राजनीति
नई दिल्ली, 23 दिसंबर | आम आदमी पार्टी का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर कई झूठे आरोप लगाए गए हैं। आंदोलनकारी किसानों के लिए अश्लील भाषा का इस्तेमाल हो रहा है। आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ कोर्ट में जाने वाले किसानों की कानूनी लड़ाई में मदद करेगी। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, "इन तीन काले कानूनों की वजह से किसान परेशान हैं, पीड़ा में हैं, आहत हैं। जब देश का किसान अपनी बात रखने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ा, तो उसके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार किया गया। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पानी की बौछारें मारी गईं, लाठी-डंडे बरसाए, सड़कें खोद दी गईं। इसके बाद भी हमारे देश के बहादुर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आए। किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरू किया, तो किसानों को अपमानित करना शुरू कर दिया गया, उनके लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे।"
राघव चड्ढा ने कहा, "कई नेता किसानों पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें कनाडा, पाकिस्तान से फंडिंग हो रही है, किसान खलिस्तानी हैं, किसान आतंकवादी हैं, देश के किसान गुंडे हैं। यहां तक कि बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्र्दशन कर रहे किसान को दलाल करार दे दिया।"
राघव चड्ढा ने आगे कहा, "बहुत सारे किसानों ने भाजपा के इन नेताओं के बयान सुने, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं और अब किसान इंसाफ चाहते हैं, अब वो इस लड़ाई को सड़क से कोर्ट तक ले जाना चाहते हैं। देश के अलग अलग हिस्सों से किसानों ने हमें संपर्क किया और बताया कि वो इन अपमानों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं।"
आम आदमी पार्टी की तरफ से एक अहम घोषणा करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि देश के किसानों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से उनका सहयोग करेगी। आम आदमी पार्टी देश के किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए किसानों को मुकदमे करने से लेकर, मुकदमें को अंजाम तक पहुंचाने में पूरी तरह से मदद करेगी। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 22 दिसंबर | पीपुल्स एलाएंस गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) उम्मीदवार और पीडीपी नेता वहीद पारा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में पुलवामा-ए निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सज्जाद अहमद रैना को हराया। पारा को जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व उप-अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था। दविंदर को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों का साथ देने के लिए पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को इस साल जनवरी में श्रीनगर से जम्मू ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि पारा की जीत लोगों का उनके प्रति प्यार और विश्वास का संकेत है।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "पीडीपी उम्मीदवार वहीद पारा पर हम गर्व क्यों न करें, जिन्होंने अपने पहले चुनाव में वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की हो। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्हें आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बावजूद लोगों ने उनके प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है।" (आईएएनएस)
जयपुर, 22 दिसंबर | राजस्थान में मंगलवार को कोविड -19 मामलों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने नए साल के जश्न को धूमधाम से मनाने या आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश में, गहलोत ने सलाह दी कि दीवाली की तरह, राज्य के लोगों को अपने घरों के अंदर रहकर, कोविड -19 संक्रमण से खुद को बचाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ नए साल का जश्न मनाना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि, "किसी के परिवार और आम लोगों के जीवन की रक्षा करना आवश्यक है।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि राज्यों को बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ की जांच करने और धार्मिक-सामाजिक आयोजनों को यथासंभव नहीं करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
गहलोत ने घोषणा की कि इन सभी को देखते हुए, आगामी कुछ हफ्तों के लिए राज्य में सभाओं, सामूहिक कार्यक्रमों और आतिशबाजी आदि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
"रात का कर्फ्यू जारी रहेगा और सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की गश्त और कार्रवाई अधिक सख्त होगी। लोगों के बीच संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरूकता के उद्देश्य से, हमारे अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। "
मंगलवार को राजस्थान में कोरोना 807 नए मामले दर्ज किए गए। इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 3,00,716 पहुंच गई। (आईएएनएस)
अमरवती, 22 दिसंबर | तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय महासचिव और विपक्ष के नेता नारा लोकेश ने कुछ पुलिस वाहनों पर कथित तौर पर युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसएमसीपी) के रंगों से सजी होने पर आपत्ति जताई। लोकेश ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्तारूढ़ पार्टी के रंग वाले वाहनों से दिशा अधिनियम के नाम पर लोगों के साथ एक और विश्वासघात किया है, जिनका इस्तेमाल अब तक महिलाओं को अत्याचारों से बचाने के लिए नहीं किया जा सका है।
उन्होंने दावा किया कि कुछ अति उत्साही पुलिसकर्मी अपनी सीमा पार कर रहे हैं। इसके साथ ही तेदेपा नेता ने कहा कि भविष्य में तो पुलिस की वर्दी को भी वाईएसआरसीपी के रंगों में तब्दील किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "इस तरह की अनचाही गतिविधियों पर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय, पुलिस को लोगों की सुरक्षा के लिए अपने मूल कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
तेदेपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी जनता से कथित तौर पर पीछे हटने के बावजूद अरुचिकर गतिविधियों का सहारा ले रही है और याद दिलाया कि उसे पंचायत कार्यालयों पर पार्टी के रंगों को लेकर झटका लगा है।
लगभग दो दशक पहले 2002 के आसपास पूर्ववर्ती संयुक्त राज्य में सभी स्कूल और कॉलेज बसों के रंगों को पीले रंग में बदल दिया गया था। इनमें कई बसों को नीले से पीले रंग में तब्दील कर दिया गया था।
प्रकाशम जिले में एक दिव्यांग पीड़ित महिला की मौत का जिक्र करते हुए लोकेश ने इसे एक हत्या करार दिया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उन्होंने कहा, "जब से वाईएसआरसीपी समाज के सभी वर्गो के लिए खोखले वादे करके सत्ता में आई है, तब से महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।"
लोकेश ने दावा किया कि रेड्डी के शासन में महिलाओं पर 310 से अधिक अत्याचार के मामले सामने आ चुके हैं। (आईएएनएस)
लखनऊ, 22 दिसम्बर | एक विचित्र बयान में उत्तर प्रदेश के बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख भीम राजभर ने कहा कि कोरोना के मामले में लोगों को गुमराह किया जा रहा है और कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय ताड़ी पीना है। राजभर बलिया में मंगलवार को एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ताड़ी गंगाजल से भी ज्यादा पवित्र है।
उन्होंने कहा, "अगर आप रोजाना ताड़ी पीते हैं, तो आप कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं होंगे।"
उन्होंने कहा कि ताड़ी एक इम्यूनिटी बूस्टर है और यह एंटीबॉडिज के निर्माण में मदद करेगा।
उन्होंने कहा, "आप इस बात को चेक कर सकते हैं कि जो रोजाना आधार पर ताड़ी पीते हैं, वह कोरोना से संक्रमित नहीं हुए हैं। राजभर समुदाय में लोग अपने बच्चे को युवा अवस्था से ही ताड़ी पिलाते हैं।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 21 दिसम्बर | पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मोंडल खान ने भगवा खेमे को छोड़कर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके बाद उनके पति सौमित्र इस हद तक नाराज हुए कि उन्होंने सुजाता से तलाक लेने का फैसला कर लिया है। अपनी पत्नी सुजाता मोंडल खान के सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के कुछ ही घंटों के भीतर बांकुरा जिले के बिष्णुपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सौमित्र खान ने कहा कि वह उन्हें तलाक का नोटिस भेजेंगे। उन्होंने सुजाता के कदम को बड़ी गलती करार दिया।
खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उन्होंने आपकी बिजली आपूर्ति (पावर सप्लाई) काट दी। उन्होंने आपको जान से मारने की धमकी दी। ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी ने आपकी नौकरी छीन ली। उस समय, मैंने अपना वादा निभाया और हर महीने आपके खाते में मेरे वेतन का 50 प्रतिशत ट्रांसफर किया, ताकि आपको इसके लिए पूछना तक न पड़े। अब आपने उन लोगों से हाथ मिला लिया है, जिन्होंने आपको अतीत में परेशान किया था।"
उन्होंने कहा, "मैं आपको (सुजाता) मुक्त करता हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मेरा नाम 'खान' अपने नाम से हटा दें।"
वहीं भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सुजाता की पहचान यही थी कि वह सौमित्र खान की पत्नी हैं। घोष ने कहा, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। यह उनका फैसला है। तृणमूल कांग्रेस के लिए यह एक अच्छा सांत्वना पुरस्कार है।
सुजाता ने भाजपा छोड़ते हुए दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने पति को जिताने के लिए कई जोखिम उठाने के बावजूद उन्हें वाजिब पहचान नहीं मिली।
राज्य में यह तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा के लिए बड़ा झटका होने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से पलटवार भी कहा जा सकता है। दरअसल बंगाल में सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता के साथ ही अन्य कई नेता टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में राजनीति कई तरह की करवट ले रही है। अब भाजपा सांसद की पत्नी सुजाता मोंडल ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
मोंडल सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज लोकसभा सांसद सौगत राय और पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुईं।
सौमित्र वर्तमान में पश्चिम बंगाल में बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और इसके साथ ही वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्य भी हैं।
टीएमसी के दिग्गज नेता रहे सुवेंदु अधिकारी के साथ ही अन्य विधायकों और सांसदों ने शनिवार को मिदनापुर कॉलेज ग्राउंड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के दौरान भाजपा में शामिल होने के 48 घंटे बाद यह महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है।
मोंडल ने मीडियाकर्मियों से कहा, वो जिन्होंने लोगों को हमारे घर में तोड़फोड़ करने के लिए भेजा, वे अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। मैंने पार्टी के लिए सब कुछ किया, जिसमें जान का खतरा था। लेकिन भाजपा ने इसका सम्मान नहीं किया। इसके बजाय वे अन्य दलों के लोगों का स्वागत कर रहे हैं।
सुजाता मोंडल ने कहा कि एक दिन सौमित्र खान को भी इसका एहसास होगा और वह तृणमूल कांग्रेस में वापस आएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया है, जिसकी वह पार्टी में हकदार थीं।
उन्होंने कहा, भाजपा योग्य लोगों की इज्जत नहीं करती है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के आकर्षक पद प्राप्त करने के लिए लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं। मैं टीएमसी में शामिल हो रही हूं, क्योंकि पार्टी मुझे सम्मान और सुरक्षा देगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | गांधी परिवार के प्रति हमेशा वफादार रहे दिग्गज कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा का यहां सोमवार को दोपहर में निधन हो गया। एक दिन पहले उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। वोरा ने यहां के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। हाई ब्लडप्रेशर के साथ सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद इस अस्पताल में उन्हें 19 दिसंबर को भर्ती कराया गया था।
उन्हें क्रिटिकल केयर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीर श्रीवास्तव के वार्ड में भर्ती कराया गया था। सोमवार की सुबह उन्हें हाइपोटेंशन और हाइपोक्सिमिया संबंधी तकलीफ हुई थी। उसके बाद उन्हें एक सेप्टिक शॉक का अनुभव हुआ और उन्हें 3.52 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ से विधायक उनके बेटे अरुण लाल वोरा ने ट्वीट किया, "कांग्रेस परिवार के सबसे मजबूत वृक्षों में से एक और देश की राजनीति का एक गहना, मेरे पूज्य पिताजी का पार्थिव शरीर अंतिम श्रद्धांजलि के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास पर शाम छह बजे से आठ बजे तक रखा जाएगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मोतीलाल वोरा जी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे, जिन्हें दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में व्यापक प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।"
वोरा का अपना जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद ही 93 साल की उम्र में निधन हो गया।
वोरा ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्षद के रूप में शुरू किया था। इसके बाद वह अपने राजनीतिक जीवन के दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और कांग्रेस कोषाध्यक्ष बने। इस साल मार्च में उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हुआ था।
कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक वोरा अक्टूबर में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में भी कोरोनावायरस को मात दी 16 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
मूत्र संक्रमण की शिकायत के साथ ही कुछ दिनों पहले उन्हें ओखला रोड स्थित एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जैसे ही उनकी मौत की खबर फैली, शोक संवेदनाएं उमड़ पड़ीं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वयोवृद्ध कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक प्रकट किया तथा कहा कि वह बड़े विनम्र शख्स थे और नेताओं की ऐसी पीढ़ी से थे, जो अंत तक अपने ²ढ़ विश्वास के साथ अपनी राजनीति पर चलते हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद यहां एक अस्पताल में निधन होने पर दुख जताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, "यह सुनकर दुख हुआ कि वयोवृद्ध कांग्रेस नेता श्री मोतीलाल वोरा नहीं रहे। वह बड़े विनम्र शख्स थे और नेताओं की ऐसी पीढ़ी से थे, जो अंत तक अपने ²ढ़ विश्वास के साथ अपनी राजनीति पर चलती है। उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।"
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्गज कांग्रेस नेता का कई दशकों का राजनीतिक करियर रहा। वह लंबे समय तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कोषाध्यक्ष रहे।
वोरा के निधन पर कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, "हम कांग्रेस नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। कांग्रेस ने एक मार्गदर्शक ज्योतिपुंज खो दिया है। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, "वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है।"
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वोरा के निधन पर दुख जताते हुए कहा, "मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।"
उन्होंने कहा, "92 साल की उम्र में भी पार्टी की हर बैठक में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुखभरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।"
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "एक दिग्गज नहीं रहे। मोतीलाल वोरा प्रतिबद्धता, समर्पण और निष्ठा के प्रतीक थे। उन्होंने पूरी एक पीढ़ी को प्रेरित किया। मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।" (आईएएनएस)
जयपुर, 21 दिसम्बर | राजस्थान सरकार के दो साल के कार्यकाल में अशोक गहलोत सरकार द्वारा अब तक 20.55 लाख किसानों को बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरित कर 7726.90 करोड़ रूपए का फसली ऋण माफ किया गया है। राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 में फसली ऋण के साथ साथ केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं भूमि विकास बैंक सहकारी बैंकों के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण सीमान्त एवं लघु श्रेणी के किसानों के माफ किए गए। इसमें 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में अवधि पार खातों के 2लाख रूपए के बकाया ऋणों को माफ कर किसानों को राहत दी गई। इस योजना से अब तक 29,262 किसानों का 336.49 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। इन किसानों की जमीन पुन: उनके नामे हो चुकी है।
पिछले 2 वर्षों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगातार किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। कोरोना महामारी के बीच, किसानों की आर्थिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करके उनकी समस्याओं को दूर करना राज्य सरकार की प्रमुखता में रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में, राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं को पारदर्शी तरीके से और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जा रहा है। इसका परिणाम ये है कि किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
किसानों के लिए, उनकी उपज के उचित मूल्य के लिए एक लड़ाई है, जिसे मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और निजी सहकारी बाजार के रूप में खरीद और बिक्री सहकारी समितियों को अधिसूचित किया है ताकि किसानों से जल्द से जल्द खरीद की जा सकें।
अब किसान उपज को अपने खेत और गांव के पास बेच सकता है। इसके अलावा, कृषि उपज मंडियों के अनुसार, खुली नीलामी में कृषि जिंसों की बिक्री से प्रतिस्पर्धी मूल्य की सुविधा मिल रही है। 30 जून तक 19 हजार 243 किसानों को लाभ मिला है तथा उनकी 6 लाख 70 हजार 580 क्विंटल उपज की खरीद हुई है। जिसकी राशि 152.95 करोड़ रूपए है।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि "बहुत से किसानों को फसल बुवाई और अन्य कार्यो के लिए पैसे उधार लेना पड़ता है इनके आर्थिक भार को कम कृषि उपकरणों पर खर्च को कम करने के लिए, ग्राम सेवा सहकारी समितियों और खरीद बिक्री सहकारी समितियों को उचित किराए पर आसानी से उपलब्ध उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों के साथ जोड़ा जा रहा है। 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए 8 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।"
मुख्यमंत्री गहलोत ने देश में पहली बार सहकारिता के क्षेत्र में सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019 की शुरूआत की है जिससे ऋण वितरण में भेदभाव को समाप्त किया जा सकें।
इसी के चलते, बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर वास्तविक किसान को लाभ मिल रहा है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए, राज्य के 12.72 लाख नए सदस्य किसानों को फसली ऋण स्कीम से जोड़ा गया है। साथ ही बैंकिंग सुविधा में वित्तीय समावेशन एवं पारदर्शिता लाई जा रही हैं। गहलोत ने 29 जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सभी शाखाओं को कम्प्यूटरीकृत कर कोर बैंकिंग सोल्यूशन से जोड़ने का निर्णय भी लिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | आम आदमी पार्टी ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शासित नगर निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए रुपए नहीं हैं। ऐसे में अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए पैसा कहां से आया है। आप के मुताबिक भाजपा सीबीआई जांच से बचने के लिए नगर निगम को टैक्स में मिले जनता के पैसे का दुरुपयोग कर अखबारों में विज्ञापन छपवा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कहा, "नगर निगम के कर्मचारियों के घर भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। लोग अपने बच्चों के स्कूल तक की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पूरी दिल्ली में जगह-जगह होर्डिग और पोस्टर लगाकर भ्रष्टाचार को छुपाने की एक नाकाम कोशिश की है, हालांकि इन करोड़ों रुपयों का सही इस्तेमाल कर कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा सकता था।"
भाजपा शासित एमसीडी की ओर से 2500 करोड़ के घोटाले पर सफाई देते हुए अखबारों में छपे विज्ञापन पर बयान जारी करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि, "यदि भाजपा शासित नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो अखबारों में इतने बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए पैसा कहां से आया। भाजपा शासित एमसीडी का असली चाल-चरित्र जनता के सामने आ गया है।"
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 15 साल के अपने शासनकाल में दिल्ली नगर निगम के भीतर इतना भ्रष्टाचार किया है कि, आज दिल्ली नगर निगम कंगाल हो चुका है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर | आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को पार्टी नेता व दिल्ली के विधायक संजीव झा को बिहार और पार्टी के दिल्ली पूर्वाचल संगठन का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झा को बधाई दी, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बुराड़ी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।
झा ने कहा, "बिहार के लिए प्रभारी के तौर पर मुझे जिम्मेदारी देने के लिए मैं अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए चौबीसों घंटे काम करूंगा।"
बिहार के मधुबनी जिले से संबंध रखने वाले 41 वर्षीय झा मैथिल ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। उनके पिता भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के कर्मचारी थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एम.वाई.एन. हाईस्कूल, शंभुआर से प्राप्त की। बाद में उन्होंने मधुबनी जिले के आर.के. कॉलेज से पढ़ाई की।
साल 2012 के अंत में आप के गठन के बाद, झा 2013 में बुराड़ी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार कृष्ण त्यागी को 10,351 मतों से हराकर विधायक चुने गए थे।
उन्होंने जिला विकास समिति (मध्य जिला) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था।
साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को बड़ी जीत मिली थी, जिसमें झा ने फिर से बुराड़ी क्षेत्र से बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने 67,950 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, जो कि दिल्ली में दूसरा सबसे बड़ा अंतर रहा था।
बाद में झा को आप की ओर से बिहार और झारखंड का प्रवक्ता और प्रभारी नियुक्त किया गया। 2016 में दिल्ली सरकार ने झा को परिवहन मामलों के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया।
साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में झा ने जनता दल युनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार को 88,158 से अधिक मतों से हराया। यह दिल्ली चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक मार्जिन से चुनावी जीत दर्ज हुई थी।
झा को अब दिल्ली जल बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया गया है। (आईएएनएस)
पटना, 21 दिसंबर | विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा के लिए सोमवार को एक साथ बैठे। इस दौरान राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में 2021 में फिर से चुनाव हो सकता है, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा। तेजस्वी ने भाजपा और जदयू के गठबंधन को मजबूरी का गठबंधन बताते हुए कहा कि, "यह गठबंधन कभी भी टूट सकता है और चुनाव हो सकता है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा।"
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए यादव ने कहा, "हमे सभी वर्गो का वोट मिला है। कुछ सीटों पर भितरघात के चलते हम हारे। एक-एक सीट पर चार-चार प्रत्याशी खड़े हो गए। व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ लोगों ने भितरघात किया। पार्टी हित नहीं देखा। जिन सीटों पर हम जीत सकते थे वहां भी निराशा हाथ लगी। सामने के शत्रु से तो लड़ा जा सकता है, लेकिन भीतर के शत्रु से नहीं, इसलिए अगली लड़ाई के लिए सभी तैयार रहें। एकजुट रहें।"
तेजस्वी ने पार्टी की पुरानी परंपरा में भी बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि अब पार्टी परंपरा में बदलाव की जरूरत है। पुरानी परंपरा से पार्टी का भला नहीं होगा।
राजद के एक नेता ने बताया कि बैठक में किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में कहा गया है कि सभी को सड़कों पर उतरना होगा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत सभी राजद विधायक, हालिया चुनाव में हारे प्रत्याशी एवं पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी हार के कारण बताए। उन्होंने मतदान केंद्रों पर पोलिंग एजेंटों को समय पर नहीं पहुंचने को हार का कारण बताया।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक के पहले तेजस्वी यादव रांची गए थे और अपने पिताजी और पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मोतीलाल वोरा जी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे, जिन्हें दशकों लंबे राजनीतिक जीवन में व्यापक प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।"
वोरा का अपना जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद ही 93 साल की उम्र में निधन हो गया।
वोरा ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्षद के रूप में शुरू किया था। इसके बाद वह अपने राजनीतिक जीवन के दौरान मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और कांग्रेस कोषाध्यक्ष बने। इस साल मार्च में उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हुआ था। (आईएएनएस)
भाजपा की ओडिशा इकाई ने रविवार को इस साल जुलाई में नयागढ़ जिले में पांच साल की एक लड़की की हत्या मामले में न्याय पाने की मांग को लेकर पांच दिवसीय 'पदयात्रा' या पैदल मार्च शुरू किया।
भुवनेश्वर, 20 दिसंबर । मार्च भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर से शुरू किया गया है और मार्च 24 दिसंबर को लड़की के पैतृक गांव जादूपुर में समाप्त होगा।
भाजपा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने और आरोपी को बचाने के आरोप में मंत्री अरुण कुमार साहू के इस्तीफे की मांग कर रही है।
महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन ने कहा, "राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) पहले ही संकेत दे चुका है कि मामले में राज्य की जांच उचित नहीं थी। हम सीबीआई जांच की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।"
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एनसीपीसीआर ने हत्या की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी, क्योंकि यह कथित रूप से पाया गया था कि पुलिस जांच में गंभीर खामियां थीं।
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने मार्च पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी अनावश्यक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। लेकिन, विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने हाथरस के अपराध को कैसे संभाला। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।"
शीतकालीन सत्र के दौरान नाबालिग लड़की के माता-पिता ने विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास करने के बाद नाबालिग लड़की की मौत का मामला एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि साहू उनकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बचा रहे थे।
राज्य ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। (आईएएनस)
नई दिल्ली, 20 दिसंबर | कांग्रेस ने रविवार को 26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों में से 33 की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाए। अखिल भारतीय किसान सभा ने रविवार को आंदोलनकारी 33 किसानों की मौत पर 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाया। इन किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी या ठंड के कारण हुई। ये किसान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आंदोलन कर रहे 33 किसानों की मौत हो गई। मगर इस पर मोदी ने एक भी शब्द क्यों नहीं बोला? हमारे प्रधानमंत्री 'मौन' (चुप) क्यों हैं? हमारे अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सबसे ठंड समय में धरने पर बैठे हैं, लेकिन हमारे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास उनके लिए समय नहीं है, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल जाने, रोड शो करने का समय है।"
उन्होंने कहा, "अत्यधिक ठंड और बीमारियों के कारण 33 किसानों की मौत हो गई है। उनकी मौत के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है..। इस समय घर के अंदर भी बैठे लोग भी ठंड से ठिठुर रहे हैं, हमें हीटर की जरूरत पड़ रही है और हमारे अन्नदाता बाहर सड़कों पर ठिठुर रहे हैं।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री एक ऐसा आदमी है जो इस देश से प्यार करता है, जो अपने लोगों को प्यार करता है। अगर ऐसा है तो बड़े दिल वाला आदमी उन किसानोंसे मिलने तो जा सकता है और उन्हें और उनके परिवारों को सांत्वना तो दे ही सकता है। जरा सोचिए कि किसानों के परिवार और बच्चे इन दिनों किस हाल में हैं। कहां है मोदी की हमदर्दी?
यहां संसद भवन के पास गुरुद्वारा रकाबगंज में हुए प्रधानमंत्री के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता शमा ने कहा, "किसी गुरुद्वारे या मंदिर में जाना हमेशा अच्छी बात होती है.. हम सभी भारतीय बहुत आध्यात्मिक लोग हैं और मैं 9वें सिखगुरु गुरु तेग बहादुर को प्रणाम करने के लिए प्रधानमंत्री की वहां की यात्रा की सराहना करती हूं।"
उन्होंने कहा, "सिर्फ धार्मिक स्थलों पर जाने के बजाय, जिसे हम समझते हैं, अच्छी बात है, मोदी को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने भी जाना चाहिए और उनकी बात सुननी चाहिए। वह इन किसानों को न्याय दें और इन काले कानूनों को निरस्त करें।
शमा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों, विपक्षी दलों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श से नए कृषि कानूनों को फिर से अधिनियमित करे।"
हाथरस मामले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की निर्दयता पूरी तरह दिख रही है।
उन्होंने कहा, "एक तरफ लाखों किसान न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और दूसरी ओर यूपी में स्वतंत्र भारत के 73 साल के इतिहास में हुई सबसे वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना पर पर्दा डाला जा रहा है।"
शमा ने आगे कहा, हाथरस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में इस बात की पुष्टि हुई है कि युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या की गई, लेकिन मोदी, अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ खामोश हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली / श्रीनगर, 19 दिसंबर | पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को एक बड़ा झटका देते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जे एंड के क्रिकेट एसोसिएशन मामले में 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की छह संपत्तियां जब्त की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "हमने अब्दुल्ला की छह संपत्तियों को जब्त किया है। इसमें तीन आवासीय भवन हैं, जबकि दो प्लॉट शामिल हैं।"
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता की संपत्तियां धनशोधन रोकथाम अधिनियम(पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है।
ईडी ने अब्दुल्ला से उनके जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहते आय से अधिक संपत्ति मामले में दो बार पूछताछ भी की है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 19 दिसंबर | सुवेंदु अधिकारी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने भगवा ब्रिगेड को 'दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी' कहा।
बनर्जी ने कालीघाट में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडियाकर्मियों से कहा, "सुवेंदु अधिकारी सबसे बड़ी भ्रष्ट पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनकी व्यक्तिगत संपत्ति कई गुना बढ़ गई है।"
उन्होंने कहा कि अमित शाह की कोई नहीं सुनता है। तृणमूल सांसद ने कहा, "वह नहीं जानते कि बंगाल में क्या चल रहा है। यह दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी है और अमित शाह की अपील को राज्य के लोग स्वीकार नहीं करते .. भाजपा विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।" (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 दिसम्बर | सैकड़ों भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के माध्यम से पंजाब से हरियाणा में पानी के हिस्से की मांग के समर्थन में एक दिवसीय भूख हड़ताल की। इस भूख हड़ताल में गुरुग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुधीर सिंगला, पटौदी से विधायक सत्य प्रकाश और सोहना से विधायक संजय सिंह राठौर, नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) मेयर मधु आजाद और कई पार्षद शामिल रहे।
उपवास राजीव चौक के पास पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए एक तंबू के नीचे आयोजित किया गया, जिसमें कुछ किसान और अधिवक्ता भी शामिल हुए।
सिंगला ने कहा, "आज हम गुरुग्राम में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को काउंटर करने के लिए एक दिन के उपवास और धरने का अवलोकन कर रहे हैं।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा के पानी के हिस्से के तौर पर एसवाईएल नहर के निर्माण की मांग करने के लिए भी इस हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
इस सवाल पर कि क्या भाजपा पंजाब के किसानों के खिलाफ एसवाईएल नहर के मुद्दे पर राज्य के किसानों को भड़काने की कोशिश कर रही है, सत्य प्रकाश ने कहा, "2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल नहर मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में एक आदेश पारित किया था, लेकिन इसे पंजाब ने नहीं माना। उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया। इसलिए हम पंजाब सरकार पर मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।"
भूख हड़ताल में भाग लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि एसवाईएल नहर के पानी पर हरियाणा का भी अधिकार है।
भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने कहा कि पार्टी एसवाईएल मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राज्य की लंबे समय से लंबित मांग है और किसानों की इस सबसे बड़ी मांग को पूरा करने में कांग्रेस पार्टी विफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों के लिए लड़ रही है, लेकिन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अभी भी किसानों को कोई भुगतान या मदद नहीं कर रही है। (आईएएनएस)
रांची, 19 दिसंबर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के जेल मैनुअल के उल्लंघन पर झारखंड उच्च न्यायालय के सख्त रुख के बाद जेल प्रशासन भी सख्त हो गया है। शनिवार को झारखंड के दो मंत्रियों को लालू प्रसाद से मिलने नहीं दिया गया। दोनों राजद सुप्रीमो के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के साथ राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे थे। दो मंत्री राजद के सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस के बादल हैं। केवल तेजस्वी यादव को अपने पिता से मिलने की अनुमति दी गई।
झारखंड के श्रम मंत्री रहे भोक्ता ने कहा, "हम सांसद हैं और इसलिए हमने जेल मैनुअल का पालन किया और लालू प्रसाद से नहीं मिले।"
जेल मैनुअल के उल्लंघन को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने रांची प्रशासन से पूछा कि किसके आदेश पर लालू प्रसाद को भुगतान वार्ड से रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया गया था।
तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पहली बार रिम्स के वार्ड में अपने पिता से मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों ने चुनाव परिणाम पर चर्चा की।
लालू प्रसाद को चार चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराया गया है और वे 14 साल तक की जेल की सजा काट रहे हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 19 दिसंबर | 2021 में अपने ईदपड्डी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू करने के तुरंत बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने शनिवार को चावल लेने के लिए पात्र सभी राशन कार्ड धारकों को पोंगल त्योहार के लिए 2,500 रुपये नकद देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नकद प्रोत्साहन 4 जनवरी, 2021 से वितरित किया जाएगा, ताकि लोग पोंगल फसल उत्सव मना सकें।
हाल ही में, राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों को चीनी खरीदने के लिए पात्र घोषित किया था जो चावल के कार्ड पर स्विच कर सकते हैं।
पलानीस्वामी के अनुसार, पोंगल पैकेज से 2.6 करोड़ चावल कार्ड धारकों को लाभ होगा और पोंगल त्योहार से पहले उन्हें वितरित किया जाएगा। पोंगल त्योहार 14 जनवरी को पड़ता है।
पिछले साल, नकद प्रोत्साहन 1,000 रुपये था और अब इसे 1,500 रुपये बढ़ा दिया गया है।
राशन कार्ड धारकों को 2,500 रुपये नकद के अलावा एक किलो चावल, चीनी और एक पूरा गन्ना भी मुफ्त दिया जाएगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोरोना वैक्सीन की सुरक्षित स्टोरेज और कोल्ड चेन के संबंध में फूलप्रूफ व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि कोरोना वैक्सीन कंटर में वैक्सीन लगने के बाद संबंधित व्यक्ति के कुछ समय रुकने की भी व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही वैक्सीन सेंटर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन के सुरक्षित स्टोरेज के साथ इसकी कोल्ड चेन को बराकरार रखने की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के स्टोरेज सेंटर में सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन कार्य को ध्यान में रखते हुए बायोमेडिकल वेस्ट के समुचित निस्तारण की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में कोविड-19 का टीकाकरण कार्य निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार संपन्न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेटर्स की उपलब्धता जरूरी है। अब जनपद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। उन्होंने वैक्सीन लगाने के लिए वैक्सीनेटर्स को तैयार करने का कार्य पूरी तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
योगी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की मानकों के अनुरूप स्टोरेज के लिए आइसलैंड रेफ्रिजरेटर और डीपफ्रीजर भारत सरकार उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में 2.5 लाख लीटर वैक्सीन की भंडारण क्षमता सृजित हो गई है। वैक्सीनेशन कार्य के लिए छह करोड़ सिरिंज की जरूरत होगी। अब तक 4.5 करोड़ सिरिंज का आवंटन कर दिया गया है। एक वैक्सीनेशन टीम हर रोज सौ लोगों का टीकाकरण करेगी।
उन्होंने कहा कि हर टीम के साथ एक सिपाही तथा एक होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिस व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा, उसके फोन पर टीका लगाने का समय, स्थान व दिनांक सूचित किया जाएगा। कोरोना टीकाकरण के बाद संबंधित व्यक्ति को वैक्सीनेशन सेंटर पर 30 मिनट रुकना होगा। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की स्टोरेज के लिए 35,000 केंद्र स्थापित होंगे। (आईएएनएस)
विक्रांत भूरिया को पूरे प्रदेश से वोट मिले, इसने कई नेताओं के भरम और कांग्रेस के क्षेत्रवाद के भरम को तोड़ा, इस चुनाव ने साबित किया कि युवा पीढ़ी हंगामे नहीं पढ़े-लिखे सौम्य चेहरों को आगे लाना चाहती है
पंकज मुकाती की विशेष रिपोर्ट
विक्रांत भूरिया। पेशे से चिकित्सक। मध्यप्रदेश कांग्रेस का नया युवा चेहरा। विक्रांत युवा कांग्रेस का चुनाव जीते। अध्यक्ष बने। बड़ी जीत हासिल की। विक्रांत को 40850 वोट मिले। संजय यादव को 20430 वोट मिले। यानी विक्रांत ने 20420 वोट ज्यादा हासिल किये। कुल 9 उम्मीदवार इस दौड़ में शामिल थे। मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के वे पहले आदिवासी अध्यक्ष हैं। उनके पिता कांतिलाल भूरिया जरूर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
विक्रांत ने जब इस चुनाव का परचा दाखिल किया, तब वे कमजोर माने गए। जमे जमाये चेहरों ने ‘दम नहीं’ का माहौल बनाया। पर विक्रांत चुपचाप सक्रिय रहे। मालवा-निमाड़ के युवा नेताओं को उन्होंने अपने पक्ष में किया। मालवा-निमाड़ ही नहीं पूरे प्रदेश से उन्हें वोट मिले। 40850 वोट उनके प्रदेश स्तर के समर्थन की गवाही है। दूसरे पक्ष ने उन्हें जितना कमजोर माना वे उतने ही मजबूत बनकर उभरे। उनकी सौम्यता और सरलता को युवाओं ने स्वीकारा।
विक्रांत भूरिया पेशे से चिकित्सक हैं, वे डेली कॉलेज से पढ़े। वे युवा कांग्रेस और कांग्रेस दोनों में बदलाव और सोच के संकेत के तौर पर भी उभरे हैं। विक्रांत की जीत ने ये साबित किया कि कांग्रेस में अब नई पीढ़ी पढ़े-लिखे सरल चेहरों में निवेश करना चाहती है। कांग्रेस की राजनीति में शोर-शराबा और सोशल मीडिया पर भड़ास वाले प्रायोजित पोस्ट को भी ये एक संकेत है कि दिखावे और हंगामे वाली नेतागीरी अब नहीं चल सकेगी।
विक्रांत भूरिया की जीत से कांग्रेस के कई मिथक टूटे। कई नेताओं के भरम भी बिखरे। यूथ कांग्रेस अब तक एक जेबी संगठन ही रहा। इसमें अपने चेहते को जीताकर खुद शासन करने का रिवाज रहा। ये रिवाज यदि विक्रांत थोड़ा भी बदल पाए तो उनका जितना वाकई बदलाव साबित होगा। निश्चित ही उन्हें अपने समर्थकों के साथ-साथ कार्यकारिणी को भी साधना और साथ लेकर चलना होगा। वे चलेंगे भी इसकी उम्मीद की जा सकती है। पिछले अध्यक्ष के कार्यकाल से उन्हें बहुत कुछ न करने का सबक जरूर लेना चाहिए।
पिछले अध्यक्ष कुणाल चौधरी पूरे चार साल अध्यक्ष रहे। पर किसी को उनकी कार्यकारिणी के दूसरे सदस्यों के नाम याद नहीं। कुणाल चौधरी निश्चित ही प्रदेश
कांग्रेस के ऊर्जावान नेताओं में से एक हैं। वे भविष्य के नेता है, बनेंगे भी। पर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष रहते उन्होंने कई गलतियां की। वे खुद को प्रदेश का नेता बनाने के बजाय एक समूह के नेता बनकर रह गए।
कुणाल चौधरी ने ढेरों आयोजन भी किये, पर उनमे नए लोगों को नहीं जोड़ा। उनके कार्यकाल में संगठन सिर्फ कुछ लोगों तक ही सीमित रहा। विक्रांत भूरिया के लिए चौधरी एक क्या नहीं करना की किताब साबित हो सकते हैं।
विक्रांत भूरिया मध्यप्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं। उनके पिता प्रदेश और केंद दोनों में मंत्री रहे। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।
बावजूद इसके राजनीतिक लोग यदि ये कह रहे थे कि- विक्रांत को जानता कौन है ? ये न जानना बेहद अच्छा है। इसने ये साबित किया कि विक्रांत उन नेता पुत्रों से अलग हैं, जो अक्सर पिता के नाम पर किसी को धमकाने, कही ट्रांसफर करवाने तो किसी की गाड़ी को टक्कर मारने के लिए चर्चित रहते हैं। इससे ये भी साबित होता है कि विक्रांत ने कभी भी पिता के नाम की ढाल का उपयोग नहीं किया। इस चुनावी समर को भी उनकी अपनी ही जीत मानना चाहिए।
बहुत संभव है, यदि विक्रांत ने खुद को पूर्व मंत्री के बेटे के तौर पर प्रचारित किया होता वे चुनाव हार जाते क्योंकि लोगों को लगता कि परदे के पीछे से कांतिलाल भूरिया और उनका समूह ही सत्ता चलाएगा। ऐसे में बदलाव की कोई गुंजाईश नहीं दिखती। विक्रांत प्रदेश के उन गिने चुने नेताओं में से एक साबित हो सकते हैं, जिन्होंने अपने पिता से ज्यादा बेहतर पहचान अपने व्यवहार से बनाई।
अपने पिता की छाया से बाहर निकलकर अपनी पहचान की मिसाल बन रहे हैं दिग्विजय सिंह के बेट-जयवर्धन सिंह। जयवर्धन प्रदेश के जिस भी इलाके में जाते हैं-लोग उन्हें एक सरल और मिलनसार नेता के तौर पर याद रखते हैं। जयवर्धन सिंह को तमाम ऐसे लोग भी पसंद करते हैं, जो उनके पिता को बिलकुल भी पसंद नहीं करते ये किसी भी नेता के लिए एक बड़ी जीत होती है कि वो अपनी पहचान बनाये। इसी तरह पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे पिंटू जोशी भी अपने परिवार से अलग अपनी छवि गढ़ रहे हैं, वे भी खुद की कहानी लिख रहे हैं। विक्रांत में भी ये खूबी है, पर उन्हें पद हासिल करने के बाद भी इसे बनाये रखना होगा। ये सबसे बड़ी चुनौती होती है कि पद के बोझ में आदमी खुद को न बदले।
इलायची - युवा कांग्रेस में पहले भी बहुत उम्मीदों भरे चेहरे आये, अपनी जगह भी बनाई। जिसमें मुकेश नायक, मिनाक्षी नटराजन, मृणाल पंत, जेवियर मेडा, जैसे नाम है। पर ये सब जितनी तेजी से आगे आये उतनी ही तेज रफ़्तार से गुम हो गए। आखिर ऐसा क्यों है ? इसकी कहानी सबको ध्यान में रखना चाहिए।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें अगले साल 25 जनवरी को राज्य को पूर्ण दर्जा मिलने के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। राज्य द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य सरकार के तीन साल के सफल समापन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए, मोदी ने समारोह में शामिल होने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को शिमला जिले में 111-मेगावाट की सवरा कुड्डू हाइड्रो पावर परियोजना के उद्घाटन के लिए भी आमंत्रित किया है, जो 1,796 करोड़ रुपये के खर्च से पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि 210-मेगावाट लुहरी स्टेज- वन परियोजना और 66 मेगावाट धौला सिद्ध परियोजना, 2,497 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ, निष्पादन के लिए तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस परियोजना का शिलान्यास करने का अनुरोध किया। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 18 दिसंबर | पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में इस्तीफे की झड़ी लग जाने पर भाजपा ने दावा किया है कि 2021 का विधानसभा चुनाव आते-आते ममता बनर्जी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। भाजपा के मुताबिक, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी का भविष्य अंधकारमय देखकर ही पार्टी नेताओं में भगदड़ मची है। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में दो सौ से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने के लिए भाजपा 'मिशन बंगाल' में जुटी है। तैयारियों को धार देने के लिए गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर शनिवार से बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच चुके हैं। काबिलेगौर है कि गृहमंत्री अमित शाह के पिछले से लेकर इस दूसरे दौरे के एक महीने के बीच ममता बनर्जी के करीबी चार विधायकों- मिहिर गोस्वामी, सुवेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी, शीलभद्र दत्त के इस्तीफे हो चुके हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दार्जिलिंग से सांसद राजू बिष्ट ने आईएएनएस से चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी की पार्टी डूबता जहाज बन चुकी है। बंगाल में अगली सरकार भाजपा की बननी तय है। तृणमूल कांग्रेस के कई बागी नेता भाजपा में आने को तैयार हैं। जनवरी तक कई विधायक इस्तीफा देंगे। चुनाव आते-आते ममता बनर्जी सरकार अल्पमत में आ जाएगी।"
भाजपा सांसद ने कहा कि, "कोरोना प्रबंधन में ममता बनर्जी सरकार बुरी तरह फेल हुई। पहले कोरोना से बचाव के लिए सही से राज्य में जरूरी इंतजाम नहीं हुए और जब केंद्र सरकार ने मुफ्त राशन की व्यवस्था कर जनता को राहत देने की कोशिश की तो राज्य में सत्ताधारी लोगों ने लूटखसोट मचा दी। जनता को न राशन मिला और न ही अन्य जरूरी सुविधाएं। जिससे राज्य में ममता बनर्जी का ग्राफ तेजी से गिरने से ही उनकी पार्टी के नेताओं में खलबली मची है।"
भाजपा के पाश्चिम बंगाल प्रदेश उपाध्यक्ष रितेश तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में दो सौ से ज्यादा सीटों के जीतने की भविष्यवाणी की है। उन्होंने बंगाल की जनता में भाजपा को लेकर उत्साह और जमीनी रिपोर्ट के आधार पर यह आंकड़ा बताया है। गृहमंत्री अमित शाह के हर दौरे के दौरान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस मुखिया ममता बनर्जी बेचैन हो उठती हैं। ममता बनर्जी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में इस्तीफे की झड़ी लग गई है।
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 219 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत से लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। कांग्रेस को तब 23,लेफ्ट को 19 और भाजपा को 16 सीटें हासिल हुई थीं। अगले साल 2021 में अप्रैल से मई के बीच चुनाव होने की संभावना है। भाजपा ने दो सौ से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट तय किया है। गृहमंत्री अमित शाह 19 दिसंबर से पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर पार्टी के लिए माहौल बनाएंगे। इससे पहले वह पांच नवंबर को भी दो दिनों के दौरे पर गए थे। पार्टी नेताओं के मुताबिक चुनाव तक हर महीने गृहमंत्री अमित शाह बंगाल का दौरा करते रहेंगे। (आईएएनएस)
पणजी, 17 दिसंबर | कोई भी सच्चा राष्ट्रवादी कभी भारत के राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का विरोध नहीं करेगा। यह बात गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कही।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन बाद तटीय राज्य गोवा का दौरा करने वाले हैं। वह गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के समारोह का उद्घाटन करने के लिए अपनी आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं।
सावंत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। उन्होंने विपक्षी पार्टी गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की ओर से राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखकर उन्हें अपनी गोवा यात्रा को रद्द करने की अपील के बाद यह प्रतिक्रिया दी।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मिले आमंत्रण को ठुकरा दें।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति कोविंद गोवा मुक्ति दिवस समारोह में शामिल होंगे। राज्य की भाजपा सरकार पहले ही गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 19 दिसंबर, 2020 से लेकर 19 दिसंबर, 2021 तक विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा कर चुकी है और उसने केंद्र से इसके लिए 100 करोड़ रुपये देने का अनुरोध भी किया है।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी ऐसे समय में जश्न का हिस्सा नहीं होगी, जब राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने यह तर्क भी दिया है कि कोविड-19 महामारी और आगामी आर्थिक मंदी के कारण राज्य नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कोविंद को लिखे पत्र में सरदेसाई ने कहा, "समारोह के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का वास्तव में कोई मतलब नहीं है।"
सावंत ने कहा, "गोवा के इतिहास में यह पहली बार है कि राष्ट्रपति गोवा मुक्ति दिवस कार्यक्रम के लिए उपस्थित होंगे। जो लोग सच्चे राष्ट्रवादी हैं और गोवा से प्यार करते हैं, वे कभी राष्ट्रपति से गोवा नहीं आने का आग्रह नहीं करेंगे। हमें राष्ट्रपति का स्वागत करना चाहिए।"
सावंत ने कहा, "जो राष्ट्रवादी हैं, उन्हें भारत के राष्ट्रपति को ऐसे पत्र नहीं लिखने चाहिए। अब उन्हें फिर से आने का आग्रह करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखना चाहिए। हम देश को प्यार करने वाले लोग हैं।" (आईएएनएस)
पटना, 17 दिसंबर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने गुरुवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रही कांग्रेस से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आखिर किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं देना चाहती है। पश्चिम चंपारण जिले के नौतन और चनपटिया में आयोजित विभिन्न किसान चौपालों को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा कि जिन कृषि कानूनों के लिए कभी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल खुद पैरवी कर रहे थे, आज उसी के विरोध में इनका खड़ा होना यह साफ जाहिर करता है कि इनके लिए अपनी राजनीति, किसानों के विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "महज राजनीतिक स्वार्थो की पूर्ति के लिए आज किसानों को डराया जा रहा है। उन्हें उनके हक और हुकूक से वंचित रखने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस बताए कि आखिर किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? किसानों की आय बढ़ने से आखिर उन्हें क्या तकलीफ है?"
डॉ. जायसवाल ने आगे कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, लेकिन अपने स्वार्थ में कांग्रेस आज उन्हें भी नहीं बख्श रही है। आज यह किसानों को कांन्ट्रैक्ट फार्मिग का डर दिखा रहे हैं, लेकिन खुद इनके शासित पंजाब और महाराष्ट्र में यह वर्षो से जारी है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि अगर कांन्ट्रैक्ट फार्मिग और एपीएमसी खराब है तो वह महाराष्ट्र, पंजाब और केरल जैसे राज्यों में आंदोलन क्यों नहीं करती? और अगर इन कानूनों से वहां के किसानों को लाभ मिल रहा है तो फिर इससे अन्य राज्यों के किसानों को कैसे नुकसान पहुंच सकता है?" (आईएएनएस)