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बालकोनगर, 11 जून। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने बताया कि बालको ने उत्पादन प्रक्रियाओं की निरंतरता और कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में सदैव ही अत्याधुनिक तकनीकों को प्रोत्साहित किया है। अपने पॉट लाइन-1 में बालको ने वैश्विक मानदंडों के अनुरुप ऊर्जा की खपत कम करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। वर्तमान में यह स्तर 12862 किलोवॉट प्रति मीट्रिक टन है।
श्री पति ने बताया कि भारत तथा खाड़ी देशों के अन्य एल्यूमिनियम उद्योगों के मुकाबले बालको की विशिष्ट ऊर्जा खपत सबसे कम है। इस लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही बालको के कार्बन फुट प्रिंट में कमी आई है। ऊर्जा खपत कम करने के लिए बालको ने अत्याधुनिक तकनीकें स्थापित की हैं वहीं आंतरिक तौर पर नवाचार किए गए। स्मेल्टर वह संयंत्र है जहां एल्यूमिना पाउडर को पिघलाकर एल्यूमिनियम गर्म धातु तैयार किया जाता है। पॉट लाइन में अनेक पॉट या इलेक्ट्रोलिटिक सेल की श्रृंखला होती है।
श्री पति ने बताया कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपने समस्त प्रचालनों में संसाधनों के अधिकतम उपयोग और अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से बालको सतत विकास के लिए कटिबद्ध है। बालको देश की उन प्रमुख कंपनियों में शामिल है जहां प्रचालन दक्षता में बढ़ोत्तरी के लिए स्मार्ट एवं डिजिटल तकनीकें अपनाई गई हैं।
श्री पति ने बताया कि विशिष्ट ऊर्जा की खपत कम करने के लिए बालको ने डिजिटल एवं स्मार्ट तकनीकों को अपनाने के साथ ही नवाचार को प्रोत्साहित करने हुए पॉट की डिजाइन में बदलाव किए हैं। थर्मल मॉडलिंग के साथ ही ग्रेफीटाइज्ड पॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऊर्जा की खपत घटाने के साथ ही बालको ने विशिष्ट जल खपत में पिछले स्तर के मुकाबले 170 फीसदी की कमी की है। बालको की यह उपलब्धियां पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति कटिबद्धता का द्योतक है।