राजनीति
रांची, 29 दिसंबर | झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को अपने कार्यालय में एक साल पूरा कर लिया। इस अवसर पर, रांची के मोराबादी मैदान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने 1,710.26 करोड़ रुपये की 171 योजनाओं का उद्घाटन किया और 1,529.06 करोड़ रुपये की लागत वाली 59 योजनाओं का शिलान्यास किया।
उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "जब मैंने राज्य की कमान संभाली थी, तब राज्य के खजाने खाली थे। हर विभाग कर्ज में डूबा हुआ था। सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने संबंधी एक मुद्दा लंबित था। मैं वादा करता हूं कि राज्य को अगले पांच वर्षो में किसी से मदद लेने के लिए हाथ नहीं बढ़ाना पड़ेगा। केंद्र सरकार और विश्व बैंक से भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"
सोरेन ने कहा, "यह गंभीर सोच का विषय है कि एक सरप्लस राज्य घाटे में चला गया और पिछले 20 वर्षो में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई गंभीर विचार नहीं दिया गया।"
सोरेन ने कहा, "ऐसे कई राज्य हैं, जहां कोयला, बॉक्साइट, खदानें नहीं हैं, जो हमारे राज्य में बहुतायत में हैं। इन सभी संसाधनों के बावजूद, हम एक पिछड़े राज्य हैं। राज्य में ऐसे खिलाड़ी हैं जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर नाम और शोहरत कमा रहे हैं। कला और संस्कृति क्षेत्र में बहुत सारे अवसर हैं, लेकिन कोई काम नहीं किया गया।"
इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आर.पी.एन. सिंह, मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। (आईएएनएस)
शिमला, 29 दिसम्बर | हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की पत्नी शैलजा का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से एक अस्पताल में निधन हो गया। डॉक्टरों ने कहा कि इससे पहले वह जांच में कोरोना पॉजिटिव निकली थीं। उनका कांगड़ा जिले के टांडा में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में उनके पति और परिवार के सदस्यों के साथ इलाज चल रहा था। उन्हें 27 दिसंबर को भर्ती कराया गया था, जहां वह अपने पति, सुरक्षाकर्मी और अन्य स्टाफ के साथ कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं।
डॉक्टरों ने कहा कि एक दिन पहले वायरस की वजह से उनकी हालत खराब हो गई थी। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की कोशिश की गई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार 1977 और 1990 में हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से उनके स्वास्थ्य का हालचाल लिया था।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शोक संदेश में कहा कि राज्य ने एक एजुकेशनलिस्ट लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता को खो दिया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कमजोर वर्गो के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शैलजा को एक महान आत्मा और आध्यात्मिक झुकाव वाले आदर्श गृहिणी के रूप में वर्णित किया। (आईएएनएस)
भारत में विभिन्न राज्यों में जारी राजनीतिक हिंसा के बीच त्रिपुरा की बीजेपी सरकार ने 2018 से पहले प्रांत में राजनीतिक हिंसा के शिकारों के परिजनों को रोजगार देने की पहल की है. परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी का लिखा-
त्रिपुरा, 28 दिसंबर | त्रिपुरा में 2018 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा लगातार हिंसा के लिए सुर्खियों में रहा है. राज्य में खासकर विपक्षी वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं व पत्रकारों पर हमले लगातार तेज हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल में जहां पार्टी सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा के आरोप लगाती रही है वहीं त्रिपुरा में जारी हिंसा पर उसने चुप्पी साध रखी है. वैसे, राजनीतिक हिंसा भारत में नई नहीं है. लेकिन हाल के वर्षों में धर्म के आधार पर तेजी से बढ़ते धुव्रीकरण की वजह से यह लगातार तेज हो रही है. अब हालत यह है कि ज्यादातर राज्य इसकी चपेट में हैं. वह चाहे पूर्वोत्तर के सातों राज्य हों या फिर केरल या कर्नाटक. तमिलनाडु में भी अक्सर ऐसी हिंसा की खबरें सामने आती रही हैं.
अब लगातार बढ़ती राजनीतिक हिंसा के बीच बिप्लब देव के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार ने वर्ष 2018 से पहले यानी लेफ्ट के शासनकाल के दौरान राजनीतिक हिंसा में मारे लोगों के एक-एक परिजनों को सरकारी नौकरी देने का एलान किया है. देश के विभिन्न राज्यों में बढ़ती राजनीतिक हिंसा के बीच त्रिपुरा सरकार का यह फैसला अपनी किस्म का पहला तो है. लेकिन इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि इस योजना के जरिए खासकर भगवा पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं को उपकृत करना ही सरकार का मुख्य मकसद है. दूसरी ओर, सीपीएम ने राज्य में हिंसा के लगातार तेज होने के मुद्दे पर सरकार की खिंचाई की है. पार्टी ने इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.
सरकार की योजना
त्रिपुरा सरकार ने उन लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है जो वर्ष 2018 में मार्च से पहले राजनीतिक हिंसा में मारे गए हैं. उस समय विपक्ष में रही बीजेपी सत्तारुढ़ लेफ्ट पर अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप लगाती रही थी. कानून मंत्री रतन लाल नाथ बताते हैं, "नौ मार्च, 2018 से पहले राज्य में होने वाली हिंसा में बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई थी. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ऐसे तमाम परिवार सरकार से आर्थिक सहायता या सरकारी नौकरी की गुहार लगा रहे थे. सरकार को ऐसे सैकड़ों आवेदन मिले हैं.” इन आवेदनों के निपटारे के लिए सरकार ने कानून मंत्री के नेतृत्व में एक छह-सदस्यीय समिति का गठन किया था. पहले दौर में आवेदन करने वाले दस में से सात लोगों को नौकरी के योग्य पाया गया है. सरकार का कहना है कि इस कोटे के तहत नौकरी के लिए आवेदकों का कम से कम आठवीं पास होना अनिवार्य है. नाथ बताते हैं, "जो लोग शैक्षिक योग्यता पर खरे नहीं उतरेंगे उनको आर्थिक सहायता देने पर विचार किया जाएगा. इस योजना के तहत नौकरी पाने के लिए जिलाशासक के जरिए आवेदन भेजना होगा. उसके बाद समिति उन पर विचार कर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगी.”
यह योजना त्रिपुरा के गठन के बाद से नौ मार्च 2018 तक यानी बीजेपी के सत्ता में आने से ठीक पहले तक हुई मौतों के मामले में लागू होगी. वैसे, इस योजना के तहत नौकरी पाने की शर्तें आसान नहीं होंगी. रतन लाल नाथ के मुताबिक, "ऐसे परिवार में किसी एक को ही नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा परिवार में दूसरा कोई कमाने वाला नहीं होना चाहिए. आवेदक के परिवार के बाकी सदस्यों के हस्ताक्षर वाला अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी आवेदन के साथ संलग्न करना होगा." इसके अलावा संबंधित पुलिस अधीक्षक से इस बात की पुष्टि की जाएगी क्या परिवार के व्यक्ति की मौत राजनीतिक हिंसा में ही हुई थी. बीजेपी की युवा शाखा ने इससे पहले बीते 11 नवंबर को राजधानी अगरतला में रैली निकाल कर पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें राजनीतिक हत्या के तमाम पुराने मामलों को दोबारा शुरू कर सरकार को रिपोर्ट सौंपने की मांग की गई थी.
विपक्ष का आरोप
विपक्षी सीपीएम ने सरकार की इस योजना पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि इसका मकसद बीजेपी के लोगों को सरकारी नौकरियां देना है. इस योजना की आड़ में सरकार भगवा पार्टी के काडरों को सरकार में भरना चाहती है. सीपीएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा सदस्य जितेंद्र चौधरी कहते हैं, "इस योजना में इतनी शर्तें थोप दी गई हैं कि आम आदमी के लिए उसे पूरा करना संभव नहीं है. इसके अलावा उससे संबंधित दस्तावेज जुटाने में भी भारी परेशानियों का सामना करना होगा.” पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है और लेफ्ट के नेताओं व कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है.
जितेंद्र चौधरी बताते हैं कि 24 दिसंबर की रात को सीपीएम के तीन नेताओं पर हमले हुए. लेकिन इन मामलों में पुलिस अब तक एक भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इसी तरह एक सप्ताह पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता पवित्र कर के आवास पर ही उन पर हमला हुआ था. लेकिन पुलिस या प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. सीपीएम का आरोप है कि राजनीतिक हिंसा पर मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की चुप्पी से हमलावरों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं. इस हिंसा में लेफ्ट कार्यकर्ताओं व नेताओं के अलावा आम लोग भी पिस रहे हैं. विपक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर इस हिंसा पर अंकुश नहीं लगाया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा. लेकिन सरकार पर उसकी चेतावनी का कोई असर फिलहाल नहीं नजर आ रहा है. (dw.com)
नई दिल्ली, 28 दिसम्बर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस के अवसर पर सोमवार को नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए तथा किसानों की पीड़ा को उजागर करने के लिए तिरंगा मार्च का आयोजन किया। तिरंगा मार्च एनएसयूआई कार्यालय से शुरू होकर जंतर मंतर पर जाकर समाप्त हुआ, जिसमें एनएसयूआई के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने मीडिया से कहा, "एनएसयूआई का धरना प्रदर्शन सरकार को एक संदेश भेजने का इरादा रखता है कि अगर वे भारत के लोगों की बात नहीं मानते हैं, तो हम उनकी सरकार के खिलाफ विद्रोह करेंगे।"
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ उनके कथित पूंजीवादी दोस्तों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए नारे लगाए।
कुंदन ने कहा कि तिरंगा मार्च भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को याद दिलाता है कि उन्हें अपने गंदे राजनीतिक एजेंडे और खेल को रोकने और राष्ट्र के कल्याण के लिए कुछ करने की जरूरत है।
कुंदन ने कहा कि सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा।
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने 480 फीट लंबे झंडे के साथ पार्टी मुख्यालय में इसका स्थापना दिवस मनाया, जिसमें 1885 से लेकर वर्तमान समय तक के सभी कांग्रेस अध्यक्षों के नाम और चित्र दिखाई दे रहे थे।
इससे पहले दिन में पार्टी के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति में पार्टी मुख्यालय में झंडा फहराया। (आईएएनएस)
चेन्नई, 28 दिसंबर | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने सोमवार को चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह तमिलनाडु सरकार को पोंगल उपहार के लिए मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की तस्वीर लगे टोकन वितरित न करने का निर्देश दे। राज्य सरकार ने इससे पहले 2,500 रुपये के पोंगल उपहार और 'केवल चावल' राशन कार्ड धारकों के लिए चावल, गुड़, काजू, इलायची, पूरा गन्ना और अन्य वस्तुएं देने की घोषणा की थी।
द्रमुक के अनुसार, राशन की दुकानों से पोंगल उपहार की प्राप्ति के लिए तारीख और समय अंकित टोकन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सदस्यों द्वारा वितरित किए जाते हैं।
द्रमुक ने कहा कि पलानीस्वामी और अन्य मंत्रियों की तस्वीरें लगी होने से ऐसा आभास होता है कि उपहार राज्य सरकार नहीं, बल्कि सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के नेता अपनी ओर से दे रहे हैं।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में द्रमुक के संगठन सचिव आरएस भारती ने कहा, "पोंगल गिफ्ट नकद सरकार के कोष से दिया जाता है, सत्ताधारी दल के फंड से या मुख्यमंत्री या मंत्रियों की जेब से नहीं दिया जाता। लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रम में इस तरह टोकन जारी किए जा रहे हैं, जैसे मुख्यमंत्री और मंत्री अपनी तरफ से पोंगल उपहार दे रहे हों।"
भारती ने कहा, "हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में इस समय आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नामों के साथ उनकी तस्वीर लगे पोंगल मुफ्त उपहार टोकन जारी किया जाना उचित नहीं है, क्योंकि इससे निष्पक्ष चुनाव की मूल अवधारणा प्रभावित होगी।
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव 2021 में होना है। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 28 दिसंबर | केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 31 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की सिफारिश पर अपनी सहमति दे दी है। इस सत्र में राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करेगी। विशेष सत्र को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के बीच पिछले कुछ दिनों से टकराव की स्थिति नजर आ रही थी। राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच टकराव के बाद आखिरकार विशेष सत्र बुलाने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले, राज्यपाल ने 23 दिसंबर को सदन का विशेष सत्र बुलाने में कोई रुचि नहीं दिखाई थी और उन्होंने कहा था कि इसकी कोई तत्काल जरूरत नहीं है।
राज्यपाल की ओर से 23 दिसंबर को सदन का सत्र बुलाए जाने से इनकार के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच वाक्युद्ध छिड़ गया था। इसके अलावा मंत्री ए.के. बालन और वी.एस. सुनील कुमार भी राज्यपाल से उलझ गए थे।
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार की सिफारिशों पर आपत्ति के खिलाफ राज्यपाल को पत्र लिखा था।
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी पत्र भी लिखा था।
हालांकि अब राज्यपाल ने दिसंबर और साल के आखिरी दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 28 दिसंबर | केंद्र सरकार के नए कृषि बिल पर मचे बवाल के बीच योगी सरकार के टॉप ब्यूरोक्रेट्स अब गांव-गांव किसानों का हाल-चाल लेने पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने राज्य में किसानों का सुख दुख जानने के लिए ग्राउंड जीरो पर यूपी की टॉप ब्यूरोक्रेसी को उतार दिया है। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने धान और गन्ना खरीद, गोआश्रयों की हकीकत का पता लगाने को लेकर सूबे के सभी 75 जिलों में वरिष्ठ आईएएस अफसरों को नोडल अफसर बनाकर भेजा है।
अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलों में पहुंचे अधिकारी ठंड की परवाह किये बिना सुबह से ही गन्ना एवं धान खरीद केंद्रों तथा निराश्रित गोआश्रम स्थलों का निरीक्षण कर रहें हैं। राज्य में यह पहला मौका है, जब सूबे के सीनियर आईएएस अफसरों को सभी 75 जिलों का नोडल अफसर बनाकर भेजा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 27 से 29 दिसंबर तक यह अधिकारी जिलों में रुकेंगे। इस दौरान यह नोडल अफसर जिलों में गन्ना-धान खरीद केंद्र व निराश्रित गोशालाओं का भी निरीक्षण करके वहां की समस्याओं को जानेंगे। फसलों की सिंचाई, नहरों में पानी की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति, वरासत अभियान तथा पुलिस संबंधी शिकायतों की भी समीक्षा करेंगे। इन अफसरों को धान खरीद में किसी तरह की शिकायत व जांच में पुष्टि होने पर जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चिन्हित किये गए जिलों में तीन दिन रुक कर अब यह अधिकारी धान क्रय केंद्रों, गन्ना खरीद केंद्रों तथा गोआश्रय स्थलों का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं। मौके पर ही किसानों की समस्याओं का निदान किया जा रहा है। यही नहीं नोडल अधिकारी जिले में गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था, विशेष वरासत अभियान, विद्युत आपूर्ति और किसानों को उपलब्ध कराई जा रही सिंचाई सुविधा की भी समीक्षा कर रहे हैं। कुल मिलाकर बीत रहे साल के अंतिम दिनों में कड़ाके की ठंड में किसान के द्वार पर पहुंच कर सरकार के आला अफसर किसानों की समस्याओं की जानकारी कर उसका निदान कर रहें हैं। इसके तहत ही अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी शाहजहांपुर में निराश्रित गोआश्रम का निरीक्षण किया, वो धान क्रय केंद्र पर भी गए और किसानों से उनकी दिक्कतों के बारे पूछा।
इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव हेमंत राव ने औरैया में धान क्रय केंद्र का दौरा किया। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बरेली में वैक्सीनेशन की तैयारियों की समीक्षा की और प्रतिदिन तीन हजार लोगों के सैंपल लेकर जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने विदेश से आने वालों की कोविड जांच करने का भी निर्देश दिया और अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिले। मरीजों से उन्होंने पूछा कि डॉक्टर आपका ख्याल रख रहे हैं या नहीं। बहेड़ी के धान खरीद केंद्र का भी उन्होंने निरीक्षण किया और उसके बाद समीप के गुड्वारा गांव में सरकारी स्कूल में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को भी उन्होंने सुना। इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा तथा कानपुर के मण्डलायुक्त राजशेखर ने भी धान खरीद केंद्र का निरीक्षण किया और वरासत अभियान की प्रगति की जानकारी ली। ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में भी इस अफसरों के जानकारी प्राप्त की।
फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ग्रामीणों के बीच कड़ाके की ठंड में पहुंचे सूबे की आला अफसरों को धान खरीद केंद्रों पर अपने बीच में देखकर सूबे के किसान हतप्रभ हैं, क्योंकि इसके पहले कोई बड़ा अधिकारी धान खरीद केंद्रों पर नहीं आता था। लेकिन आज धान खरीद केंद्रों पर सूबे के आला अफसरों ने किसान की छोटी बड़ी दिक्कतों के बारे में पूछा। फसलों की सिंचाई, नहरों में पानी की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति आदि के बारे में भी किसानों से जानकारी प्राप्त की। इसी क्रम में पुलिस संबंधी शिकायतों के बारे में भी ग्रामीणों से फीडबैक लिया। कुल मिलकर मुख्यमंत्री के इस फैसले की ग्रामीणों के बीच सराहना हो रही है।
बरेली जिले के नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल में बहेड़ी में धान खरीद सेंटर का निरीक्षण किया। किसानों से भी बात की। जिस पर किसानों ने धान की तौल कम होने के शिकायत की। किसानों ने बताया कि बहेड़ी में धान खरीद के सेंटर कम होने से किसानों को धान तौलवाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। एक हफ्ते में तौल का नंबर आता है। अपर मुख्य सचिव ने डीएम बरेली से धान खरीद के सेंटर बढ़ाने को कहा। उन्होंने धान खरीद के लिए किए गए प्रबंधों को देखने के बाद, गुड़वारा गांव में सरकारी स्कूल में चौपाल लगा कर ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि उनके गांव में जब से हाइवे बना है, बारिश का गांव में पानी भर जाता है तो परेशानी बढ़ जाती हैं, अगर स्टेट हाइवे वाले फोरलेन रोड के दोनों ओर नाले बनवा दें तो जलभराव की समस्या खत्म हो जाएगी। ग्रामीणों ने बिजली समस्या, सरकारी आवास नहीं मिलने आदि की समस्या भी नोडल अधिकारी के सामने रखी। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव ने सीडीओ बरेली से गांव के समस्याओं का निस्तारण करने के आदेश दिए। उसके बाद नवनीत सहगल ने बहेड़ी में बने गोशाला केंद्र व सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें जो भी खामियां मिलीं, उन्हें तुरंत सुधारने के निर्देश दिए। (आईएएनएस)
शिमला, 27 दिसंबर | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को पिछले तीन वर्षो के दौरान उनकी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की। राज्य भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर पीटरहॉफ में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शानदार उपहार था और यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए एक वरदान साबित हुआ है।
उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर को पीएमजीएसवाई के प्रभावी कार्यान्वयन में राज्य को देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए बधाई दी।
रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समर्पित अटल सुरंग न केवल लाहौल-स्पीति जिले के लोगों को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि सामरिक महत्व की भी देगी।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश को 'वीर भूमि' (योद्धाओं की भूमि) के नाम से जाना जाता है, क्योंकि राज्य के लगभग हर परिवार में एक सेवारत सैनिक या एक पूर्व सैनिक है।
इस मौके पर भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा का संदेश भी पढ़ा गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के तीन साल समाज के हर वर्ग के कल्याण और राज्य के समग्र विकास के लिए समर्पित हैं।
इस अवधि के दौरान राज्य सरकार ने राज्य को देश में सबसे अधिक विकसित बनाने के लिए कई पहल की।
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी ने सरकार को स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करके इस मेगा कार्यक्रम को अत्यंत सरलता से आयोजित करने के लिए मजबूर किया है।
ठाकुर ने कहा कि राज्य 5.70 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान कर रहा है। जन शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए जन मंच और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन नंबर 1100 शुरू किए गए हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने साल में पूरे किए गए कई उपलब्धियों को गिनाया। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 26 दिसम्बर | शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का दोहरा चरित्र एक बार फिर से उजागर हुआ है। शिअद ने सितंबर में राज्य की कोविड रिस्पांस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एपीएमसी के दायरे से परे निजी 'मंडियां' खोलने के निर्देश देने से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का दोहरा चरित्र सामने आया है।
यहां एक बयान में पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसे समय में, जब पंजाबी कोविड-19 के संकट का मुकाबला कर रहे हैं, मुख्यमंत्री भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और कॉर्पोरेट क्षेत्र द्वारा तय किए गए एजेंडे के अनुसार काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोविद रिस्पांस रिपोर्ट कार्रवाई के लिए विभिन्न विभागों को भेज दी गई है और इसमें कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) से परे कृषि मार्केटिंग खोलने की आवश्यकता के लिए एक खंड (सेक्शन) शामिल किया गया है।
चीमा ने कहा कि राज्य के किसानों के साथ कोई बड़ा धोखा नहीं किया जा सकता है। अकाली दल के नेता ने मुख्यमंत्री से सफाई मांगते हुए पूछा कि वह पंजाबियों को बताएं कि आखिर उन्होंने मुख्य सचिव को एपीएमसी के दायरे से बाहर 'मंडियों' को खोलने का निर्देश क्यों दिया।
शिअद नेता ने कहा कि अमरिंदर सिंह पंजाब के किसानों के नियमित और निरंतर विश्वासघात के कारण पंजाब का नेतृत्व करने का अपना नैतिक अधिकार खो चुके हैं।
चीमा ने मुख्यमंत्री से दोहरा खेल नहीं खेलने की हिदायत भी दी। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 26 दिसंबर | युवा अकाली दल के अध्यक्ष परमबंस सिंह रोमाना ने शनिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर पंजाब पुलिस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुरक्षा बल में बदल दिया है। यहां एक बयान में उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि केंद्रीय गृहमंत्री के निर्देश पर कांग्रेस सरकार द्वारा भाजपा नेताओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने के लिए पंजाब पुलिसकर्मियों को सक्रिय ड्यूटी से हटा दिया गया है।
अकाली नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके परिवार के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तलवार लटकी हुई है और इसलिए सिंह ने भाजपा के एक एजेंट के रूप में काम करने का फैसला किया है। अकाली दल के युवा नेता ने कहा कि सिंह भूल गए हैं कि वह पंजाब और पंजाबियों के संरक्षक हैं।
उन्होंने कहा, "हम इस घृणित आत्मसमर्पण की निंदा करते हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के शिक्षा मॉडल पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस निर्णय के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई नेता उत्तर प्रदेश का अलग-अलग दौरा कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के विधायकों को यूपी के सरकारी स्कूलों का भ्रमण नहीं करने दे रही। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा, "योगी आदित्यनाथ जी, क्या आपकी सरकार ने आदेश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति यूपी सरकार के स्कूल नहीं देख सकता और फोटो नहीं खींच सकता। क्या इतने खराब हैं आपके स्कूल।"
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तुलना भी की है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के स्कूलों को यूपी के स्कूलों से बेहतर बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कहा, "आप से नहीं होगा। दिल्ली आइये। हम आपको अपने स्कूल भी दिखाएंगे और वहां आपकी फोटो भी लेंगे।"
वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "अजीब हाल है दिल्ली के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी ने यूपी के शिक्षा मंत्री के जिले के स्कूल की बदहाली क्या देख ली मंत्री जी नाराज हो गये। आदेश जारी कर दिए गए कि कोई व्यक्ति न स्कूल देख सकता है न ही फोटो खींच सकता है।"
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह घोषणा कर चुके हैं। केजरीवाल के मुताबिक ने यूपी के लोग आम आदमी पार्टी को एक बार मौका देकर देखें। उन्होंने कहा कि मैं यकीन दिलाता हूं कि उत्तर प्रदेश वाले बाकी सारी पार्टियों को भूल जाएंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "यूपी के लोग भी दिल्ली की तरह मुफ्त बिजली, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं चाहते हैं। गंदी राजनीति और भ्रष्ट नेता, यूपी को प्रगति की राह पर चलने से रोक रहे हैं। इसीलिए यूपी में स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का बुरा हाल है।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 26 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में चौतरफा विकास और स्थायी शांति के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की है। केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने शनिवार को यह बात कही। गुवाहाटी के अमिंगॉन परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा कि ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों सहित पूरा पूर्वी भारत देश के लिए विकास इंजन के तौर पर बदल चुका है।
उन्होंने कहा, "अगर पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास नहीं हुआ, तो भारत का विकास अधूरा रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक 30 बार इस क्षेत्र के सभी राज्यों का दौरा किया है और विकास मिशन को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं - चाहे वह रेलमार्ग हो, सड़क या हवाई संपर्क हो या विभिन्न अन्य बुनियादी ढांचे की स्थापना की बात हो।"
शाह ने कहा, "एक समय था जब आतंकवादी इन राज्यों (उत्तर पूर्व) में युवाओं के हाथों में हथियार देते थे। लगभग सभी सशस्त्र समूह मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और युवाओं ने वैश्विक स्तर पर अन्य स्टार्टअप के साथ प्रतिस्पर्धा शुरू की है।"
राज्य में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए, गृहमंत्री ने कहा कि मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार असम को पर्यटन केंद्र बनाएगी। उन्होंने कहा कि असम के लाखों लोगों को रोजगार देने के लिए कई चरणों और परियोजनाओं की शुरुआत की गई है।
अगले साल के असम विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण कदम के साथ उन्होंने असम दर्शन कार्यक्रम के तहत 8,000 नामघर (असम के पारंपरिक वैष्णवी मठ) में से प्रत्येक को 2.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की।
असमिया संत श्रीमंत शंकरदेव के योगदान और महत्व का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि असमिया संस्कृति भारतीय संस्कृति है और भाजपा सरकार देशभर में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी श्रीमंत शंकरदेव के दर्शन (फिलॉस्पी) को ले जाएगी। मालूम हो कि श्रीमंत शंकरदेव असम में एक वैष्णव संत-सुधारक थे, जिन्होंने धर्म के आध्यात्मिक पक्ष पर ध्यान केंद्रित किया।
श्रीमंत शंकरदेव 15वीं-16वीं शताब्दी के असमिया संत, विद्वान, कवि, नाटककार, सामाजिक-धार्मिक सुधारक और राज्य के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं।
भाजपा नेता ने शंकरदेव की जन्मस्थली बतद्रवा के लिए 188 करोड़ रुपये की लागत वाली एक विकास परियोजना शुरू करते हुए कहा, "असम और केंद्र में कई वर्षों तक शासन करने के बावजूद, कांग्रेस ने शंकरदेव के जन्मस्थान के लिए कुछ भी नहीं किया, जिनके योगदान ने असम के इतिहास, नाटक लेखन, कला और कविता को पहचान दी।"
शाह ने कहा, "भाजपा राज्य की भाषा, संस्कृति, कलाओं को मजबूत करने में विश्वास करती है। बतद्रवा को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर एक जीवंत सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।"
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के काम की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित की है।
असम के नौ लॉ कॉलेजों की आधारशिला रखते हुए गृह मंत्री ने कहा कि असम में पहले से ही कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा चुके हैं और आने वाले वर्षो में और स्थापित किए जाएंगे।
शाह असम और मणिपुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह शुक्रवार रात गुवाहाटी पहुंचे थे।
असम के मंत्री सरमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सोनोवाल के साथ बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसमें मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि शाह की यात्रा के दौरान कुछ कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 26 दिसम्बर | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शनिवार को अभिनेता रजनीकांत से बातचीत की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। रजनीकांत को रक्तचाप संबंधी समस्या की वजह से शुक्रवार को हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में, तमिलनाडु सरकार ने कहा कि पलानीस्वामी ने रजनीकांत से बातचीत की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। साथ ही उन्होंने मेगास्टार के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
अभिनेता बीते 10 दिनों से हैदराबाद में तमिल फिल्म 'अन्नात्थे' की शूटिंग कर रहे हैं।
फिल्म के सेट पर कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। रजनीकांत की इसी सिलसिले में 22 दिसंबर को जांच की गई थी, लेकिन वह कोरोना नेगेटिव पाए गए थे। उसके बाद से ही उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया था और उनपर करीब से निगरानी रखी जा रही है।
अस्पताल की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, "हालांकि उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन उनके रक्तचाप में अनियमितताएं हैं, इसी को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 26 दिसंबर | तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को कहा कि वह 21 साल तक तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बने रहने पर शर्म महसूस कर रहे हैं। हेस्टिंग्स में भाजपा पार्टी कार्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अधिकारी ने कहा, "मुझे वास्तव में शर्म आती है कि मैं 21 साल तक उस राजनीतिक पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) का हिस्सा था। यह बिल्कुल भी अनुशासन का पालन नहीं करती है। यह एक कंपनी की तरह हो गई है। हम उस कंपनी से बाहर आ गए और एक उचित राजनीतिक पार्टी में सदस्यता प्राप्त कर ली।"
उन्होंने कहा कि दो दशकों से बंगाल 'फॉर द पार्टी, बाय द पार्टी और ऑफ द पार्टी' की संस्कृति का पालन कर रहा है। सुवेंदु ने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार ने 34 साल तक ऐसा किया और उसके बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने इन्हीं कदम चिन्हों पर चलते हुए ऐसा ही किया।
प्रदेश के पूर्व मंत्री ने कहा, "केवल भाजपा बंगाल में 'फॉर द पीपल, बाय द पीपल, ऑफ द पीपल' संस्कृति स्थापित कर सकती है। अगर हम वास्तव में आर्थिक सुधार चाहते हैं और बंगाल में रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं, तो हमें भाजपा की ओर बढ़ना चाहिए, जो केंद्र में शासन कर रही है।"
उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी को बंगाल में भी सत्ता में आना चाहिए।
सुवेंदु ने राज्य में 135 भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत का भी जिक्र किया। अधिकारी ने कहा कि पहले से ही भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बंगाल में अपना आधार मजबूत कर लिया है। (आईएएनएस)
जयपुर, 26 दिसम्बर | भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी(आरएलपी) ने कृषि कानून को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) से नाता तोड़ लिया है। इससे पहले भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल ने भी कृषि कानूनों को लेकर एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | अटल जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए पंजाब में एकत्र किसानों पर लाठियां बरसाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आक्रोश व्यक्त किया है। भाजपा ने कहा है कि जब 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ता और किसान जुटे थे, उसी वक्त पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पुलिस से किसानों पर लोहे की राड और डंडों से आक्रमण करवा दिया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "पंजाब की कांग्रेस सरकार के संरक्षण में पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुनने के लिए बैठे किसानों और कार्यकर्ताओं पर लोहे की रॉड और डंडों से आक्रमण कराया। जिससे हमारे कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमारे एक कार्यकर्ता को तो 22-23 टांके आये, किसी के हाथ में फ्रैक्चर हुआ तो किसी के पैर में फ्रैक्चर है। कई जगहों पर किसानों के साथ इसी निर्दयता से आक्रमण किया गया।"
भाजपा के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि, "पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह व्यवहार किया और किसानों पर हुए हमले को रोकने की कोई कोशिश नहीं की, उलटे शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हुए किसानों से ही पीछे के रास्ते से निकलने और जगह छोड़ने को कहा। हर तरह से पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से किसानों को दूर रखने की कोशिश की और किसानों को हतोत्साहित किया। किसानों द्वारा लगाए टेंट को भी उखाड़ दिया गया और किसानों को उन जगहों से हटा दिया गया।"
भाजपा महासचिव ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के सवाल पर कहा, "बॉर्डर जाम कर बैठे लोग बार बार हम पर आरोप लगाते हैं कि हम अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। मैं जानना चाहता हूं कि 2014 से पहले अडानी और अंबानी क्या भीख मांगते थे? अडानी और अंबानी की फोटो तो इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे कई कांग्रेसी नेताओं और शरद पवार के साथ भी मिलेंगी।"
भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा, "कांग्रेस के एक सांसद का भी बयान मीडिया में आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एक जनवरी 2020 के बाद देखिएगा कि किस तरह खून-खराबा होगा, कत्लेआम होगा और लाशें बिछेंगी। कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों के परिप्रेक्ष्य में मैं इस स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आने वाले समय में किसी भी तरह का खून - खराबा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी केवल और केवल कांग्रेस की होगी, क्योंकि कांग्रेस को खून खराबा करके शासन चलाने की आदत पड़ गई है।"
भाजपा के राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने आरोप लगाय कि किसान आंदोलन में बैठे वामपंथी सुलह नहीं होने दे रहे हैं। जबकि मोदी सरकार ने लगातार पांच से छह बैठकें कर के किसानों की हर बात को ध्यान से सुना है। सरकार ने खुले मन से बात की है और संशोधन का लिखित आश्वासन दिया है, लेकिन आंदोलनकारी बोल रहे हैं कि सरकार अड़ियल है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 25 दिसंबर | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 15 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष मायावती का 65 वां जन्मदिन 'जन कल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाएगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सादगी से उनका जन्मदिन मनाया जाएगा। बसपा, पहले इस अवसर पर भव्य तरीके से जश्न मनाती थी। हालांकि इस मुद्दे पर तीखी आलोचना का सामना करने के बाद पार्टी ने इस दिन को 'जन कल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाने का फैसला लिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रवासियों, किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है जो आर्थिक मंदी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
जन कल्याणकारी दिवस कार्यक्रम के तहत, बसपा नेता जरूरतमंदों, गरीबों और विकलांगों की सहायता करेंगे।
बसपा नेता ने कहा, "हम मिठाई और फल वितरित करने के लिए गांवों और अस्पतालों का दौरा करेंगे।"
उन्होंने पार्टी नेताओं को अपने जन्मदिन के जश्न के दौरान सरकार द्वारा घोषित कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी कहा है। पार्टी ने कहा कि कार्यकर्ताओं का कोई जमावड़ा या सभा नहीं होगी।
मायावती दिल्ली में महामारी शुरू होने के समय से ही हैं और उनके जन्मदिन पर लखनऊ आने का अभी तक कोई कार्यक्रम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें कर रही है।
उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने और ब्राह्मणों, पिछड़े वर्गों और मुसलमानों के समर्थन को जीतने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी फंड के वित्तीय योगदान के बारे में पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है।
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती थी। वहीं 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 19 सीट पर और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ चुनाव लड़ने पर 10 सीटों पर जीत मिली थी, हालांकि परिणाम घोषित होते ही बसपा ने सपा से रास्ते अलग कर लिए थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 दिसंबर | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम की विधायक अजंता नियोग को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शुक्रवार को निष्कासित कर दिया। कांग्रेस की ओर से विधायक को निष्कासित करने को लेकर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि असम की पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री नियोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की योजना बनाई है।
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से नियोग के निष्कासन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
अगर नियोग भाजपा में शामिल होती हैं, तो यह असम में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा।
राज्य में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे हेमंत बिस्वा सरमा भी अपने कई पार्टी सहयोगियों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। (आईएएनएस)
ग्वालियर, 25 दिसंबर | मध्य प्रदेश कांग्रेस में नगरीय निकाय के चुनाव के लिए उम्मीदवारी तय करने के लिए चल रही रायशुमारी के दौरान ही आरोपों का दौर शुरु हो गया है। ग्वालियर में तो पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने पूर्व में विधानसभा के चुनाव के लिए उम्मीदवारी चयन के लिए अपनाई गई सर्वे प्रणाली पर ही सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ पर हमला बोला। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य में सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। इन सह प्रभारियों को अलग-अलग हिस्से की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यह सह प्रभारी अन्य नेताओं के साथ अपने-अपने क्षेत्र में बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में नगरीय निकाय चुनाव के उम्मीदवारों पर भी चर्चा हो रही है। शुक्रवार को ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई, इसमें सह प्रभारी सुधांशु और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर मौजूद रहे।
इस बैठक में पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने पार्टी की उम्मीदवारी चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, "विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों का ठीक तरह से चयन होता, टिकट सही तरीके से बांटे जाते तो और भी स्थानों पर जीत मिलती। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई तो यही कहा गया कि सर्वे-सर्वे, मिलेंगे टिकट, रखे रहे गए सर्वे। जब ऊपर बात ही नहीं सुनी जाए तो प्रभारी का क्या मतलब है।"
विधानसभा के उप-चुनाव का जिक्र करते हुए लाखन सिंह यादव ने कहा कि, "चुनाव के मतदान के बाद कमल नाथ से पूछा था कि कितनी सीटें जीत रहे हैं, तो उन्होंने कहा था कि सर्वे के अनुसार 26-27 सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। हुआ क्या, सिर्फ नौ सीटें ही जीत पाए।" (आईएएनएस)
शिमला, 25 दिसंबर | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को राज्य की राजधानी में ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती के अवसर पर उनकी 18 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया। 'सुशासन दिवस' के अवसर पर 'अटल स्मृति समरोह' को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। ठाकुर ने कहा कि वाजपेयी एक ऐसे राजनेता और महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने सिद्धांत की राजनीति की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी एक महान और दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने नेतृत्व के उच्चतम मूल्यों को परिभाषित किया और देश के विकास में उनके योगदान को वर्षो तक याद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि संसद में कुछ सबसे तनावपूर्ण क्षणों के दौरान भी वाजपेयी स्थिति को अत्यंत सहजता से संभालने में सफल रहे।
ठाकुर ने कहा कि एक दशक से अधिक समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद उनके निधन के समय लाखों युवा वाजपेयी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जिसने लोगों के जीवन पर उनका गहरे प्रभाव को दर्शाया।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी के लिए देश हमेशा पहले था और इसलिए देश के लोगों की ओर से उन्हें एक सच्चे राजनेता के रूप में माना जाता है।
ठाकुर ने कहा कि रिज में वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भारत माता के महान पुत्र को श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि 1.08 करोड़ रुपये खर्च करके बनाई गई यह प्रतिमा राज्य के लोगों की ओर से महान राजनेता के प्रति प्रेम और स्नेह का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री के रूप में वाजपेयी, जो हमेशा मूल्य-आधारित राजनीति में विश्वास करते थे, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के साथ एक विशेष संबंध साझा किया है, जिसे उन्होंने अपने 'दूसरा घर' भी कहा था।
अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, वाजपेयी ने कभी भी हिमाचल आने का मौका नहीं गंवाया। वह अक्सर मनाली के पास प्रीणी गांव में अपने घर पर कुछ दिनों का समय बिताने के लिए जाते रहते थे।
ठाकुर ने कहा कि अपनी सादगी और मानवता के साथ वाजपेयी ने लाखों लोगों के दिलों पर राज किया। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 25 दिसंबर | पंजाब भर के विभिन्न मोबाइल टावरों को बिजली की आपूर्ति बंद करने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को किसानों से अपील की कि वे इस तरह की कार्रवाइयों से जनता को असुविधा न पहुंचाएं। इसके साथ ही सिंह ने किसानों से संयम बरतने को भी कहा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि उसी संयम को जारी रखें, जैसा कि वह पिछले कई महीनों से अपने आंदोलन में दिखा रहे हैं।
यह बताते हुए कि कोविड महामारी के बीच लोगों के लिए दूरसंचार कनेक्टिविटी और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, सिंह ने किसानों से दिल्ली सीमा पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान वही अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह किया, जो वे इससे पहले भी राज्य में उनके आंदोलन के दौरान दिखाते आ रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि दूरसंचार कनेक्टिविटी को बाधित करने और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के तकनीशियनों के साथ अभ्रदता जैसे काम करके आप कानून को अपने हाथ में न लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कार्रवाई पंजाब और उसके भविष्य के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग 'काले' कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में किसानों के साथ खड़े हैं और वह आगे भी खड़े रहेंगे। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे सुनिश्चित करें कि न्याय के लिए उनकी यह लड़ाई राज्य के लोगों को होने वाली किसी भी समस्या का कारण न बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में किसानों द्वारा मोबाइल टावरों के लिए बिजली की आपूर्ति को रोकने के कारण दूरसंचार सेवाओं का जबरदस्त व्यवधान न केवल छात्रों की पढ़ाई और भविष्य की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा पर निर्भर हैं, बल्कि महामारी के कारण घर से काम करने वाले लोगों के दैनिक जीवन में भी बाधा डाल रहा है।
सिंह ने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि दूरसंचार सेवाओं के बाधित होने से राज्य में पहले से ही बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर और भी गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने पंजाब के नागरिकों को कोई असुविधा न पहुंचाते हुए किसानों को उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि लंबे समय तक आर्थिक संकट, जो राज्य में दूरसंचार सेवा व्यवधान के परिणामस्वरूप बढ़ेगा, उसका कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव सभी वर्गों के लिए हानिकारक होगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 25 दिसम्बर | उत्तरप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ब्राम्हण महासभा के समन्वयक पंडित विनोद मिश्रा ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मिश्रा उत्तरप्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव रह चुके हैं और वह राज बब्बर के कार्यकाल में लखनऊ जिला के प्रभारी थे।
बयान में, मिश्रा ने अपने इस्तीफा के लिए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा, "यूपी कांग्रेस को पहले ही वामपंथी नेताओं को सौंप दिया गया है और अब वे सब कुछ प्रबंधित कर रहे हैं जो कि उस सदियों पुरानी पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है जो देश के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था।"
किसी अन्य राजनीतिक संगठन में शामिल होने से इनकार करते हुए, मिश्रा ने कहा कि अब वह अपना सारा समय ब्राह्मण महासभा को मजबूत करने में लगाएंगे। (आईएएनएस)
जम्मू, 24 दिसम्बर | जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हाल ही में पहला लोकतांत्रिक चुनाव संपन्न हुआ है। जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के सफल समापन के बारे में आईएएनएस से बात की। जम्मू के मेयर गुप्ता से बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :
प्रश्न : जम्मू-कश्मीर का डीडीसी चुनाव, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विशेष रूप से पहला लोकतांत्रिक अभ्यास होने के नाते आपको कितना महत्वपूर्ण लगता है?
उत्तर : वैसे तो हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है। देश में पिछले 72 वर्षो में 14 आम चुनाव हुए हैं। हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर एक ऐसा राज्य रहा है, जहां इस दौरान केवल चार स्थानीय निकाय चुनाव हुए। पिछली राज्य सरकारें स्थानीय निकाय चुनाव और स्थानीय नेतृत्व का संचालन नहीं चाहती थीं। हालांकि यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण ही है कि ये चुनाव आयोजित किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के लाल किले में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय परिषदों के लिए चुनाव होंगे। उन्होंने जो कहा था, वह किया। अगर ये चुनाव अतीत में आयोजित किए गए होते तो जम्मू-कश्मीर कम बेरोजगारी के साथ उग्रवाद-मुक्त होता। महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी 370 के बहाल होने तक चुनाव नहीं लड़ेगी, फिर उनकी पार्टी ने चुनाव क्यों लड़ा? उन्हें कम से कम इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए था। अगर आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल हुआ है तो इसकी वजह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह हैं।
प्रश्न : आपने महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बारे में बात की, जो केवल 27 सीटों तक सीमित रही। जबकि 50 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए। क्या आपको लगता है कि यह पीडीपी के लिए एक संदेश है कि आम जनता पुराने र्ढे पर चलने के बजाय निर्दलीय नेताओं को मौका दे रही है?
उत्तर : आज के समय में लोग अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करना पसंद करते हैं। अगर लोगों को पता चलता है कि नए नेता योग्य हैं, तो वे निश्चित रूप से उन्हें वह मौका देंगे, जिसके वे हकदार हैं। पीडीपी जैसी पार्टियां पाकिस्तान का एजेंडा चला रही हैं और यही वजह है कि लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया, खासकर कश्मीर डिवीजन (संभाग) में।
प्रश्न : भाजपा चुनावों में एकल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, हालांकि इसे चेनाब घाटी और जम्मू संभाग में सीटें गंवानी भी पड़ी हैं। क्या आपको लगता है कि जम्मू संभाग में भाजपा ने अपनी पकड़ खो दी है?
उत्तर : मेरे पास आंकड़े हैं और हमारे पास पूरे राज्य में 75 सीटें हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीडीपी जैसी पार्टियां, जो दशकों से सत्ताधारी दल रहीं हैं, उनके पास भाजपा से कम सीटें हैं। इसके अलावा हमारा मतदान प्रतिशत फारूक अब्दुल्ला की नेकां से अधिक है। हमने कुछ क्षेत्रों में थोड़ा वोट शेयर जरूर खोया है, लेकिन कुल मिलाकर हम नेकां जैसी पार्टियों की तुलना में वोट शेयर के मामले में आगे हैं।
प्रश्न : गुपकार गठबंधन, जिसने अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक जनमत संग्रह पर विचार करते हुए यह चुनाव लड़े, यह गठबंधन भी 140 के आधे अंक तक भी नहीं पहुंच सका। इसलिए एक गठबंधन के रूप में क्या आपको लगता है कि गुपकार घोषणा विफल रही है?
उत्तर : मैंने अपने राजनीतिक जीवन के 20 वर्षो में कई गठबंधन देखे हैं, लगभग हर गठबंधन, जो मैंने देखे हैं, मैंने उन्हें समय के साथ घटते देखा है। जैसे ही डीडीसी की अध्यक्षता की वार्ता शुरू होगी, आप देखेंगे कि पीएजीडी में एक-दूसरे से लड़ाई शुरू हो जाएगी। इसके बाद मुझे यकीन है कि भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ अधिक चेयरमैनशिप बनाएगी या इसके लिए अन्य उम्मीदवार भी हो सकते हैं।
प्रश्न : क्या आपको लगता है कि भारत सरकार और राज्यपाल मनोज सिन्हा के वर्तमान प्रशासन को कश्मीर में जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए?
उत्तर : मुझे यकीन है कि सरकार न केवल कश्मीर में, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी जहां उम्मीदवारों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, उन सभी विजेता उम्मीदवारों को उचित सुरक्षा और सम्मान देगी।
प्रश्न : क्या भारतीय जनता पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से श्रीनगर डीडीसी के लिए सफल हो पाएगी?
उत्तर : कुछ उम्मीदवारों ने कई कारणों से भाजपा के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ा। यह हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कश्मीर में अपने जीवन को खतरे में डालने के प्रयासों और मेहनत का ही परिणाम है कि कश्मीर घाटी में कमल खिल गया है। निकट भविष्य में आप निर्दलीय उम्मीदवारों को भाजपा में आते देख सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 दिसंबर | पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हुए भाजपा शुक्रवार को देश में 19 हजार से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम करेगी। केंद्रों पर एक करोड़ किसानों को जुटाने के साथ पांच करोड़ किसानों तक प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पहुंचाने की तैयारी है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 9 करोड़ किसानों को 18,000 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करेंगे। राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, "देश के 19,000 से ज्यादा स्थानों पर भाजपा ये कार्यक्रम करेगी। इन कार्यक्रमों में देश के 1 करोड़ से ज्यादा किसान प्रत्यक्ष हिस्सा लेंगे, जबकि 5 करोड़ किसान प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनकर लाभ उठाएंगे। ये कार्यक्रम सभी विकास खंडों, पंचायतों, सहकारी संस्थानों और मंडियों पर आयोजित होंगे।"
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि, "यदि सिर्फ उत्तर प्रदेश राज्य की बात की जाय तो 822 ब्लॉक, 435 मंडलों, 10 हजार से अधिक आबादी वाली 585 ग्राम पंचायतों और 1225 सहकारी संस्थाओं पर ये कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को 12 बजे सभी किसान भाइयों और आम नागरिकों को संबोधित करेंगे। इससे पूर्व, 11 बजे सुबह प्रमुख नेताओं एवं किसान नेताओं का संबोधन होगा इस कार्यक्रम में सभी केंद्रीय मंत्री, सांसद, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री, विधायक, मेयर आदि प्रतिनिधि भाग लेंगे। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 24 दिसंबर | हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी वाम मोर्चा के प्रभावशाली प्रदर्शन से बौखलाए केरल के भाजपा नेताओं ने गुरुवार को 2021 का विधानसभा चुनाव जीतने की योजना बनाई। पार्टी दक्षिणी राज्य में अपना आधार व्यापक बनाने के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग मोड' में चली गई है। भाजपा की कोर कमेटी ने गुरुवार सुबह से शाम तक कोच्चि में बैठक की। केरल राज्य भाजपा इकाई के प्रभारी सी.पी. राधाकृष्णन ने मीडिया को बताया कि बैठक में भाग लेने वाले 2021 की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट योजना के साथ सामने आए थे।
उन्होंने कहा, "केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा-खासा वोट हासिल करने वाली भाजपा एकमात्र पार्टी है। हमारी पार्टी ने 25 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में 30,000 से अधिक वोट प्राप्त किए। भाजपा अब मुख्य रूप से इन 25 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी, इसके अलावा अन्य 40 निर्वाचन क्षेत्रों में भी।"
भाजपा नेताओं ने जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केरल के ईसाई संप्रदाय के विशिष्टजनों के साथ बातचीत की व्यवस्था करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की हालिया रणनीति पर भी चर्चा की।
पूर्व केरल भाजपा अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, जो इस समय मिजोरम के राज्यपाल हैं, फिलहाल केरल के ईसाई संप्रदाय के विशिष्टजनों से बातचीत कर रहे हैं। ईसाई मतदाताओं का समर्थन भाजपा के लिए महत्वपूर्ण होगा, विशेष रूप से मध्य केरल में।
पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख पिल्लई ने कहा, "भाजपा अब सोशल इंजीनियरिंग मोड में है। पार्टी नेतृत्व विभिन्न सामाजिक समूहों और समुदायों के साथ बैठक करेगा, जिसमें शक्तिशाली नायर सर्विस सोसायटी और श्रीनारायण धर्म परपलाना (एसएनडीपी) नेतृत्व, और विभिन्न संगठन शामिल हैं। मध्य जनवरी से पहले एससी/एसटी और ओबीसी समूहों के साथ बातचीत की जाएगी। अगर जरूरत हुई तो प्रधानमंत्री इन संगठनों के नेताओं से सीधे संवाद करेंगे।"
भाजपा अब गंभीरता से ईसाई समुदाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है और मुस्लिम यूथ लीग के नेता मुनव्वर अली शिहाब थंगल के साथ पार्टी के मुखपत्र 'चंद्रिका' में एक लेख में हागिया सोफिया मस्जिद मुद्दे पर समर्थन व्यक्त किया है। ईसाई समुदाय कथित रूप से संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) से अलग हो रहा है।
कोर कमेटी की बैठक में भाग लेने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हमने केरल में ईसाई समुदाय का यूडीएफ के साथ मतभेद की बातें सामने रखी है। यह भाजपा के लिए समर्थन की बाढ़ खोल देगा। हम पार्टी को जीतने की स्थिति में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"
इस बीच, स्थानीय निकाय चुनावों से दूर रहने वाली शोभा सुरेंद्रन जैसी नेताओं को कोर कमेटी की बैठक में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके आलोचकों ने कहा, "शोभा सुरेंद्रन एक वरिष्ठ पार्टी नेता हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी और स्थानीय चुनावों में सक्रिय रूप से खुद को शामिल करना चाहिए था।" (आईएएनएस)