सामान्य ज्ञान
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) भारत सरकार का दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र है। इसकी स्थापना एक स्वायत्त संस्था के रूप में अगस्त 1984 में की गयी थी। इसे भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक दूर संचार प्रौद्योगिकी विकसित करने का संपूर्ण अधिकार तथा पूर्ण स्वतंत्रता दी गयी। इसका मुख्य उद्देश्य दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करना है।
1984 में सी-डॉट का काम प्रारंभ में मुख्य रूप से डिजिटल एक्सचेंजों की डिजाइनिंग और विकास करना तथा भारतीय उद्योग द्वारा इसके व्यापक स्तरीय विनिर्माण को सुकर बनाना था। बाद में, 1989 में संचार उपकरणों का विकास भी इसके कार्य क्षेत्र में जोड़ दिया गया।
इसके मुख्य कार्य हैं- 1. दूरसंचार प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं के संबंध में काम करना।
2. दूरसंचार की वर्तमान तथा भावी आवश्यकताओं तथा ग्रामीण अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक कनवज्र्ड नेटवर्कों के लिए समाधान उपलब्ध करान।
3. सी-डॉट को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में बनाए रखना।
4. उद्योग, समाधान प्रदाताओं, दूरसंचार कंपनियों तथा अन्य विकास संगठनों के साथ भागीदारी और संयुक्त गठबंधन के जरिये लागत प्रभावी समाधान देना
5. संस्थापित नेटवर्कों के अधिकतम उपयोग द्वारा नई प्रौद्योगिकियों, विशिष्टताओं और सेवाओं की शुरूआत में दूरसंचार कंपनियों और सेवाप्रदाताओं का समर्थन करना।