अंतरराष्ट्रीय
इन्हीं आशंकाओं के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार को लोगों से आग्रह किया था कि शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए होने वाले मतदान में जमकर हिस्सा लें.
ख़ामेनेई ने कहा था कि ज़्यादा मतदान और इस्लामिक रिपब्लिक पर बाहरी दबाव के बीच सीधा संबंध है.
ख़ामेनेई ने कहा था, ''अगर मतदान में लोगों की भागीदारी कम होती है तो दुश्मनों का दबाव बढ़ेगा...अगर हम विदेशी दबाव और प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं तो मतदान में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. हम इस जम-समर्थन को अपने दुश्मनों को दिखा सकेंगे.'' ख़ामेनेई ने ये बातें बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कही.
ख़ामेनेई ने कहा था कि सभी ईरानी नागरिकों को चाहे वे जिस राजनीति को पसंद करते हों, जमकर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए.
ख़ामेनेई ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ईरानियों को वोट में हिस्सा नहीं लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ईरानी के सर्वोच्च नेता ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ईरान के चुनाव को कमज़ोर करना चाहता है. (bbc.com)