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कोरोना लॉकडाउन: शिक्षण संस्थानों में नहीं रुका शोध और अनुसंधान का काउंटडाउन
20-Jun-2021 12:39 PM
कोरोना लॉकडाउन: शिक्षण संस्थानों में नहीं रुका शोध और अनुसंधान का काउंटडाउन

नई दिल्ली, 20 जून। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में अधिकांश राज्य लॉकडाउन के कारण बंद रहे। दूसरी ओर विभिन्न आईआईटी, आईआईएम एवं कई अन्य उच्च शिक्षण संस्थान इस दौरान नए विश्व स्तरीय शोध की तैयारी में जुटे रहे। अब इन उच्च शिक्षण संस्थानों में भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते शोध, आविष्कार एवं आधुनिक पाठ्यक्रम डिजाइन किए जा रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के बीच आईआईटी रोपड़ ने एक उपकरण 'जीवन वायु' विकसित किया है। इसे सीपीएपी मशीन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह देश का पहला ऐसा उपकरण है जो बिना बिजली के भी काम करता है । ये उपकरण अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन पाइपलाइन जैसी दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के लिए अनुकूलित है। ये प्रावधान अन्य मौजूदा सीपीएपी मशीनों में उपलब्ध नहीं हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही आईआईटी दिल्ली में 'ऊर्जा विज्ञान और इंजीनियरिंग' विभाग की स्थापना की तैयारियां की गई। यह नया यूजी कार्यक्रम 'बी.टेक. एनर्जी इंजीनियरिंग' इसी साल से पेश किया जाएगा।

आईआईटी दिल्ली में सीईएस के प्रमुख, प्रोफेसर केए सुब्रमण्यम ने कहा, बी टेक एनर्जी इंजीनियरिंग कार्यक्रम का उदेश्य देश की ऊर्जा पहुंच, आपूर्ति गुणवत्ता और विश्वसनीयता के साथ-साथ दक्षता में सुधार, डी-काबोर्नाइजेशन और ऊर्जा आपूर्ति की लागत कम करना है।

आईआईएम अहमदाबाद भी नेतृत्व और संगठनात्मक विकास के लिए अशांक देसाई केंद्र शुरू कर रहा है। आईआईएमए के प्रोफेसर विशाल गुप्ता ने कहा, केंद्र का उद्देश्य कठिन अनुसंधान को बढ़ावा देना और विभिन्न प्रकार के संगठनों में नेतृत्व और संगठनात्मक विकास करना, सार्वजनिक, निजी और सामाजिक क्षेत्र में अनुसंधान करना है। साथ ही ऐसे अवसर भी पैदा करना है जहां संकाय, व्यवसायी और नीति निमार्ता एक साथ आ सकें।

कोरोना की दूसरी लहर के बीच आईआईटी दिल्ली में ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड इंजरी प्रिवेंशन सेंटर बनाने का काम किया गया। जल्द ही आईआईटी दिल्ली यह नया केंद्र स्थापित करेगा। यह केंद्र सड़क सुरक्षा एवं आधुनिक सड़क परिवहन प्रणाली के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान व शोध करेगा। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाकर आईआईटी दिल्ली की इस तकनीक के कारण सैकड़ों जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।

एम्स और आईआईटी के पूर्व छात्रों ने कोरोना की दूसरी लहर में एक स्टार्ट अप बनाया है। इसके तहत एम्स पूर्व छात्र नीट की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रशिक्षण देंगे। वहीं आईआईटी के पूर्व छात्र छात्र उन युवाओं की मदद करेंगे जो जेईई परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं।

पूर्व छात्र एक ऑनलाइन क्रैश कोर्स के जरिये समाधान लेकर आए हैं। यह एक 45 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम है।

उधर नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी भी भारत आई है। नॉर्थकैप यूनिवर्सिटी (एनसीयू) ने सिंटाना एलायंस से इसके लिए एक करार किया है। सिंटाना पूरी दुनिया के अहम विश्वविद्यालयों का नेटवर्क है जो एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) की मदद से अन्य देशों की आर्थिक जरूरतें देखते हुए उच्च गुणवत्ता के शैक्षिक कार्यक्रमों का विकास करते हैं।

'यूएस न्यूज ऐंड वल्र्ड रिपोर्ट' ने पिछले छह वर्षों से एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) को अमेरिका का सबसे इनोवेटिव विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। टाइम्स हायर एजुकेशन ने भी इसे दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार किया है। एएसयू अमेरिका के सबसे बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज का परिसर है। एएसयू के थंडरबर्ड स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट के मास्टर ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट को टाइम्स हायर एजुकेशन-वॉल स्ट्रीट जर्नल रैंकिंग में पहला स्थान मिला है।

प्रोफेसर (डॉ.) मिलिंद पडलकर, प्रो चांसलर (नॉर्थकैप यूनिवर्सिटी) ने कहा, '' इस तीन-पक्षीय करार से शिक्षा, अनुसंधान और डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित होगा। इसका एनसीयू के विद्यार्थियों, शिक्षकों और संपूर्ण भारतीय नवाचार परिवेश को बहुत लाभ होगा।''  (आईएएनएस) 

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