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रायपुर, 8 जून। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कैट ने ग्रुप-7 समूह के सदस्य राष्ट्रों की हुई एक बैठक में ग्रुप ऑफ सेवन के सदस्य देशों के बीच गंभीर चर्चा में जिसमें दुनिया की कुछ सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विभिन्न देशों में किये जाने वाले व्यापार पर कम से कम 15 प्रतिशत की न्यूनतम वैश्विक कॉर्पोरेट कर दर लगाने पर बानी सहमति का स्वागत किया।
कैट ने बताया कि इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। यह कदम हालांकि बहुत प्रारंभिक चरण में है और यदि इसे लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उन व्यापार प्रथाओं पर नियंत्रण और संतुलन स्थापित हो जाएगा जिसके चलते वो जिस देश में व्यापार करती हैंए उस देश को कर के एक बड़े हिस्से से वंचित कर देती हैं।
इस सहमति को एक प्रगतिशील कदम कहा जा सकता है जो अंतरराष्ट्रीय कराधान प्रणाली में एक आवश्यक सुधार लाएगा। बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ जो वास्तु अथवा सेवाओं का उपभोग करने वाले देशों के राजकोष से अपनी कर देयता से बचने के तरीके और साधन विकसित कर रही हैं, उन पर लगाम लगने की सम्भावना है। इस तरह के कर का औचित्य तभी उचित है जब इस तरह के कर की बड़ी राशि उस देश को दी जाएँ जिसमें वस्तु या सेवा का उपयोग किया जाता है।