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मोदी विरोधी पोस्टर लगाने में किन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है?
16-May-2021 11:59 AM
मोदी विरोधी पोस्टर लगाने में किन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है?

@BJP4IndiaCopyright: @BJP4India

दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाले पोस्टर को छापने और चिपकाने के लिए अब तक क़रीब 25 लोगों को गिरफ़्तार किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये पोस्टर दिल्ली के कई हिस्सों में लगे हुए थे. गुरुवार को पुलिस को इन पोस्टर्स की सूचना मिली जिसके बाद ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इन 25 लोगों में एक 19 साल का लड़का है, जिसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी, एक 30 साल का ऑटो-रिक्शा ड्राइवर है और एक 61 साल का दिहाड़ी मज़दूर भी, जो पोस्टर के लिए लकड़ी के फ्रेम बनाने का काम करते हैं.

ये गिरफ़्तारियां ऐसी समय में हुई हैं जब देश समेत राजधानी महामारी से पार पाने के लिए संघर्ष कर रही है.

स्पेशल ब्रांच ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को पोस्टरों के बारे में जानकारी दी थी. जिसके बाद 12 मई रात से ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. इसके तहत अभी तक कम से कम 25 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

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जिन लोगों की गिरफ़्तारियां हुई हैं, उनमें से ज़्यादातर ग़रीब और दिहाड़ी मज़दूर हैं. अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने दो वक़्त की रोटी के इंतज़ाम के लिए पोस्टर लगाए थे. गिरफ़्तार किए गए कुछ लोगों के परिवार वालों का कहना है कि उन्हें तो इस बारे में पता भी नहीं था कि ये राजनीतिक पोस्टर हैं या क्या हैं. उन्होंने सिर्फ़ दो-वक़्त के राशन का इंतज़ाम करने के लिए ये काम किया.

पूर्वी दिल्ली के मंडावली से चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 24 साल के राहुल त्यागी ने कहा कि उन्हें आम आदमी पार्टी के पार्षद धीरेंद्र कुमार के कार्यालय में 11 मई को 20 पोस्टर दिये गए थे. उनसे कहा गया था कि इन्हें कल्याणपुरी में लगाना है, जिसके बदले उन्हें 600 रुपये देने का वादा किया गया था.

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अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार राहुल त्यागी के आरोप के बाद जब धीरेंद्र कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे केवल लोगों के लिए काम कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी की ओर से भी इन आरोपों के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन शनिवार रात उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया जिसमें वही लिखा था जो इन पोस्टरों पर लिखा था-“मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी.”

राहुल त्यागी भी इस मामले में गिरफ़्तार हुए थे लेकिन उनके परिवार ने उन्हें ज़मानत पर रिहा करा लिया है. उनके साथ ही तीन और लोग भी गिरफ़्तार हुए थे.

त्यागी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है, “मेरे माता-पिता काफ़ी निराश हैं और अब वो मुझे काम नहीं करने देंगे. मैं ये सिर्फ़ अपना ख़र्च उठा सकूं इसलिए करता था.”

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब तक 25 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है और जैसे-जैसे शिकायत मिल रही है पुलिस एफ़आईआर हो रही है.

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अख़बार की रिपोर्राट के अनुसार राहुल त्यागी ने बताया कि 19 साल के राजीव भी पोस्टर चिपकाने का काम करते हैं. इसके अलावा दिलीप(35 साल) और शिवम(24साल) ने पोस्टर देने का काम किया था.

उन्होंने बताया कि पोस्टर लगाने के बदले उन्हें जो पैसे मिलने थे वो भी उन्हें अभी तक नहीं मिले हैं. उनकी मोटर-बाइक भी थाने में ही खड़ी है.

दिल्ली पुलिस कर्मियों की शिकायतों पर दिल्ली भर में गिरफ़्तारियां की गईं हैं. एफ़आईआर आईपीसी की धारा188 (लोकसेवक के आदेश की अवमानना), धारा 269 (महामारी के दौर में लापरवाही बरतने और संक्रमण फैलाने की आशंका)और दिल्ली रोकथाम अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत दर्ज की गई हैं.

जांच करने वाले दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों को इन कामों के लिए चुना गया वे मुख्य रूप से पोस्टर प्रिंट करने का काम और लगाने का कामम करने वाले हैं. हालांकि अभी भी इस बात की जांच चल रही है कि इन पोस्टर के पीछे मुख्य शख़्स कौन है जिसने ये लगाने का आदेश दिया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़, अभी गिरफ़्तार किये गए लोगों को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है.

मंडावली के अलावा पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति नगर से भी पांच लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. जिनकी पहचान देवेंद्र कुमार (51 साल), राज छाबड़ा (47 साल), अनिल गुलाटी (61 साल), मुरारी(45 साल) और राकेश (42 साल) के रूप में की गई है.

इनकी गिरफ़्तारी पर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि – “देवेंद्र एक ठेकेदार हैं. जिसे इस काम के लिए पंद्रह हज़ार रुपये मिले. उन्होंने अपना प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले छाबड़ा से पोस्टर छापने के लिए कहा. बाद में उन्होंने ही लकड़ी का फ्रेम बनाने वाले गुलाटी को संपर्क किया. राकेश ऑटो चालक हैं जिन्होंने पोस्टर ले जाने का काम किया और मुरारी पोस्टर लगाने का काम करते हैं.”

राकेश और मुरारी को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ़्तार किया गया था. जिसमें वो बिजली एक खंबे पर साइन-बोर्ड लगाते नज़र आ रहे हैं.

इसी तरह मंगोलपुरी से भी तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. द्वारका के डाबरी से पुलिस ने दो लोगों को पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है.

उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर से भी गिरफ़्तारी की गई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टर लगाने के काम में ज़्यादातर वही लोग शामिल हैं जिन्होंने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खो दी थी. इन लोगों को तीन सौ-पांच सौ रुपये पर पोस्टर लगाने का काम दिया गया था. (bbc.com)

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