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मेक्सिको में मिली 'बातूनी' डायनासोर की नई नस्ल
15-May-2021 1:41 PM
मेक्सिको में मिली 'बातूनी' डायनासोर की नई नस्ल

उत्तरी मेक्सिको में एक डायनासोर के 7.3 करोड़ साल पुराने अवशेषों का अध्ययन करने के बाद पता लगा है कि ये वैज्ञानिकों के लिए बिलकुल नई नस्ल है. यह डायनासोर शाकाहारी था और संभवतः शांतिपूर्ण लेकिन बातूनी था.

   (dw.com)

इस नए डायनासोर के बारे में घोषणा मेक्सिको के इतिहास और मानवशास्त्र के राष्ट्रीय संस्थान ने की है. जीवाश्म वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन हालात में यह डायनासोर मिला उन्हीं से यह पता चलता है कि यह इतनी अच्छी तरह से संरक्षित कैसे था. संस्थान ने एक बयान में कहा, "करीब 7.2 या 7.3 करोड़ साल पहले एक भीमकाय शाकाहारी डायनासोर संभवतः एक ऐसे जलाशय में मर गया होगा जो गाद से भरा हुआ होगा. उसका शरीर जल्द ही उसी गाद से ढक गया होगा और उसी में सदियों से संरक्षित रहा होगा."

इस नई नस्ल को तलातोलोफस गैलोरम नाम दिया गया है. सबसे पहले 2013 में मेक्सिको के उत्तरी प्रांत कोवाउइला के जनरल सेपेडा इलाके में इसकी पूंछ मिली थी. फिर जैसे जैसे खुदाई होती रही, वैज्ञानिकों को इसके सिर का 80 प्रतिशत हिस्सा, इसकी 1.32 मीटर की कलगी, जांघ की हड्डी और कंधे की हड्डी मिली. इसके बाद शोधकर्ताओं को एहसास हुआ कि डायनासोरों की एक नई नस्ल ही उनके हाथ लग गई है

एक असाधारण खोज
संस्थान के बयान में यह भी कहा गया, "हमें यह मालूम है कि इस नस्ल के डायनासोरों की सुनने की क्षमता ऐसी थी कि वो कम फ्रीक्वेंसी की ध्वनियां भी सुन सकते थे. इसका मतलब है कि वो जरूर शांतिप्रिय लेकिन बातूनी रहे होंगे." जीवाश्म वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि वह "परभक्षियों को डरा कर भगाने के लिए या प्रजनन संबंधी उद्देश्यों के लिए तेज आवाजें निकालते थे." संस्थान का कहना है कि इस खोज की जांच अभी चल ही रही है, लेकिन इस प्राचीन सरीसृप पर शोध वैज्ञानिक पत्रिका क्रेटेशियस रिसर्च में छप चुका है.

संस्थान के मुताबिक, "मेक्सिकन जीवाश्म विज्ञान में यह एक असाधारण खोज है. यह डायनासोर जिस हालत में मिला है उसके लिए करोड़ों साल पहले बहुत ही अनुकूल परिस्थितियां बनी होंगी. उस समय चोहीला एक ट्रॉपिकल इलाका था." तलातोलोफस नाम स्थानीय नहुआतल भाषा के शब्द तलाहतोलि (मतलब शब्द या वाक्य) और यूनानी भाषा के शब्द लोफस (कलगी) से लिया गया है. इस डायनासोर की कलगी के आकार के बारे में संस्थान का कहना है कि यह "मेसोअमेरिकी लोगों द्वारा उनकी प्राचीन हस्तलिपियों में बातचीत करने की क्रिया और ज्ञान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक चिह्न की तरह है."

सीके/एमजे (एएफपी)

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