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हकीकत की जमीन से कटी हसरतें फंसाती हैं जालसाजी में
27-Nov-2022 2:53 PM
हकीकत की जमीन से कटी हसरतें फंसाती हैं जालसाजी में

अभी कुछ दिन पहले एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज डूब गया। उसकी वजह से दसियों हजार लोग भी डूब गए जिन्होंने उस एक्सचेंज के मार्फत पूंजीनिवेश किया था। यह लंबे समय से चले ही आ रहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई ठिकाना नहीं है कि वह कब डूब जाए, लेकिन फिर भी इस दुनिया में सपने पूरे करने के लिए तांत्रिक अंगूठी के खरीददार मौजूद हैं, सडक़ों पर लोग मदारी से तेल की शीशी खरीदने तैयार हैं, तो ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के खरीददार भी मौजूद हैं, और उसके मार्फत कारोबार करने वाले भी। जब दुनिया के कुछ सबसे बड़े कारोबारी किसी एक क्रिप्टोकरेंसी में पूंजीनिवेश की घोषणा करते हैं, तब बाकी लोगों का तो इस के झांसे में आ जाना तय है। और लोगों के पास इतना इफरात पैसा है कि चांद पर जमीन बेचने वाले लोगों से भी लोग कागज का एक टुकड़ा बड़े ऊंचे दामों पर खरीद रहे हैं, इसलिए क्रिप्टोकरेंसी आज धोखेबाजों और जालसाजों की पहली पसंद बन चुकी है। 

अब ऐसे में कुछ हफ्ते पहले जब भारत के वीआईपी लोगों के लिए वॉट्सऐप पर बनाए गए एक क्रिप्टोकरेंसी पूंजीनिवेश सलाहकार ग्रुप में मुझे भी जोड़ा गया, तो इसका मजा लेने के लिए इन हफ्तों में मैं इस पर रोजाना चल रही बातचीत के सैकड़ों मैसेज देख रहा हूं। इसके ढेर सारे लोग, किसी एक गिरोह के मेंबरों की तरह लगातार यह पोस्ट कर रहे हैं कि उन्होंने कितने डॉलर लगाए, और एक दिन के भीतर उन्हें कितना मुनाफा हुआ। इसके बाद जालसाजों की टोली के बाकी लोग इस ग्रुप के विश्लेषक की तारीफ के कसीदे पढऩे लगते हैं कि एनालिस्ट ने उन्हें पिछले एक हफ्ते में कितने लाख रुपयों का फायदा करवा दिया है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कोई और लिखने लगते हैं कि उन्होंने अगले दिन की ट्रेडिंग के लिए और कितने लाख रुपयों का इंतजाम करके रखा है। लोग अपने हसरत की कार के मॉडल की चर्चा करते हैं, कोई वहां पर महल सा मकान खरीदने की बात करते हैं, और दिन में कुछ बार उन्हें किसी एक खाते में सैकड़ों अमरीकी डॉलर एक या दो मिनट के भीतर जमा करने को कहा जाता है, और लोग उस पर टूट पड़ते हैं। ऐसे डिपॉजिट के असली या नकली स्क्रीन शॉट इसी ग्रुप में पोस्ट किए जाते हैं, और कुछ देर में लोग अपने कमाए मुनाफे की चर्चा करने लगते हैं।

यह पूरा सिलसिला पहली नजर में ही धोखाधड़ी और जालसाजी का दिख रहा है, जिसमें बिटकॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी में पूंजीनिवेश करके आनन-फानन मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया जा रहा है, और हिंदुस्तान के बाहर के किसी देश से चलाया जा रहा है यह वॉट्सऐप ग्रुप झारखंड के जामताड़ा से अनपढ़ नौजवानों के चलाए साइबर-ठगी किस्म का है, फर्क बस इतना है कि इसमें बैंक एटीएम कार्ड बंद होने का झांसा नहीं दिया जा रहा बल्कि डॉलर से क्रिप्टोकरेंसी में पूंजीनिवेश करके हर दिन लाखों-करोड़ कमाने का झांसा दिया जा रहा है। 

अब हिंदुस्तान तो ऐसा देश है जिसमें लोग जमीन में गढ़ा खजाने पाने की उम्मीद में किसी तांत्रिक के झांसे में आकर कभी अड़ोस-पड़ोस के बच्चों की बलि दे देते हैं, तो कभी अपने खुद के बच्चों की भी। ऐसे लोगों के पास अगर बैंक खाते के मार्फत किसी तरह के लेन-देन की समझ और सहूलियत हो, तो वे क्रिप्टोकरेंसी के ऐसे झांसे का शिकार बनने के लिए एक पैर पर खड़े रहेंगे। और वही हो भी रहा है। लोगों के सपने असीमित हैं, असल जिंदगी में आगे बढऩे की संभावनाएं सीमित हैं, इसलिए लोग लडक़ी फंसाने के लिए वशीकरण मंत्र से लेकर तांत्रिक अंगूठी तक पाने पर आमादा हैं। जिन लोगों को हिंदुस्तानी फौज में नौकरी मिली हुई है, वे लोग भी फेसबुक पर अपनी खूबसूरती के जलवे बिखेरती किसी हसीना के जाल में फंसकर फौज की खुफिया जानकारी  उसे देने पर आमादा हैं, और बदले में उस हसीना को पाने की चाहत ठीक वैसे ही है जैसी किसी इस्लामी आतंकी की चाहत होती है कि मजहब के लिए शहीद होने पर उसे जन्नत में 72 हूरें नसीब होंगी। 

अब ऐसी चाहतों वाले लोगों को धोखा खाने से बचा पाना मुमकिन नहीं है। जिसकी हसरतें अपनी हकीकत से कटी हुई होती हैं, जमीन पर जिनके पांव नहीं टिके होते हैं, उन्हें झांसा देना अधिक आसान होता है। चाहे शेयर बाजार में पूंजीनिवेश हो, चाहे क्रिप्टोकरेंसी के रास्ते लाखों रुपये रोज कमाने के सपने हों, चाहे पेटीएम के शेयर में पूंजीनिवेश करके कमाने की ताजा-ताजा फ्लॉप हो चुकी कोशिश हो, तमाम किस्म के धोखे लोगों को तभी होते हैं, जब उनके सपने अपनी जमीन को छोडक़र मजहज आसमान में ही उडऩे लगते हैं। रोजाना ही ऐसे कई एसएमएस आते हैं कि उन्हें रोज पांच से दस हजार रुपये कमाई के घर बैठे काम के लिए छांटा गया है। और जिन लोगों को लगता है कि उनके ठलहा बैठे इतिहास के बाद भी उन्हें लाख-पचास हजार रुपये महीने के लायक समझा गया है, तो फिर वे ठगे जाने के ही लायक होते हैं। लोगों को अपने सपनों पर काबू रखना आना चाहिए, जागी आंखों की अपनी हसरतों को भी बेकाबू नहीं होने देना चाहिए, वरना जालसाजी और ठगी से उन्हें किसी देश की सरकार या पुलिस नहीं बचा सकते।

 (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक) 

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