विचार / लेख

तमिलनाडु में भी बंगाल जैसा चक्रवात?
02-Jun-2021 5:05 PM
तमिलनाडु में भी बंगाल जैसा चक्रवात?

-प्रकाश दुबे

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल कोलकाता की कलह-कहानी की चुनौती पर गौर कर रहे हैं। धुर दक्षिण में तमिलनाडु में दूसरा बखेड़ाखड़ा हो सकता है। तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट कापर कारखाने में साल 2018 में गोली चली। नेता हिरासत में लिए गए। मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने 38 प्रकरण वापस लेने का आदेश जारी कर दिया। मत्स्य विकास मंत्री अनिता राधाकृष्णन को सीधा फायदा मिलेगा। सहयोगी दलों के नेताओं के साथ शशिकला के भतीजे दिनाकरन  भी मुकदमेबाजी और जांच से बचे।  केन्द्र सरकार के दबाव में  शशिकला चुप रहीं। भतीजे  दिनाकरन ने  विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े कर  अण्णा द्रमुक-भाजपा मोर्चे की हार पक्की कर दी। स्टालिन ने केन्द्र सरकार को चिढ़ाने वाला एक और फैसला किया। पिछली सरकार ने जिन 93 किसानों और नेताओं को स्टरलाइट विरोधी आंदोलन में जेल में ठूंसा था, उन सबको सरकारी खजाने से एक एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। स्टरलाइट की  सीबीआई जांच के दायरे में आने वाले मामलों की वापसी पर फिलहाल राज्य सरकार ने पत्ते नहीं खोले।

 दो टकिया की महामारी

निर्वाचन सदन में बैठे लोग महामारी जैसी छोटी मोटी चीजों से नहीं डरते।  हाल के विधानसभा चुनावों में क्या कमी रह गई? इसका पता लगाने के लिए जांच समिति गठित की है।  मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इसकी घोषणा कर दी है। हो सकता है, यास चक्रवात और जांच टीम साथ साथ ही कोलकाता के आसपास पहुंचे हों। निर्वाचन सदन वाले डरते हैं तो मानसून से। बरखा रानी केरल की धरती को छूने वाली है। आयोग ने  दादरा एवं नगर हवेली, खंडवा और हिमाचल प्रदेश के मंडी के लोकसभा उपचुनाव टाले। मानसून के बाद तक विधानसभा के उपचुनाव भी टाल दिये। उत्तराख्ंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस फैसले से परेशान हैं। मानसून जुलाई तक हिमालय को छूता है। तीरथ के मुख्यमंत्री बनने और चुनाव टलने का फैसला लगभग साथ हुआ। अब तक किसी विधायक ने इस्तीफा देकर तीरथ सिंह के लिए जगह खाली नहीं की। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बावजूद तीरथ ने लोकसभा सदस्यता से त्यागपत्र नहीं दिया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के पैंतरों से अलग बौखलाहट है। छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना है। उत्तराखंड में विधान परिषद नहीं है। वरना तीरथ वैतरणी पार करते।

सदन-सूचना

बात बात में कह दिया जाता है कि केन्द्रीय जांच एजेंसिया काम नहीं करतीं। एकतरफा रवैया अपनाती हैं। खास लोग जांच और छापों के शिकार बनते हैं। कुछ खास लोग बच जाते हैं। अदालत की फटकार एजेंसियां सुनती हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बैठक में गैरहाजिर रहकर प्रधानमंत्री की बेअदबी की। बेचारे संबित पात्रा खाली कुर्सियों की तस्वीर भेज रहे हैं। इससे पहले गृह मंत्री के विज्ञान-ज्ञान का भरी सभा में मखौल उड़ाया। मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों से पूछा जा रहा है कि शिशिर अधिकारी को हिरासत में क्यों नहीं लिया? खबरखोजी पत्रकार ने दावा किया था कि नारद घोटाले में घूस तो शिशिर ने ली थी। शिशिर लोकसभा के सदस्य थे। साल भर पहले लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी थी। लोकसभा सचिवालय से उत्तर नहीं मिला। शिशिर अधिकारी अब विधायक हैं। कानूनपरस्त एजेंसियों को इसकी जानकारी मिलने पर बात बढ़ेगी।

 ऑक्सीजन सिलिंडर चुप

दिल्ली से प्राणवायु की सप्लाई में बाधा आ रही है। यह वाक्य न तो केन्द्र सरकार पर आक्षेप है और न इसका कोरोना महामारी से निपटने से कोई ताल्लुक है।कर्नाटक के मंत्री आर अशोक ने मंजूर किया कि मुख्यमंत्री  येदियुरप्पा की कुर्सी डांवाडोल है। मुख्यमंत्री के वफादार अशोक को दिल्ली से आक्सीजन मिलने की आस है। बंगलूरु और अन्य शहरों में असंतुष्ट विधायक गुटों में बैठकें कर रहे हैं। पर्यटन मंत्री  योगीश्वर विधायकों  तथा शिकायतों और आरोपों का  ग_र लेकर दिल्ली जा धमके। पर्यटन मंत्री योगीश्वर सैर सपाटे के लिए  दिल्ली नहीं गए थे। किसी सक्षम युवा को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। येदियुरप्पा की तुलना में तो सभी युवा हैं। अक्खड़ येदियुरप्पा को कुर्सी खाली करने के लिए राजी नहीं हैं। सांसद बेटे को केन्द्र में राज्यमंत्री बनाने के लालच में नहीं आने वाले।

  (लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

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