अंतरराष्ट्रीय
-सुजीत चक्रवर्ती
आइजोल, 16 जून | पड़ोसी देश म्यांमार के चिन प्रांत के मुख्यमंत्री सलाई लियान लुई ने भारत के मिजोरम राज्य में शरण ली है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सैन्य तख्तापलट के बाद से महिलाओं सहित 9,250 म्यामांर के निवासी पहले ही सीमावर्ती राज्य में शरण ले चुके हैं।
बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाला चिन, पश्चिमी म्यांमार में एक प्रांत है और यह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम के साथ अपनी पश्चिमी सीमा साझा करता है।
मिजोरम गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार रात को बताया कि चिन राज्य के मुख्यमंत्री सोमवार की रात पूर्वी मिजोरम के चम्फाई शहर आए हैं।
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि आंग सान सू की की पार्टी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के लुई सहित 24 सांसदों ने तख्तापलट होने के बाद से मिजोरम के विभिन्न जिलों में विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शरण ली है।
अधिकारी ने कहा, म्यांमार के 9,250 नागरिकों को विभिन्न नागरिक समाज, छात्र और युवा संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा आश्रय और भोजन प्रदान किया जा रहा है।
सीमावर्ती राज्य में शरण लेने वालों में से अधिकांश चिन के हैं, जिन्हें 'जो'समुदाय के रूप में भी जाना जाता है। इस वंश के लोग मिजोरम के मिजो के समान वंश, जातीयता और संस्कृति को साझा करते हैं।
मिजोरम पुलिस के सीआईडी (अपराध जांच विभाग) के अनुसार, लगभग 9,250 म्यांमारी नागरिक, जो 1 फरवरी को पड़ोसी देश में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से अपने देश से भाग गए थे, वर्तमान में राज्य के 11 जिलों में से 10 में रह रहे हैं। इनकी सबसे अधिक संख्या में चंफाई आवास हैं, जहां इनकी संख्या लगभग 4,160 है।
उल्लेखनीय है कि 1 फरवरी को सेना द्वारा राष्ट्रपति यू विन मिंट और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को हिरासत में लिए जाने के बाद म्यांमार में एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है। इसके बाद सत्ता वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग को सौंप दी गई है। (आईएएनएस)