कारोबार
रायपुर, 9 जुलाई। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 16 जून से हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू कर दी गई है लेकिन इसके लागू होने से सराफा कारोबारियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। हॉलमार्किंग यूनिक एचयूआईडी की प्रक्रिया सरल किया जाए क्योंकि इससे सराफा कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। अगर इस मापदंड से हॉलमार्किंग की प्रक्रिया चलता रहा तो दो वर्ष से अधिक का समय लग जाएगा सराफा कारोबारियों को हॉलमार्किंग लेने के लिए। केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर हॉलमार्किंग की अव्यवहारिक व जटिल नियम को वापस लेने की मांग की हैं।
अध्यक्ष मालू, लक्ष्मीनारायण लाहोटी, प्रहलाद सोनी और अनिल कुचेरिया ने पीयूष गोयल को लिखे पत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोने के जेवर पर हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने का रायपुर सराफा एसोसिएशन स्वागत करता है लेकिन हॉलमार्किंग के नियमों के अंतर्गत एचयूआईडी के प्रावधानों में विभिन्न व्यवहारिक असमानता एवं अव्यवहारिक नियमावली होने के कारण सराफा कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा हैं।
उन्होंने बताया कि हॉलमार्किंग सिस्टम में हॉलमार्किंग यूनिक एचयूआईडी प्रक्रिया काफी जटिल एवं त्रुटिपूर्ण है, प्रक्रिया के अनुसार सर्वप्रथम व्यापारी को पोर्टल में जानकारी देनी होगी, उसके बाद पोर्टल के द्वारा हॉलमार्किंग सेंटर को सूचना जाएगी और उस सूचना के आधार पर हॉलमार्किंग सेंटर उसे हॉलमार्किंग करना स्वीकार करेगा या नहीं करेगा यह बताएगा। यदि उसके पास कार्य भार अधिक है तो उस अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगा जिसमें जेवर हॉलमार्किंगकरने का अनुरोध किया गया है। इस प्रक्रिया के आधार पर कोई भी हॉलमार्किंग सेंटर को गहनों पर हालमार्क करने में काफी समय लगेगा।