अंतरराष्ट्रीय
चीन की मशहूर फ़ोन और 5-जी तकनीक निर्माता कंपनी ख़्वावे को लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है. इस कंपनी को अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों के अलावा भारत ने भी बाहर कर दिया है.
बाहर करने का मतलब है कि ख़्वावे के नए 5जी उपकरण ख़रीदने पर पाबंदी होगी. अमेरिका का ऐसा ही दबाव दुनिया के बाक़ी देशों पर भी है.
यूएई पर भी इसी तरह के दबाव की बात सामने आई है. बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उसके प्रवक्ता चाओ लिजिअन से चाइना अरब टीवी ने पूछा कि अमेरिका ने यूएई से कहा है कि वो अपने नेटवर्क से चीनी कंपनी ख़्वावे के उपकरणों को हटाए.
अगर यूएई ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका उसे F-35 लड़ाकू विमान नहीं देगा. इस पर आपकी क्या टिप्पणी है?
इस सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''सालों से यूएई की आर्थिक प्रगति में चीनी कंपनियों, जिनमें ख़्वावे भी शामिल है; की अहम भूमिका रही है. यूएई हमारा साझेदार है. हमारे सहयोग की सराहना यूएई में भी हुई है.’’
‘’दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और साझे हितों पर नियमित वार्ता होती है. हम दोनों के बीच व्यापक मुद्दों पर आपसी सहमति है. हम दोनों का मानना है कि चीन-यूएई सहयोग से दोनों देशों के लोगों का हित जुड़ा हुआ है. इसमें किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप के लिए जगह नहीं है.
दक्षिणी चीन के शेंजन में एक पूर्व सैन्य अधिकारी रेन जंगफ़ेई ने 1987 में ख़्वावे की शुरुआत की थी. इसने शुरुआत में मोबाइल फ़ोन नेटवर्क के लिए संचार उपकरण बनाने शुरू किए थे और बाद में यह विश्व में एक बड़ी कंपनी के तौर पर उभरी जिसमें 1,80,000 कर्मचारी काम करते हैं.
सैमसंग के बाद ख़्वावे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफ़ोन सप्लायर कंपनी है जिसका 18 फ़ीसदी बाज़ार पर क़ब्ज़ा है जो ऐपल और बाक़ी कंपनियों से आगे है.
इस कंपनी को लेकर पूरी बहस इस पर टिकी है कि क्या पश्चिमी देश ख़्वावे पर भरोसा करते हैं या फिर हमारे मोबाइल फ़ोन भी इस कंपनी की गिरफ़्त में हैं? अमरीका कहता है कि 5जी उपकरणों के ज़रिए चीन ख़्वावे का इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है.
इसमें कंपनी के मालिक रेन की सैन्य पृष्ठभूमि का हवाला दिया जाता है. रेन 1983 तक चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नौ साल तक सदस्य रहे. वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी हैं.
हालांकि, ख़्वावे का कहना है कि इसका कंपनी से अब कोई लेना-देना नहीं है. कंपनी कहती है, "रेन जंगफ़ेई जब युवा थे तब आपको कम्युनिस्ट पार्टी की किसी भी पद की ज़िम्मेदारी लेना आवश्यक था." अमरीका अपने यहाँ कंपनियों को ख़्वावे के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा चुका है और चाहता है कि उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को भी 5जी नेटवर्क से हटाया जाए. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने भी अमरीका की तरह क़दम उठाए हैं.
ब्रिटेन के लिए ख़्वावे को प्रतिबंधित करना ब्रिटेन-अमरीका के बीच व्यापार बातचीत के लिए ज़रूरी है क्योंकि अमरीका ने चेतावनी दी थी कि इस तरह का फ़ैसला न लेने से भविष्य के सुरक्षा सहयोग पर ख़तरा हो सकता है. लेकिन अब ब्रिटेन में ख़्वावे के उपकरणों को 5जी नेटवर्क में प्रतिबंधित कर देने से चीन के जवाबी हमले का ख़तरा बढ़ गया है जिसमें संभावित साइबर हमला भी शामिल है. (bbc.com)