सामान्य ज्ञान
मालवा, ज्वालामुखी के उद्गार से बना पश्चिमी भारत का एक अंचल है। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग तथा राजस्थान के दक्षिणी-पश्चिमी भाग से गठित यह क्षेत्र आर्यों के समय से ही एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई रहा है।
मालवा का अधिकांश भाग चंबल नदी तथा इसकी शाखाओं द्वारा संचित है, पश्चिमी भाग माही नदी द्वारा संचित है। इसकी राजऩीतिक सीमाएं समय समय पर थोड़ी परिवर्तित होती रही । मालवा के अधिकांश भाग का गठन जिस पठार द्वारा हुआ है उसका नाम भी इसी अंचल के नाम से मालवा का पठार है ।
इसे प्राचीनकाल में मालवा या मालव के नाम से जाना जाता था, मालवा का यह नाम मालव नामक जाति के आधार पर पड़ा इस जाति का उल्लेख सर्वप्रथम ई. पू. चौथी सदी में मिलता है, जब इस जाति की सेना ने सिकंदर से युद्ध में पराजित हुई थी। ये मालव प्रारंभ में पंजाब तथा राजपूताना क्षेत्रों के निवासी थी, लेकिन सिकंदर से पराजित होकर वे अवंति और उसके आस- पास के क्षेत्रों में बस गये। उन्होंने आकर (दशार्ण) तथा अवन्ति को अपनी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया। दशार्ण की राजधानी विदिशा थी तथा अवन्ति की राजधानी उज्जयिनी थी। कालांतर में यही दोनों प्रदेश मिलकर मालवा कहलाए। इस प्रकार एक भौगोलिक घटक के रुप में मालवा का नाम लगभग प्रथम ईस्वी सदी में मिलता है।
डेक्कन ओडिसी
डेक्कन ओडिसी , रेल मंत्रालय और महाराष्टï्र के पर्यटन विकास निगम का संयुक्त उपक्रम है। इस बारे में दोनों पक्षों के बीच 7 फरवरी, 2001 को सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इस रेलगाड़ी को प्रधानमंत्री ने 16 फरवरी, 2004 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रेलगाड़ी में वातानुकूलित डिब्बे, केबल कनेक्शन के साथ टेलीविजन, चैनल म्यूजिक, विदेशी मुद्रा विनिमय सुविधा, वातानुकूलित बार व रेस्त्रां, जिम व योग कक्ष आदि की व्यवस्था है।