कारोबार

मशरूम उत्पादन और पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी पर कार्यशाला
15-May-2021 12:44 PM
मशरूम उत्पादन और पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी पर कार्यशाला

मशरूम उत्पादन और पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी पर कार्यशाला

रायपुर, 15 मई। वनस्पति विज्ञान विभाग, शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञानं महाविद्यालय, रायपुर के द्वारा सात दिन 5 मई से 11 मई 2021 तक मशरूम उत्पादन और मशरूम पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजन किया गया। 5 मई को कार्यशाला का उद्घाटन शा. ना. स्ना. विज्ञानं महाविद्यालय की प्राचार्य तथा इस कार्यशाला की संरक्षक डॉ. राधा पांडेय के द्वारा किया गया। प्राचार्य ने कार्यशाला में ऑनलाइन जुड़े सभी प्रतिभागिओं को सम्भोदित करते हुए मशरूम की विशेषताओं को बतलाते हुए कहा की इस वर्कशॉप का आयोजन विद्यार्तिओं के कौशल विकास हेतु किया गया है।

उद्घाटन समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. टी. एन. लखनपाल, प्रोफेसर एमेरिटस, हिमाचल विश्वविद्यालय, शिमला, ने मशरूम  विविधता के विभिन्न पहलुओं जैसे मशरूम की संभावनाओं और क्षमता, मशरूम प्रकृति के मेहतर के रूप में,  मशरूम से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और मशरूम अनुसंधान पर  विकास पर प्रकाश डाला। उद्घाटन समारोह संचालन डा. रुपिंदर दीवान द्वारा किया गया ।

कार्यशाला के दूसरे दिन 6 मई को डॉ. संघपाल डी. सावंत, प्रमुख वैज्ञानिक, सीएसआईआर -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसिन, जम्मू, ने मशरूम के इतिहास, मशरूम के विभिन्न स्रोतों, खेती, पोषक मूल्य, औषधीय महत्व पर ध्यान देने के साथ दवा की खोज और विकास पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बाजार में आने से पहले स्क्रीनिंग और दवा प्रसंस्करण और नैदानिक परीक्षणों के चरणों के बारे में भी जानकारी दी। दूसरे तकनीकी सत्र में डॉ. एच. के. सिंह, वैज्ञानिक एआईसीआरपी, मशरूम विभाग, पैथोलॉजी आईजीकेवी रायपुर ने अपने व्याख्यान में खाद्य मशरूम व उसमे पाए जाने वाले पोषक तत्वों और मशरूम को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए और मशरूम के कुछ मूल्य वर्धित उत्पादों के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए इस महामारी की स्थिति में मशरूम का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

कार्यशाला का तीसरे दिन 7 मई 2021 को डॉ. शांति अय्यर, बंगलोरे  ने मशरूम की खेती के वर्तमान और भविष्य के बारे में, खाद्य और जहरीले मशरूम, पोषण मूल्य मशरूम के विकास और जीवन चक्र पर व्याख्यान दिया। दूसरे सत्र में डॉ. एम.पी. ठाकुर ने भारत में मशरूम के पोषण की स्थिति, मशरूम मई पाए जाने वाले पोषक तत्वों जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और कम वसा वाली सामग्री के साथ एंटीऑक्सिडेंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट जो स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को फिट और ठीक रखने में सहायक होते हैं पर अपने व्याख्यान द्वारा प्रकाश डाला।

8 मई 2021 कार्यशाला के चौथे दिन डॉ सतीश बी. वेरुलकर, IGKV, रायपुर ने मशरूम उत्पादन में जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि अब तक 90 मशरूम के जीनोम सीक्वेंस किए जा चुके हैं। मशरूम और आनुवंशिक हेरफेर की पहचान के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने मशरूम के विभिन्न उत्पादों जैसे चमड़े जैसी चीजों, कड़ी लकड़ी और यहां तक कि जैव प्लास्टिक के उत्पादन पर जोर दिया। द्वितीय सत्र  में डॉ सी एस शुक्ला ने धान के पुआल मशरूम व मिल्की मशरूम उत्पादन पर तथा वो साडी जानकारी दी जो मशरूम के लिए आवश्यक और सावधानी बरतने के लिए है।

कार्यशाला के  5वे  दिन,  ९ मई को डा. सुरेखा कालकर, विज्ञान संस्थान, नागपुर  ने मशरूम और मानव स्वास्थ्य पर एक उत्कृष्ट और जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया, उन्होंने इस कवक के क्षेत्र में चल रहे सभी शोध और विकास को साझा किया। उन्होंने मशरूम, मशरूम के पारंपरिक और एथनो औषधीय उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने मशरूम पर हाल के शोधों की कई समीक्षाओं के बारे में अपने व्याख्यान में बताया कि वे COVID - 19 के खिलाफ कैसे उपयोगी हैं। उन्होंने मशरूम के अचार, मशरूम नूडल्स, मशरूम बिस्कुट, मशरूम कॉफी, मशरूम भुजिया, प्रतिरक्षा बूस्टर जैसे मशरूम के कैप्सूल, आदि  के बारे में रोचक जानकारी दी। दूसरे तकनीकी सत्र में डॉ. सी. एस. शुक्ला,  ने मशरूम की कटाई के बाद के प्रसंस्करण पर, हार्वेस्टिंग तकनीक, वाशिंग एंड क्लीनिंग तकनीक, प्रकार ग्रेडिंग तकनीक, मशरूम के शीतलन और भंडारण, पैकेजिंग, ब्लीचिंग तकनीक, कैनिंग और ड्रायिंग तकनीक के बारे में व्यख्यान दिया।

10 मई, कार्यशाला के 6 वें दिन की शुरुआत डॉ. एच.के. सिंह ने मशरुम स्पॉन उत्पादन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी उनोहने उनोहने इनविट्रो खेती के तरीकों, औषधीय उपयोग और भविष्य में C.G. मशरूम मैप बनाने की उनकी योजना को भी रेखांकित किया। दूसरे सत्र में डॉ. अभया आर जोगलेकर, शा डी बी गर्ल्स कॉलेज, रायपुर  के द्वारा मशरूम की अलग-अलग recipes जो घर पर ही तैयार की जा सकती हैं पर प्रकाश डाला गया तथा डॉ. कविता शर्मा, शा कला एवं वाहिजाय कॉलेज, रायपुर द्वारा प्रतिभागियों को कार्यशाला में हुए वयाख्यानो पर आधारित प्रश्नावली पर गूगल फॉर्म पर असाइनमेंट दिया गया।

कार्यशाला के अंतिम दिन 11th  मई वलिडिक्टरी कार्यकर्म में डा. एच.के. सिंह ने मशरुम प्रवेशकों की सफलता की कहानी बताई। उन्होंने फंडिंग एजेंसियों के नामों का उल्लेख किया ताकि संस्थान एक केंद्र विकसित कर सकें, और उद्यमी के लिए भी जहां से वे फंडिंग प्राप्त कर सकें। उन्होंने महिला किसानों के साथ युवाओं को जोड़ने, संस्थागत विपणन, प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के बारे में जानकारी दी। दूसरे वक्ता डॉ. प्रदीप कुमार पात्रा, डीन और अतिरिक्त डीएमई रायपुर, इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ने मशरुम व स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों पर बहुत ही रोचक व ज्ञानवर्धक जानकरी अपने व्याख्यान में दी।  डा पात्रा ने मशरूम के औषधीय गुणों व कैसे यह मशरूम एनीमिया से पीड़ित लोगों की मदद करता है के बारे में भी बताया। इस कार्यशाला का अंतिम सत्र, पैनल चर्चा में सभी अतिथि वक्ताओं के समक्ष ने उनके समक्ष रखी गई सिफारिशों के लिए अपने विचार दिए।

कार्यकम की अंतिम कड़ी में ओर्गनइजिंग सेक्रेटरी डॉ सुनीता पात्रा ने कार्यशाला की समरी बताई।  वलिडिक्टरी भाषण में प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा की मशरुम उत्पादन अर्थवयवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है तथा रोजगार की इसमें अपर संभावनाएं है।  धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ. आर पिम्पलगांवकर ने दिया। वलिडिक्टरी  कार्यकम का संचालन डा. विमल कानूनगो ने किया। इस कार्यशाला में 968 उम्मीदवारों ने अपना पंजीकरण कराया। जिसमे छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानो और बैंगलोर, त्रिवेंद्रम म.प्र, नागपुर, गोंदिया, बिहार , हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, नेपाल जैसे विभिन्न स्थानों के प्राध्यपक, शोधार्थी, व विद्यार्थी शामिल थे। इस कार्यशाला सह संयोजक, डा विपला कोहली व डा रुपिंदर दीवान, ओर्गनइजिंग मेंबर्स डा अविनाश शर्मा, डॉ, विमल कानूनगो, डा संगीता बाजपाई, डा एन बी सिंह तथा शहला खान थीं। तकनिकी सदस्य डा. रेनू माहेश्वरी व डा. कविता दास एवं मीडिया सदस्य डा. रेनू सक्ससेना व डा. प्रवीण शर्मा थे।

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news