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आर्थिक आतंकवाद से ई-कॉमर्स को मुक्त करें-कैट
18-Jun-2021 2:26 PM
आर्थिक आतंकवाद से ई-कॉमर्स को मुक्त करें-कैट

रायपुर, 18 जून। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,  अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि अमेजॅन, फ्लिपकार्ट और अन्य विदेशी धन प्राप्त ई-कॉमर्स कंपनियों की निरंतर अनैतिक व्यापार प्रथाओं को जारी रखने तथा एफडीआई नीति और अन्य लागू नियमों के लगातार उल्लंघन के मद्देनजर कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है। 

श्री पारवानी ने बताया कि विदेशी धन प्राप्त कंपनियों के आर्थिक आतंकवाद से देश के ई कॉमर्स व्यापार को मुक्त कराया जाए और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी कर इन ई-कॉमर्स की लगाम कसना बेहद जरूरी है। भारत कोई बिकने वाला राष्ट्र नहीं है, यह बात अमेजन एवं फ्लिपकार्ट सहित उन सभी कंपनियों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए की ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार पर कब्जा कर उन पर अपना एकाधिकार जमाने का कुत्सित प्रयास कर रही हैं।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री भरतिया एवं  प्रदेश अध्यक्ष श्री दोशी ने बताया कि जिस तरह से इन कंपनियों द्वारा नीति एवं नियमों का उल्लंघन कर पूरी शक्ति से ई कॉमर्स व्यापार को तबाह किया जा रहा है और जिसकी वजह से देश भर में हजारों दुकानें बन्द हो गई हैं, वो स्थिति किसी भी मायने में आर्थिक आतंकवाद से कम नहीं है जिसका समूल नष्ट किया जाना बेहद जरूरी है। अमेजॅान एवं फ्लिपकार्ट द्वारा यह दावे करना कि उन्होंने भारत में बड़ी मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराया है और व्यापारियों को व्यापार के बड़े अवसर प्रदान किये हैं, नितांत काल्पनिक एवं देश के ई कॉमर्स व्यापार पर कब्जा जमाने के सुनियोजित षड्यंत्र से अलावा कुछ भी नहीं है।  जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी ने खुद को भारत के सच्चे दोस्त के रूप में देश के व्यापारियों के उद्धारकर्ता के रूप में प्रदर्शित किया और बाद में देश को गुलाम बना दिया गया है, लगभग उसी प्रकार के अपने नापाक इरादों पर प्रदा डालने की कोशिश है।

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