आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख खाते ‘फ्रीज’ कर दिए थे। हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक उसके खातों पर से रोक हटा दी थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 फरवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया समन जारी कर उनसे पूछताछ के लिए 26 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सातवां समन जारी करते हुए केजरीवाल की इस दलील को खारिज कर दिया कि उनकी पेशी के लिए नया नोटिस देना गलत है क्योंकि यह मामला एक स्थानीय अदालत के विचाराधीन है।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 26 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने तथा अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है।
ईडी ने हाल में इस मामले में उसके समन की अवज्ञा करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल (55) के खिलाफ एक नयी शिकायत दर्ज करायी थी।
अदालत ने पिछले सप्ताह केजरीवाल को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दी थी और मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की थी।
अदालत ने यह भी कहा था कि शिकायत के विषय और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से, प्रथम दृष्टया यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174 के तहत अपराध बनता है और आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने दावा किया कि स्थानीय अदालत ने प्रथम दृष्टया केजरीवाल को इस मामले में पूर्व में जारी नोटिसों की 'अवज्ञा' करने का दोषी पाया है, जिसके कारण उन्हें सातवां समन जारी करने की आवश्यकता पड़ी है।
सूत्रों ने बताया था कि अदालत के सामने सवाल समन की वैधता का नहीं बल्कि केजरीवाल द्वारा जानबूझकर पूर्व में जारी समन की अवज्ञा करने का गैरकानूनी कृत्य है।
ईडी ने इस मामले में दाखिल किए आरोपपत्रों में कई बार केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है। एजेंसी ने कहा कि आरोपी अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने के संबंध में उनके संपर्क में थे।
ईडी अभी तक इस मामले में ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के अलावा पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार कर चुकी है।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि ‘आप’ ने ‘‘अपराध से मिली करीब 45 करोड़ रुपये की आय’’ का इस्तेमाल गोवा चुनाव प्रचार अभियान में किया। (भाषा)
लखनऊ (उप्र), 22 फरवरी लखनऊ के मलीहाबाद क्षेत्र में आठ साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में पुलिस ने एक मौलवी और पीड़िता की मां को गिरफ्तार किया है।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) विश्वजीत श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया, "एक व्यक्ति ने कुछ दिन पहले मलीहाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी आठ साल की बेटी के साथ मदरसे में पढ़ाने वाले दो लोगों ने बलात्कार किया है। दोनों आरोपियों की पहचान मोहम्मद आबदीन और उसके भाई अरशद के रूप में हुई है।"
उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
श्रीवास्तव ने बताया, "हमने मोहम्मद आबदीन और पीड़िता की मां को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। आबदीन के फरार भाई की तलाश की जा रही है।" उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़िता के पिता खाड़ी देश में काम करते हैं और वह आठ महीने से विदेश में है। इसी दौरान बच्ची की मां और आबदीन के बीच संबंध बन गए। आरोप है कि आबदीन उसकी आठ साल की बेटी से बलात्कार करता था। उसका भाई भी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाता था। यह सब पीड़िता की मां की जानकारी में होता था। ’’ पुलिस उपायुक्त ने बताया कि घर लौटने पर बच्ची के पिता को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्ची की मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। (भाषा)
महराजगंज (उप्र), 22 फरवरी महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को एक नेपाली नागरिक को पकड़कर उसके कब्जे से तस्करी कर ले जायी जा रही पांच करोड़ रुपये की चरस बरामद की।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने यहां बताया कि नेपाल के डांग जिले का निवासी बसंत खत्री (24) भारत से नेपाल जा रहा था। एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे सोनौली क्षेत्र में रोककर उसकी तलाशी ली तो उसके कब्जे से नौ किलो 898 ग्राम चरस बरामद की गयी। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत पांच करोड़ रुपये बतायी जाती है।
मीना ने कहा कि इस मामले में स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी तत्व निरोधक अधिनियम (एनडीपीएस) की सुसंगत धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस खत्री से पूछताछ कर रही है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोइयां खोलने के लिए योजना बनाने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) व अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही हैं।
न्यायामूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि वैकल्पिक कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर निर्भर करता है।
पीठ ने कहा, “लोगों के लिए किफायती मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में भोजन सुनिश्चित करने के लिए भारत संघ और राज्यों द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। हम इस संबंध में कोई और निर्देश जारी नहीं करना चाहते। हमने इस बात पर गौर किया है कि सामुदायिक रसोई की अवधारणा एनएफएसए के उद्देश्य को प्राप्त करने के वास्ते राज्यों के लिए क्या बेहतर विकल्प है। बल्कि, हम वैकल्पिक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ते हैं।”
शीर्ष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ताओं अनुन धवन, इशान सिंह और कुंजन सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया है। याचिका में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को भूख और कुपोषण से निपटने के सिलसिले में सामुदायिक रसोइयां खोलने के लिए योजना बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। (भाषा)
संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ द्वारा किए गए एक ताजा सर्वे में सामने आया है कि भारतीय महिलाएं शिक्षा के तुरंत बाद शादी के बजाय नौकरी के अवसरों को प्राथमिकता देना चाहती हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
यूनिसेफ के सर्वे ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी के प्रति युवा पुरुषों और महिलाओं के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला है, जिससे शिक्षा के बाद तत्काल विवाह के बजाय नौकरी के अवसरों को प्राथमिकता देने के प्रति एक मजबूत झुकाव का पता चलता है.
यूनिसेफ के युवा मंच 'युवाह' और यू-रिपोर्ट द्वारा आयोजित सर्वे "श्रम बल और गैर-पारंपरिक नौकरियों में युवा महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित करने वाले कारक" में पूरे भारत में 18-29 आयु वर्ग के 24,000 से अधिक युवाओं की राय जानी गई.
पढ़ाई के बाद नौकरी है प्राथमिकता
सर्वे के नतीजों के मुताबिक लगभग 75 फीसदी युवा महिलाओं और पुरुषों का मानना है कि पढ़ाई के बाद रोजगार हासिल करना महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है. इसके विपरीत पांच फीसदी से भी कम उत्तरदाताओं ने पढ़ाई के फौरन बाद शादी की वकालत की.
सर्वे में कार्यबल भागीदारी के बारे में युवा महिलाओं के निर्णयों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सूचना, अवसरों और परिवारों से समर्थन तक पहुंच के महत्व पर जोर दिया.
इसके अलावा कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित करने वाले विभिन्न पहलुओं पर राय भी जानी गई, जिसमें विवाह और बच्चे पैदा करने के फैसले, पारंपरिक बनाम गैर-पारंपरिक नौकरी भूमिकाओं के लिए प्राथमिकताएं और रिमोट कार्य जैसी लचीली कार्य व्यवस्था पर विचार शामिल हैं.
यूनिसेफ इंडिया में युवाह की प्रमुख धुवाराखा श्रीराम ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और युवा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया है.
कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने इस सर्वे रिपोर्ट पर कहा कि महिलाओं की कार्यबल भागीदारी का समर्थन करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की जरूरत है. उन्होंने कहा, "अब मेहनती, प्रेरित, प्रतिभाशाली और ईमानदार महिला कार्यबल का समर्थन करने का समय आ गया है, जो हमारी आबादी का 50 प्रतिशत है."
उन्होंने कहा, "हमें सभी स्तरों पर महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ानी चाहिए क्योंकि हम 2047 तक दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाएं बनने की ओर बढ़ रहे हैं."
भारत सरकार के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक देश में महिलाएं औसतन 22.5 साल की उम्र में शादी कर रही हैं. ग्रामीण इलाकों में यह औसत 22.2 साल है जबकि शहरों में 23.9 साल है.
पिछले साल एक निजी कंपनी जॉब्स फॉर हर की रिपोर्ट बताती है कि कॉर्पोरेट भारत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां महिलाओं को अधिक रोजगार देने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है. जॉब्स फॉर हर ने 300 कंपनियों का सर्वे किया था और पाया कि सर्वे में शामिल कंपनियों में महिलाएं लगभग 50 फीसदी हैं. 2021 की तुलना में यह 17 फीसदी की वृद्धि है. (dw.com)
सिर्फ पांच फसलों पर एमएसपी के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने एक बार फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोके रखने के लिए हरियाणा पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले दागे हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
किसान इस बार पहले से भी ज्यादा तैयारी के साथ शंभू बॉर्डर तक पहुंचे हैं. किसान आंसू गैस से बचने के लिए खास चश्मे और मास्क से लेकर क्रेन और जेसीबी जैसी भारी मशीनें लेकर दिल्ली की तरफ निकले हैं. पिछले हफ्ते की ही तरह इस बार भी हरियाणा पुलिस किसानों को पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोके रखने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली की सीमा वहां से करीब 230 किलोमीटर दूर है. पिछले सप्ताह सरकार से बातचीत करने के लिए अपने "दिल्ली चलो" अभियान को रोकने से पहले किसान वहां से आगे नहीं बढ़ पाए थे. देखना होगा इस बार वो आगे बढ़ पाते हैं या नहीं.
शंभू बॉर्डर पर तनाव
ताजा रिपोर्टों के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे बचने के लिए हजारों किसान खेतों में चले गए. पिछले हफ्ते की तरह पुलिस आंसू गैस छोड़ने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है.
अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों की अलग संख्या बताई जा रही है. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एक बयान में कहा, "यह सही नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने विशाल बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली की तरफ मार्च करना चाहते हैं. अगर वो यह नहीं चाहते तो उन्हें हमारी मांगें मान लेनी चाहिए."
मंगलवार देर शाम हरियाणा पुलिस ने किसानों द्वारा लाए गए भारी उपकरणों और वाहनों को जब्त करने के आदेश दिए, ताकि किसान उनका इस्तेमाल पुलिस के बैरिकेडों को तोड़ने के लिए ना कर पाएं.
फिर बुलाया सरकार ने
पुलिस ने इन उपकरणों के मालिकों को भी उन्हें किसानों को ना देने की हिदायत दी. पुलिस ने कहा कि इन उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.
किसान शंभू बॉर्डर के अलावा खनौरी से भी हरियाणा में प्रवेश कर वहां से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वहां करीब 15,000 किसान मौजूद हैं. इंडियन एक्सप्रेस की ही एक और रिपोर्ट के मुताबिक किसानों ने अब डबवाली में भी मोर्चा खोल दिया है.
इस बीच कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को फिर से बातचीत के लिए बुलाया है. मुंडा ने एक्स पर कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली की समस्या जैसे कई विषयों पर बातचीत के लिए तैयार है.
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार जल्द ही निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए निमंत्रण देगी. यह पहली बार होगा जब देश में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश की अनुमति दी जाएगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार निजी कंपनियों से इस क्षेत्र में करीब 2,156 अरब रुपयों के निवेश की उम्मीद कर रही है. इस समय भारत में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से भी कम है.
उम्मीद की जा रही है कि देश इस निवेश की मदद से 2030 तक कुल इन्सटाल्ड बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधनों से बनी बिजली की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत करने के लक्ष्य को हासिल कर पाएगा. इस मामले में सीधे तौर पर शामिल दोनों सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार कम से कम पांच निजी कंपनियों से बात कर रही है.
बनाना, चलाना नहीं करेंगी कंपनियां
इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा पावर, अदाणी पावर और वेदांता लिमिटेड शामिल हैं. इनमें से हर कंपनी करीब 440 अरब रुपयों का निवेश करेगी. केंद्रीय एटॉमिक ऊर्जा विभाग (डीएई) और सरकारी कंपनी परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) ने पिछले एक साल में इन कंपनियों से कई बार बातचीत की है.
डीएई, एनपीसीआईएल, टाटा पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी पावर और वेदांता ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया. सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार को उम्मीद है कि इस निजी निवेश की बदौलत वह 2040 तक 11,000 मेगावाट नई परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल कर लेगी.
एनपीसीआईएल ही भारत के मौजूदा परमाणु संयंत्रों की मालिक है और उन्हें चलाती है. इनकी कुल मिलाकर उत्पादन क्षमता 7,500 मेगावाट है. कंपनी इसके अतिरिक्त 13,000 मेगावाट उत्पादन के लिए निवेश आवंटित भी कर चुकी है. सूत्रों के मुताबिक निजी निवेश की फंडिंग योजना के तहत निजी कंपनियां ही संयंत्रों में निवेश करेंगी, भूमि और जल का अधिग्रहण करेंगी और संयंत्रों के रिएक्टर परिसर से बाहर निर्माण भी करेंगी.
लेकिन इन संयंत्रों को बनाने और चलाने और इनके ईंधन के प्रबंधन का अधिकार एनपीसीआईएल के पास ही रहेगा, जैसा की कानूनी प्रावधान है. निजी कंपनियां से उम्मीद की जा रही है कि वो संयंत्रों की बिजली की बिक्री से राजस्व कमाएंगी और एनपीसीआईएल शुल्क लेकर इन संयंत्रों को चलाएगी.
क्या कहता है कानून
अमेरिकी बहुराष्ट्रीय ऑडिट कंपनी प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स के साथ पूर्व में काम कर चुकीं ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र कंसलटेंट चारूदत्ता पालेकर कहती हैं, "परमाणु ऊर्जा परियोजना विकास का यह हाइब्रिड मॉडल परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने का एक मौलिक समाधान है."
दोनों सूत्रों में से एक ने बताया इस योजना के लिए भारत के परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 में कोई संशोधन लाने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन डीईए से हरी झंडी की जरूरत पड़ेगी. भारतीय कानून के तहत निजी कंपनियां परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना नहीं सकती हैं, लेकिन पुर्जों और उपकरणों की सप्लाई कर सकती हैं और रिएक्टरों के बाहर के इलाके में काम के लिए निर्माण अनुबंध कर सकती हैं.
भारत कई सालों से परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया है. इसका मुख्य कारण रहा है परमाणु ईंधन हासिल कर पाने में अक्षमता. लेकिन 2010 में भारत ने रीप्रोसेस किए हुए परमाणु ईंधन की सप्लाई के लिए अमेरिका के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
भारत के कड़े परमाणु मुआवजा कानूनों की वजह से जनरल इलेक्ट्रिक और वेस्टिंगहाउस जैसी ऊर्जा संयंत्र बनाने वाली विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है. भारत ने 20,000 मेगावाट परमाणु ऊर्जा बढ़ाने के लक्ष्य को 2020 से 2030 तक आगे खिसका दिया है.
सीके/एए (रॉयटर्स)
नई दिल्ली, 22 फरवरी । किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है और कई दौर की बातचीत में कुछ मांगों पर सहमति भी बनती दिखाई दे रही है। इस दौरान सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों से अपील भी करते दिखाई दे रहे हैं कि सभी मुद्दों का हल बातचीत से ही निकलेगा।
गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने पत्रकारों से कहा, "पंजाब में किसान संगठनों के साथ कई दौर की सार्थक बातचीत हुई है। हम वार्ता से समाधान निकालेंगे। सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, हम फिर से बात कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि यह देश हम सब का है और हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। किसानों के दो दिन तक दिल्ली कूच को स्थगित करने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी कई दौर की वार्ता हुई है और सार्थक भी रही है। कई मुद्दे और कई मांगें ऐसी हैंं, जिन पर और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है और हर साल 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंचते हैं। यह किसानों के सम्मान और उनकी ज़रूरतोंं को पूरा करने के लिए होता है।
कृषि मंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में 333 मिलियन टन तक हमारा अनाज उत्पादन बढ़ा है। इसके साथ ही सब्जियों की खेती समेत अन्य क्षेत्रों में लगातार विकास हुआ है और बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने बताया कि खादी उद्योग भी किसानों से जुड़ा है। उसका भी टर्नओवर 1 लाख 35 हजार करोड रुपए हो गया है। हम लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। चौथे दौर की बातचीत में भी हमने किसानों से कहा था कि आप हमसे हुई बातचीत को आपस में समझ कर हमें बताइए, हम फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
किसानों ने कहा था कि वह अपने सभी संगठनों से बातचीत करके फिर सरकार को बताएंगे। कुछ संगठनों ने सहमति नहीं दी होगी। इसके बावजूद हम वार्ता के लिए फिर तैयार हैं।
(आईएएनएस)
भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सरकार का कहना है कि नियम आसान होने से निवेश बढ़ेगा और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में विदेशी और निजी कंपनियों को आकर्षित करने के प्रयासों के तहत बुधवार को उपग्रहों के उपकरण बनाने में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति देकर अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों को आसान बना दिया.
उपग्रह उप-क्षेत्र को तीन अलग-अलग गतिविधियों में बांटा गया है - प्रक्षेपण यान, उपग्रह और उपग्रह घटक. संशोधित नीति के तहत लॉन्च वाहनों में 49 प्रतिशत तक, उपग्रहों में 74 प्रतिशत और उपग्रह घटकों में 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है.
सरकार की विदेशी निवेश पर नजर
'प्रक्षेपण वाहन' के तहत परिभाषित गतिविधियां संबद्ध प्रणालियां या उप प्रणालियां हैं और अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने व प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष बंदरगाहों का निर्माण इसमें शामिल है. इसी तरह उपग्रह के अंतर्गत गतिविधियां विनिर्माण और संचालन हैं, उपग्रह डेटा प्रोडक्ट, ग्राउंड सेगमेंट और यूजर सेगमेंट हैं.
मौजूदा नीति के मुताबिक उपग्रहों की स्थापना और ऑपरेशन में केवल सरकारी अनुमोदन मार्ग से एफडीआई की अनुमति है.
सरकारी बयान के मुताबिक संशोधित नीति के तहत उदारीकृत प्रवेश मार्गों का उद्देश्य संभावित निवेशकों को अंतरिक्ष में भारतीय कंपनियों में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है.
बयान में कहा गया है, "इसके साथ कंपनियां सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को प्रोत्साहित करते हुए देश के भीतर अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में सक्षम होंगी."
भारत में स्पेस सेक्टर में नए मौके
सरकार ने पिछले साल नई भारतीय अंतरिक्ष नीति का ऐलान किया था. जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए निजी भागीदारी को बढ़ाने की बात कही गई थी.
जून 2020 में भारत सरकार ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों को पारित किया और निजी कंपनियों को इसरो के संसाधनों और बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाने के लिए एक नई एजेंसी इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथॉराइजेशन सेंटर की स्थापना की थी.
पिछले साल देश ने निजी भागीदारी के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों और नियमों के लिए अपनी अंतरिक्ष नीति भी पेश की थी. भारत ने ईलॉन मस्क के स्टारलिंक समेत वैश्विक उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के लिए जमीन को सक्षम करने के लिए एक नए दूरसंचार अधिनियम के साथ अपने सदियों पुराने नियमों को भी बदल दिया.
भारत में लगभग 190 स्पेस टेक स्टार्टअप हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप में निवेश पिछले साल 12.4 करोड़ डॉलर से अधिक तक पहुंच गया.
भारत का कहना है कि 386 अरब डॉलर की वैश्विक अंतरिक्ष इकोनॉमी में उसका हिस्सा महज दो फीसदी का है. 2030 तक वह इस हिस्से को नौ फीसदी तक बढ़ाना चाहता है. 2040 तक वैश्विक स्तर पर इस बाजार के एक खरब डॉलर को पार कर जाने की संभावना है. (dw.com)
जयपुर, 22 फरवरी । राजस्थान के जैसलमेर में गुरुवार को तीन दिवसीय डेजर्ट फेस्टिवल शुरू हुआ, जिसे मरू फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है।
उत्सव की शुरुआत जैसलमेर शहर के लक्ष्मीनाथ मंदिर में आरती के साथ हुई। इस अवसर पर एक 'शोभा यात्रा' भी निकाली गई, जिसमें स्थानीय लोग पारंपरिक और चमकीले कपड़े पहने नजर आए।
पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार ने कहा, "उत्सव के दौरान ऊंट दौड़, पोलो मैच, कठपुतली शो, लंबी मूंछ प्रतियोगिता, पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता सहित अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, पद्म श्री अनवर खान और गायक पेपे खान द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। स्वाति मिश्रा भी अपना 'राम आएंगे' भक्ति गीत गाएंगी।"
यह कार्यक्रम पहले दो दिन जैसलमेर शहर में और आखिरी एक दिन जैसलमेर के रेगिस्तान में मनाया जाएगा।
इस महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग और स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है।
फरवरी का महीना देशी-विदेशी पर्यटकों को आनंद और त्योहारों में व्यस्त रखेगा।
फरवरी के अंतिम सप्ताह में राजस्थान पर्यटन विभाग जयपुर में विंटेज कार रैली एवं प्रदर्शनी और राजस्थान पर्यटन पोलो कप का आयोजन कर रहा है।
-(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 फरवरी । संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए अपराध को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर भाजपा ने गुरुवार को एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री जारी कर ममता बनर्जी पर संदेशखाली का सच छुपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
भाजपा ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संदेशखाली के हालात को लेकर 20 मिनट 41 सेकंड की एक डॉक्यूमेंट्री जारी करते हुए राज्य की ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। भाजपा ने संदेशखाली के हालात को लेकर डॉक्यूमेंट्री जारी करते हुए कहा, "एक ऐसा सच, जो हमें चौंका देगा। एक ऐसा सच, जो हमें पीड़ा पहुंचाएगा। एक ऐसा सच, जो हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख देगा। संदेशखाली का सच, जिसे छुपाने की कोशिश कर रही हैं ममता बनर्जी। "
इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो में कई महिलाओं को अपनी आपबीती सुनाते हुए यह बताया है कि किस तरह से उनको निशाना बनाया गया, किस तरह से उनका यौन शोषण किया गया। पुलिस ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को राज्य के लिए बहुत ही शर्मनाक बताते हुए भाजपा लगातार राज्य की मुख्यमंत्री पर अपनी पार्टी के नेता शाहजहां शेख को बचाने और सरंक्षण देने का आरोप लगा रही है। भाजपा ने इन अपराधों के मसले पर बंगाल से लेकर दिल्ली तक ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
(आईएएनएस)
गोपालगंज, 22 फरवरी । बिहार के गोपालगंज जिले में उत्पाद विभाग की एक टीम ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की सीमा के बलथरी चेक पोस्ट पर एक कंटेनर से डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य का गांजा (मादक पदार्थ) जब्त किया। इस मामले में पंजाब के रहने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
गोपालगंज जिले के उत्पाद अधीक्षक अमृतेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि होली और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी से सटे सभी सीमाओं पर विभाग द्वारा तलाशी अभियान चला रही है।
इसी क्रम में गुरुवार की सुबह उत्पाद विभाग की टीम कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेक पोस्ट के पास वाहनों की सघन जांच कर रही थी, इसमें ट्रकों की जांच के दौरान 2 क्विंटल 89 किलोग्राम गांजा लदा एक कंटेनर पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी पहचान गोविंद गढ़, लुधियाना निवासी मलविंदर सिंह और बाबा दीपसिंह नगर, शिमलापुरी, लुधियाना निवासी गुरुनाम सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस दोनों तस्करों से पुलिस पूछताछ कर उनके गिरोह का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पूछताछ के दौरान पता चला कि यह मादक पदार्थ गोरखपुर से मोतिहारी भेजा जा रहा था।
-(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 22 फरवरी । भाजपा ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 में अन्य धर्मों के व्यक्तियों को मंदिर प्रबंधन का सदस्य बनने की अनुमति देने वाले प्रावधान को वापस लेने का आग्रह किया है।
नया बिल बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया और सहमति हासिल की गई। बीजेपी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर कहा कि नए बिल के मुताबिक, दूसरे धर्म के व्यक्ति भी किसी मंदिर के प्रबंधन का हिस्सा बन सकते हैं।
भाजपा ने कहा, यह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दूसरे धर्मों के लोगों की मदद से मंदिरों के खजाने को उसी तरह खाली करने का दुर्भावनापूर्ण इरादा है, जैसे उन्होंने राज्य के खजाने को खाली कर दिया है।
पार्टी ने कहा," सीएम सिद्धारमैया, आप हिंदू देवताओं को नहीं चाहते। लेकिन, मौज-मस्ती और तुष्टिकरण की गंदी राजनीति के लिए आपको हिंदू मंदिरों के पैसे की सख्त जरूरत है। वे दिन निकट हैं, जब हिंदू आपको उचित सबक सिखाएंगे।"
"उस आदेश को वापस लें जो अन्य धर्मों के व्यक्तियों को सदस्य बनने में सक्षम बनाता है। हिंदू धर्म ने गोरी और गजनी को भी नहीं बख्शा था। आप कुछ भी नहीं हैं।"
"कांग्रेस और सीएम सिद्धारमैया वही कर रहे हैं जो पहले गजनी, गोरी, औरंगजेब और टीपू ने किया था। तुष्टिकरण की राजनीति और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए कर्नाटक को लूटने के बाद, कर्नाटक कांग्रेस पार्टी की बुरी नजर हिंदू मंदिरों पर है।"
बीजेपी ने कहा कि आदेश जारी किया गया है कि एक करोड़ से कम आय वाले मंदिरों की आय का पांच प्रतिशत और एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मंदिरों की आय का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार को सौंपना होगा।
हालांकि, कांग्रेस सरकार ने कहा है कि इस पैसे का इस्तेमाल पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
(आईएएनएस)
श्रीनगर, 22 फरवरी । चार दिन की बारिश और बर्फबारी के बाद गुरुवार को बादलों को चीरती सूरज की किरणों के आने से जम्मू-कश्मीर में मौसम में सुधार शुरू हो गया।
मौसम विभाग ने गुरुवार से मौसम में सुधार की भविष्यवाणी की है। साथ ही कहा है कि 27 से 29 फरवरी के बीच बारिश/बर्फबारी के एक और दौर की संभावना है।
ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि इन जगहों पर हिमस्खलन का खतरा है।
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे, गुलमर्ग में 10.4 डिग्री नीचे और पहलगाम में 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
लद्दाख क्षेत्र में, लेह शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 12.2 डिग्री सेल्सियस नीचे और कारगिल में शून्य से 13.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री और कटरा में चार डिग्री सेल्सियस रहा। बटोटे और भद्रवाह दोनों में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस और बनिहाल में शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 21 फरवरी । अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने कमल हसन ने कहा कि वो और उनकी पार्टी ने अभी तक इंडिया गठबंधन का दामन नहीं थामा है।
कमल हसन अपनी पार्टी मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) की सातवीं वर्षगांठ पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने कमल हसन ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वो किसी भी ऐसे मोर्चे में शामिल नहीं होंगे, जो स्थानीय सामंती राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त हो। वो एक ऐसे राजनीतिक समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं, जिसके लिए राष्ट्र प्रथम हो।
जब उनसे इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि अभी तक वार्ता का सिलसिला जारी है।
बता दें कि पहले खबर आई थी कि कमल हसन की पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल होने जा रही है। इसके अलावा डीएमके उन्हें कोयमबंटूर और चेन्नई में से कोई एक सीट देने के लिए राजी हो चुकी है।
इससे पहले यह अटकलें तेज थी कि कमल हसन को सीट आवंटित करने के लिए कांग्रेस को कुछ सीटें देने में कटौती की जा सकती है।
(आईएएनएस)
रांची, 21 फरवरी । पिछले पांच दिनों से दिल्ली में जमे झारखंड कांग्रेस के नाराज विधायकों को पार्टी नेतृत्व ने मना लिया है। ये विधायक चंपई सोरेन की कैबिनेट में शामिल किए गए कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को हटाने की मांग पर अड़े थे।
मांग न माने जाने पर उन्होंने 23 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के बहिष्कार की धमकी दी थी। नेतृत्व ने विधायकों से कहा है कि फिलहाल चारों मंत्री बने रहेंगे। उन्हें हटाने से मौजूदा सियासी परिस्थितियों में गलत संदेश जाएगा।
मंगलवार रात और बुधवार को दिन में पार्टी के संगठन महासचिव केसी. वेणुगोपाल से वन-टू-वन बातचीत के बाद अब विधायकों का रुख नरम है। विधायकों से कहा गया कि इस तरह से गोलबंद होकर मंत्रियों को हटाने की उनकी मांग एकबारगी नहीं मानी जा सकती। इससे सरकार की साख पर सीधा असर पड़ेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के सुझावों-शिकायतों पर तत्काल गौर करें। अगर इसमें कहीं कोताही हुई तो उन्हें रिप्लेस कर दिया जाएगा।
केसी. वेणुगोपाल के पहले पार्टी नेतृत्व ने मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार को नाराज विधायकों को समझाने का टास्क सौंपा था। उन्होंने विधायकों से दो से तीन बार बातचीत की थी और कहा था कि उनकी भावनाओं से पार्टी नेतृत्व अवगत है। सही समय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। विधायकों की राज्य के बोर्ड-निगमों में जल्द नियुक्ति होगी और इसमें उनकी सिफारिशों पर गौर किया जाएगा।
पार्टी नेतृत्व ने विधायकों को राज्य में गठबंधन की सरकार की मजबूती के लिए काम करने और लोकसभा चुनाव की तैयारी पर फोकस करने को कहा है। दिल्ली में शनिवार से जमे सभी नौ विधायक बुधवार शाम तक रांची लौट आएंगे।
16 फरवरी को चंपई सोरेन कैबिनेट के विस्तार में कांग्रेस कोटे से उन्हीं चार विधायकों को मंत्री बनाया गया था, जो इसके पहले की हेमंत सरकार में मंत्री थे। इस बात पर कांग्रेस के कुल 12 विधायक नाराज हो गए थे। इनमें से नौ विधायक एक साथ दिल्ली के रिजॉर्ट में जमे हुए थे।
(आईएएनएस)
सागर, 21 फरवरी । मध्य प्रदेश के सागर जिले की पहचान लाखा बंजारा झील है। इसके कायाकल्प का अभियान पांच वर्षों से जारी है। अब झील में वाटर स्पोर्ट्स के साथ क्रूज चलाने की तैयारी है।
लाखा बंजारा झील शहर के बीचों-बीच स्थित है और इसके चारों ओर देवालय है, यही कारण है कि यहां का शाम का नजारा हर किसी को लुभाने वाला होता है।
इस झील को आकर्षक रूप देने की कोशिशें जारी है, यह बात अलग है कि झील अब तक वह रूप नहीं ले पाई है, जिसकी सभी को उम्मीद थी। इस झील के बीचों-बीच एक पुल बनाया गया है, जो शहर के दो हिस्सों को जोड़ने का काम कर रहा है। बस स्टैंड से चकराघाट तक पहुंचना आसान हो गया है। साथ ही शहर की मुख्य सड़क पर यातायात का दवाब भी कम हुआ है।
अब इस झील में क्रूज के साथ वाटर स्पोर्ट्स भी शुरु होने जा रहे हैं। कलेक्टर दीपक आर्य ने स्पोर्ट्स गतिविधियों के सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ हिदायत दी है और कहा है कि किसी भी स्थिति में बगैर लाइफ जैकेट के गतिविधियों में शामिल न किया जाए। झील में आने वाली वर्षा ऋतु में पर्याप्त पानी होगा। इसे ध्यान में रखते हुए झील में पर्यटन करने के लिए क्रूज चलाया जाने वाला है। झील में वाटर स्पोर्ट्स एवं खेल गतिविधियां भी शीघ्र प्रारंभ होंगी।
(आईएएनएस)
देहरादून, 21 फरवरी । उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में पीपीपी मोड पर संचालित होने वाले अस्पतालों को लेकर बैठक की।
इसमें 300 बेड के कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला देहरादून और 200 बेड वाले मदर एंड चाइल्ड हेल्थ हॉस्पिटल हरिद्वार की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) को लेकर चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने बैठक में कैंसर हॉस्पिटल में कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरणों, उपचार सुविधाएं तथा मैनपॉवर की उपलब्धता को एक साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस सुपरस्पेशिलिएटी कैंसर अस्पताल का संचालन अगले एक वर्ष में आरंभ हो जाएगा। मुख्य सचिव ने कैंसर हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में सचिव डॉ. आर राजेश कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
(आईएएनएस)