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रायपुर, 20 जून। अग्रसेन महाविद्यालय द्वारा सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग विभाग और महाविद्यालय की आइक्यूएसी शाखा के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला के दूसरे दिन फिजियोथेपिस्ट डॉ. रानू मिश्रा ने कोरोना काल में फिजियोथैरेपी की उपयोगिता पर अपनी प्रस्तुति दी। साथ ही इसके लिए जरुरी आसन भी बताये।
उन्होंने फेफड़े की कार्यप्रणाली और उसे स्वस्थ रखने की विधियों की चर्चा करते हुए बताया कि ऑक्सीजन का सैचुरेशन केवल कोविड-19 में ही कम नहीं होता। बल्कि मनुष्य जब तनाव में होता हैम तब भी उसके ऑक्सीजन लेवल में कमी देखी जाती है। हमारी जीवन शैली में ऐसी कई गतिविधियां है जिनमें हमें अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी होती है। ऐसी गतिविधियों से हमें बचना आवश्यक है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि कोरोना से संक्रमित जिन मरीजों को पहले से दमा या ब्रोंकाइटिस की समस्या है, उनके लिए फिजियोथैरेपी कारगर साबित हुई है।
इस मौके पर महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी के अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में योग के महत्व को सभी ने पहले से ज्यादा समझा है। प्राचार्य डॉ. युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि कार्यशाला में दी गई जानकारी काफी उपयोगी रही। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी अमित अग्रवाल और योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर मंजू सिंह ठाकुर ने इस कार्यशाला में आमंत्रित वक्ता को साधुवाद दिया। इस अवसर पर आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉक्टर डॉली पांडेय सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष भी शामिल हुए. कार्यशाला के तीसरे दिन में छत्तीसगढ़ योग शिक्षक महासंघ के महासचिव खोमेश्वर साहू अपना व्याख्यान देंगे।