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पाक से जुड़ी धर्मार्थ संस्थाओं ने कोविड के दौरान भारत की मदद के नाम पर धन एकत्र किया
17-Jun-2021 8:40 AM
पाक से जुड़ी धर्मार्थ संस्थाओं ने कोविड के दौरान भारत की मदद के नाम पर धन एकत्र किया

नई दिल्ली, 16 जून| अमेरिका स्थित पाकिस्तान से जुड़े चैरिटी संगठनों ने कोविड संकट के दौरान भारत की मदद के नाम पर फंड इकट्ठा किया। मीडिया रिपोर्ट्स से यह जानकारी मिली है। लाखों डॉलर इकट्ठा करने के बाद, उनमें से कुछ ने एक साथ आकर मदद के नाम पर कुछ भी खास नहीं किया। डिसइन्फो लैब की रिपोर्ट के अनुसार, उन सभी ने क्रेडिट का दावा किया, ताकि उनके दानदाताओं को लगे कि पैसा अच्छी तरह से खर्च किया गया है।

डिसइन्फो लैब ने अपने खुलासे में कहा है कि इकट्ठा किया गया पैसा आतंकी वित्त के तौर पर पाकिस्तानी सेना से लेकर इस्लामवादियों जैसे हमास के लिए जा सकता है। चैरिटी के लिए एकत्रित पैसे का यह स्पष्ट तौर पर दुरुपयोग है।

इसे कोविड-19 स्कैम 2021 नाम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका स्थित पाक से जुड़े चैरिटी संगठनों ने कोरोना संकट में भारत की मदद करने के नाम पर चंदा जुटाया और इस आड़ में लॉखों डॉलर की चोरी की गई।

रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि पाक सेना के साथ मिलकर चलाए जा रहे ये संगठन दान का दुरुपयोग विरोध भड़काने और आतंकी हमलों को प्रायोजित करने के लिए किया जा सकता है।

डिसइन्फो लैब नामक संस्था ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया कि मानवीय सहायता हेल्पिंग इंडिया ब्रीद के नाम पर किस तरह दुनिया में सबसे बुरा घोटाला किया गया।

दरअसल, कोविड की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत को दुनिया भर से मदद मिली है, लेकिन कुछ संगठनों ने दान के नाम पर अवैध रूप से धन एकत्र करने के लिए संकट का उपयोग किया।

डिसइन्फो लैब ने ऐसे कई चैरिटी संगठनों का पदार्फाश किया है जो दान की रकम आतंकी हमलों को प्रायोजित करने में लगा सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 और 28 अप्रैल को अमेरिका में पाकिस्तान से चलाए जा रहे इस्लामी संगठनों द्वारा कई फंड-राइजर स्थापित किए गए थे।

उन संगठनों में से एक, जो फंड संग्रह में बहुत आक्रामक था, इमाना था, जो इंस्टाग्राम पर एक सहायता अभियान चला रहा था और सबसे तेज धन प्राप्त करने वालों में से एक था।

निधि संग्रह इतना अच्छा था कि पिछली बार पूरा होने के बाद, इमाना अपनी लक्ष्य राशि को बार-बार संशोधित कर रहा था। लेकिन यह अपडेट प्रदान करने के मामले में सबसे कम पारदर्शी संगठनों में से एक था।

दस्तावेज के अनुसार, यह भी पता चला कि भारत में कोविड के समय में मदद के लिए एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों फंड संग्रह चल रहे हैं और इसके लिए कई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा था - सोशल मीडिया से लेकर समर्पित फंड जुटाने वाले प्लेटफॉर्म तक।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में सबसे कम पारदर्शी इंस्टाग्राम रहा, जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म में से एक रहा। धन उगाहने वाले प्लेटफार्मों में, जो जिसने सबसे अधिक धन उगाही की और न्यूनतम पारदर्शिता बरती, उनमें लॉन्च गुड का नाम ऊपर रहा है।

इमाना - इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका - एक इलिनोइस-आधारित चिकित्सा राहत संगठन है, जिसे पहले 1967 में इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के रूप में स्थापित किया गया था, और बाद में इसका नाम बदलकर इमाना यानी आईएमएएनए कर दिया गया।

इसका गठन इस्लामिक संगठन इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (इसना या आईएसएनए) के कुछ प्रमुख सदस्यों द्वारा किया गया था। (आईएएनएस)

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