राष्ट्रीय
अमरावती, 17 जून | तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के वरिष्ठ नेता वरला रमैया ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौतम सवांग से शिकायत की कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी. वी. सुनील कुमार कथित तौर पर असंवैधानिक गतिविधियों में लिप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार ने एआईएम (आंबेडकर का भारतीय मिशन) नामक एक संगठन की स्थापना की और वह इस बैनर तले विभाजनकारी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
रमैया ने दावा करते हुए कहा, आंध्र प्रदेश में एक वरिष्ठ सिविल सेवक और वर्तमान में अतिरिक्त डीजीपी, सीआईडी के रूप में कार्यरत कुमार अपमानजनक बयान दे रहे हैं, जो एक सिविल सेवक के आचरण के लिए अनुपयुक्त हैं।
तेदेपा नेता ने शिकायत की कि आईपीएस अधिकारी के कथित बयान विविधता में एकता की भावना और भारत के संविधान के खिलाफ हैं।
रमैया के अनुसार, कुमार ने कहा कि अंग्रेज दलितों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य लाए। उन्होंने दावा किया कि ये बयान डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को कमजोर करने वाला है।
रमैया ने दावा किया कि इस तरह के बयान भारत के सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से अंबेडकर की ²ष्टि को अंधेरे में डाल देते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार द्वारा आयोजित एक एआईएम बैठक में कृष्णा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोका सत्ती बाबू ने आतंकवादियों के समर्थन में बात की।
उन्होंने दावा किया, बाबू ने अपने भाषण में वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हवाई जहाज से हमला करने वाले आतंकवादी का उदाहरण देते हुए युवाओं से इस तरह की प्रतिबद्धता का अनुकरण करने के लिए कहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आतंकवादी के समानांतर मरने की प्रतिबद्धता ही मदद करेगी।
तेदेपा महासचिव के मुताबिक, इस तरह के भाषण आम तौर पर युवाओं और खासकर दलित युवाओं को भड़का रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, वास्तव में, ऊपर उल्लिखित दो अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान सही नहीं हैं और ये अपमानजनक, अवैध, असंवैधानिक और विभाजनकारी प्रकृति के हैं।
इसके साथ ही एआईएम के पीछे की मंशा पर संदेह जताया गया है और आरोप लगाया गया है कि विभाजनकारी राजनीति और नफरत को कायम रखने के लिए संगठन का इस्तेमाल एक मोर्चे के रूप में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन बयानों पर विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और कुमार तथा बाबू ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन किया है, जिस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने सवांग को लिखते हुए कहा कि मैं विभाजनकारी एजेंडे का पालन करने वाले ऐसे दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की अपील करता हूं। (आईएएनएस)