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एलोपैथी बनाम आयुर्वेद का बवाल क्यों खड़ा किया, इसका जवाब
01-Jun-2021 5:30 PM
एलोपैथी बनाम आयुर्वेद का बवाल  क्यों खड़ा किया, इसका जवाब

-कृष्ण कांत

31 मई को छपी खबर के मुताबिक, ठग रामदेव ने मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। यह धूर्त व्यापारी महामारी के समय जो कर रहा है, परसाई जी उसे बहुत पहले हमें समझा गए थे। असली खेला धंधे का है। इस ठग बाबा को अपना व्यापार बढ़ाना है। सरकार को देश भर में हो रही मौतों से जनता का ध्यान हटाना है। इन्हीं दो वजहों से इस धंधेबाज शूटर को उतारा गया है।

यह विवाद शुरू हुआ था जब इस फर्जी योगी ने वॉट्सएप मैसेज पढ़ते हुए एलोपैथी को बेकार और दिवालिया बताया था। फिर कहने लगा कि वैक्सीन लगवाकर 10 हजार डॉक्टर मर गए। फिर बोला कि दुनिया के हर मर्ज का शर्तियां इलाज बस हमारे पास है। फिर कहने लगा कि दुनिया भर की सरकारें ड्रग माफिया के कब्जे में हैं। मेरी लड़ाई उनसे है। अब कह रहा है कि पतंजलि खुद मेडिकल कॉलेज खोलेगा। क्या कोई बता सकता है कि रामदेव का विरोध किस मुद्दे पर है? नहीं। क्योंकि कोई मुद्दा है ही नहीं। मुद्दा है आपदा में अवसर। एलोपैथी को बदनाम करके इसे अपना धंधा शुरू करना है।

यह वही धूर्त है जिसने फटी जींस का मजाक उड़ाया, फिर पतंजलि की फटी जींस लॉंच की थी। मैगी को लेकर उल्टे सीधे बयान दिए, फिर मैगी लॉन्च की। बाजार के हर उत्पाद पर इसने पहले भ्रम फैलाया, फिर अपना माल उतारा। यह इसकी मॉडस ऑपरेंडी है। पहले विवाद खड़ा करके लोगों का ध्यान खींचो और फिर दावा करो कि हमारा वाला बढिय़ा है और धंधा बढ़ाओ।

सदियों से इस्तेमाल होने वाली चीजें तेल, हल्दी, मसाले वगैरह को यह औषधीय गुणों से युक्त बताकर बेचता है, लेकिन वे सामान मिलावटी होते हैं। कई बार जुर्माना भरने के बावजूद मिलावटखोरी जारी रखने वाला यह शख्स  यह मूल रूप से एक ठग है जो खुद को योगी, स्वामी और जाने क्या क्या कहता है।

ऐसा नहीं है कि एलोपैथी पर सवाल नहीं हैं। लेकिन अंतिम सच ये है कि मौजूदा महामारी से निपटने में जो थोड़ी बहुत सफलता मिलेगी, वह एलोपैथी के ही कारण है। दोनों चिकित्सा पद्धतियों की अपनी खूबियां और खामियां हैं। दोनों के बिजमैन को अपनी जेबें भरनी हैं। इस ठग की कोरोनिल लॉचिंग का नतीजा वैसा नहीं रहा, जैसा इसने सोचा था। इसलिए अब ये लगातार डॉक्टरों को निशाना बना रहा है।

चाहें रामदेव हों, चाहे उनके चेले बालकृष्ण हों, चाहे कोई मंत्री, बीमार होने पर सबको एम्स में बेड चाहिए। आज ही डॉ निशंक एम्स में भर्ती हुए हैं। देश में हर व्यक्ति को सर्वोत्तम इलाज चाहिए, जो कि अच्छी बात भी है। फिर डॉक्टरों और मेडिकल साइंस पर हमला करने के लिए एक ठग को छूट क्यों दी गई है? उसे वैक्सीन और इलाज के बारे में भ्रम फैलाने और भ्रामक दावे करने की इजाजत क्यों दी जा रही है? उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

जिन डॉक्टरों पर भारत सरकार ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए, उनपर कोई व्यापारी हमला कर रहा है, क्या ये बात सामान्य है? क्या रामदेव सरकार से ऊपर हो गए हैं?  इस आपराधिक कृत्य में अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का भी समर्थन है जो न इसपर कार्रवाई कर रही है, न ही इसे चुप नहीं करा रही है। अपना धंधा फैलाने के लिए ये आदमी समाज के प्रति अपराध कर रहा है और सरकार इसे बढ़ावा दे रही है।

अंग्रेजी चिकित्सा में भी जमकर लूट होती है, लेकिन उसका कारण वह पद्धति नहीं है। उसका कारण ये है कि मेडिकल क्षेत्र में सरकार का हस्तक्षेप न के बराबर है। उसके लिए मेडिकल साइंस पर हमला बोलना समाज को सौ साल पीछे धकेलने की कोशिश करना है।

याद रखें, देश आजाद हुआ था तो हमारी सामूहिक औसत आयु 30 से 35 साल थी। अब ये 65 से 70 के बीच है। ये सिर्फ मेडिकल साइंस के दम पर संभव हुआ है। अगर वह कमजोर हुआ तो लोग मुर्गियों की तरह मरेंगे। हो सकता है कि अपना कॉलेज खोलकर उससे भी अरबों कमाए, लेकिन जो हरकत ये कर रहा है, उसके नतीजे भयानक होंगे।

हरिशंकर परसाई  ने कहा था-‘धर्म धंधे से जुड़ जाए, इसी को ‘योग’ कहते हैं।’

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