राष्ट्रीय
-सुजीत चक्रवर्ती
गुवाहाटी, 18 जून | पूर्वी असम में विश्व प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपी एंड टीआर) के सीमांत क्षेत्रों में शुक्रवार को वन कर्मियों द्वारा आकस्मिक गोलीबारी के कारण एक रॉयल बंगाल टाइगर की मौत हो गई।
केएनपी एंड टीआर के निदेशक, कर्मश्री पी. शिवकुमार ने कहा कि लगभग 10 वर्षीय नर रॉयल बंगाल टाइगर का शव वन कर्मियों द्वारा जपोरीपोथर, करुआबाड़ी क्षेत्र (फ्रिंज क्षेत्र केएनपी और टीआर) के पास पाया गया है।
शिवकुमार ने आईएएनएस को बताया, पूछताछ करने पर पता चला है कि बाघ की मौत सार्वजनिक क्षेत्र से बाघ को डराने की कोशिश के दौरान दुर्घटनावश गोली लगने से हुई है। हम आगे इस घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं।
वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी ने कहा, बाघ ने दो दिन पहले एक भैंस को मार डाला था और गुरुवार शाम को वह फिर से दिखाई दिया। स्थानीय लोगों द्वारा बाघ की उपस्थिति की सूचना के बाद वन रक्षकों को तुरंत क्षेत्र में भेजा गया। शुक्रवार की सुबह, बाघ और वन रक्षक एक-दूसरे के काफी करीब आ गए और इस दौरान बाघ ने उन पर हमला करने की कोशिश की। कोई अन्य विकल्प नहीं मिलने पर, वन रक्षकों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
शिवकुमार ने कहा कि चूंकि बाघ बूढ़ा था, इसलिए वह संभवत: जंगल में शिकार नहीं कर सकता था और पशुओं की तलाश में भटक रहा था।
हाल के दिनों में यह तीसरा उदाहरण है, जिसमें केएनपी एंड टीआर से एक बाघ का शव बरामद किया गया है। पांच जून को राष्ट्रीय उद्यान के सिद्धा काठोनी इलाके में चार साल के नर बाघ का शव मिला था।
इस पर वन अधिकारियों ने कहा था कि चार साल के नर बाघ की मौत आपसी लड़ाई के कारण हुई थी।
1908 में स्थापित, केएनपी एंड टीआर, भारत के सात यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और अरुणाचल प्रदेश की सीमा के साथ असम के गोलाघाट, नागांव, सोनितपुर, विश्वनाथ और कार्बी आंगलोंग जिलों में फैला हुआ है।
यह 2,400 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, जो विश्व की कुल आबादी का लगभग दो तिहाई है। गैंडों के अलावा, केएनपी एंड टीआर में 121 बाघ, 1,089 हाथी और बड़ी संख्या में एशियाई भैंस, दलदली हिरण, जंगली सूअर, हॉग हिरण, साही और अन्य लुप्तप्राय जानवर और सांप हैं।(आईएएनएस)