सामान्य ज्ञान
भागवत पुराण एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है-प्रभु की प्राचीन कथाएं। भागवत पुराण, पुराणों के नाम से प्रसिद्घ, हिंदू पवित्र साहित्य का संस्कृत में रचित सर्वाधिक विख्यात ग्रंथ है। यह वह विशिष्टï साहित्य है, जिसे भागवत संप्रदाय सर्वोपरि मानता है।
आमतौर पर विद्वान इस बात पर सहमत हैं कि भागवत-पुराण की रचना संभवत: 10 वीं शताब्दी के आसपास दक्षिण भारत के किसी स्थान पर हुई थी। अपने भावात्मक उन्माद के मामले में इसकी भक्ति की अभिव्यक्ति दक्षिण भारतीय भक्त कवि परंपरा आलवार से मिलती- जुलती है।
पुराण लगभग 18 हजार पदों से मिलकर बना है, जिन्हें 12 खंडों में बांटा गया है, लेकिन कृष्ण के बचपन और वृंदावन में ग्वालों के साथ बिताए गए समय के वर्णन वाला 10 वां खंड भारत भर में वैष्णवों में अत्यंत लोकप्रिय है। इसमें कृष्ण के दुष्टï मामा कंस द्वारा उनकी हत्या के प्रयासों, अपनी पालक माता यशोदा के साथ बचपन की शरारतों, गोपियों (ग्वालों की पत्नियां व पुत्रियां) के लिए उनका प्रेम, कृष्ण के प्रति गोपियों