विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर की गरमाहट के बीच परिसर का यह गार्डन राजनेताओं को ठंडक पहुंचाता है। लाइब्रेरी के सामने विकसित यह गार्डन देश में पाए जाने वाले फूलों के हर किस्म को समेटे हुए हैं। अकेले गुलाब की 150 किस्में हैं, तो एबजोरा की 12 किस्में। इनके अलावा गेंदा, चंपा, स्वर्ण चंपा, स्वेत चंपा, रजनी गंधा, और मधूकामिनी के भी फूल यहां खिलते हैं। यह बगिया 22 साल से सुकुन का आभास कराती है। यदि किसी को सीता अशोक के पेड़ को देखना है, तो श्रीलंका जाने की जरूरत नहीं। यह पेड़ भी इसी बगिया में है। बताया गया है कि रावण के हरण के बाद माता सीता ने इसी पेड़ के नीचे दिन गुजारे थे। तस्वीर/‘छत्तीसगढ़’