विचार / लेख

चुटकुला
12-Jul-2021 9:36 PM
चुटकुला

- प्रकाश दुबे

एकं सत्यं विप्रा- बहुधा वदंति। एक ही सत्य को ज्ञानी अलग अलग तरह से कहते हैं। यानी मनचाहा अर्थ लगाने की स्वतंत्रता है।बशर्ते दलील देकर भिडऩे का माद्दा हो। विप्र याने ब्राह्मण या ज्ञान देने वाला? अपनी पसंद का अर्थ लगा सकते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक की मुसलमानों के बारे में राय दी।  राजनीतिक दलों सहित सबने अपने अपने तरीके से व्याख्या की। कहते हैं न-मुंडे मुंडे मर्तिभिन्ना। मुसलमान सहित विभिन्न धार्मिक मत मानने वालों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया। डॉ. मोहन भागवत के कथन की यह अधूरी झलक है। मुसलमानों के सम्मान में मंत्री गिरिराज सिंह, टू इन वन सांसद-साध्वी प्रज्ञा आदि के मनभावन कथन याद होंगे। संघ प्रमुख की बात को चुटकुला मानने वालों  का आसन नहीं डगमगाता। सुभाषित सुनें। सुनाएं और आनंद लें।

फब्ती
लुंगी बनाने वाली कंपनी इस वक्त बच्चों के कपड़े बनाने में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। वाहवाही कराने पर खर्च करने के बजाय कंपनी ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व सीएसआर की रकम केरल में कोचि के कारखाना परिसर में खर्च की। गांवों में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, शराबमुक्ति आदि में मदद की। 20-20 नाम की स्वैच्छिक संस्था ने सहयोग किया। पंचायत चुनाव में 69 प्रतिशत वोट पाने वाली संस्था को कंपनी के मालिक साबू जेकब का आर्शीवाद मिला। विधानसभा चुनाव में ट्रवेंटी ट्वेंटी संगठन ने उम्मीदवार उतारे। राजनीतिक दल खफा हुए। कंपनी ने केरल में नया उद्योग लगाने का इरादा मुल्तवी किया। तेलंगाना सरकार ने कंपनीवालों को लाने हवाई जहाज भेजा। एक अरब करोड़ रुपए की लागत से तेलंगाना में परिधान बनेंगे। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और कंपनी के मालिक साबू जानते हैं कि फब्ती कसने के लिए शब्दों का प्रयोग जरूरी नहीं है।         

मजाक
राष्ट्रपति की लायकी रखने वाले कुछ महानुभाव भगवान के प्यारे हो गए। प्रधानमंत्री ने मुप्पवरपु वेंकय्य नायुडु, थावरचंद गहलोत आदि के नाम लेकर बताया था कि सरकार को उनकी इतनी जरूरत है कि राष्ट्रपति नहीं बना सकते। भलमनसाहत में वेंकय्य जी कह गए- मैं पुष्पापति और मंत्री बनकर संतुष्ट हूं। श्रीमती नायडु का नाम पुष्पा है।  प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति से अधिक महत्वपूर्ण काम के लिए उनकी जरूरत  आन पड़ी। उपराष्ट्रपति नायडु ने एक जुलाई को जन्मदिन मनाया।17 जुलाई 2022 को उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल का अवसान होगा। नया उपराष्ट्रपति भवन बन रहा है। उसमें रहने का अवसर मिलने के बारे में भगवान जानें या प्रधानमंत्री जानें। कर्नाटक में विधायकों को भगवा बाना पहनाने के साल भर बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया तिरंगा लगी गाड़ी पाई। अब राज्यपाल ही मध्यप्रदेश का होगा। थावरचंद गहलोत की सरकार और राज्यसभा से अधिक जरूरत कर्नाटक में है। कर्नाटक के राजभवन में वजूभाई वाला ने सात साल बिताए। राज्यपाल थावर भाई इससे बड़ा ओहदा पा सकते हैं। भगवान जानते होंगे। बताएंगे तो प्रधानमंत्री ही।    

कटाक्ष
राम मनोहर लोहिया, मधु लिमये, ज्योतिर्मय बसु, पीलू मोदी, आचार्य कृपलानी, अटल बिहारी वाजपेयी आदि की खट्टी-मीठी और तीखी चुटकियां याद की जाती हैं। लोहिया ने 1962 में ग्वालियर से कांग्रेस उम्मीदवार विजयाराजे सिंधिया के विरुद्ध सफाईकर्मी सुक्खो रानी को लोकसभा उम्मीदवार बनाया। उन्होंने इस चुनाव को पंडित नेहरू के चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण बताया। समता के मत युद्ध में महारानी के विरुद्ध मेहतरानी तो हार गई। शपथ ग्रहण समारोह में सात बार के सांसद डा वीरेन्द्र कुमार को ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले शपथ दिलाई गई। छह दशक बाद मंत्रिमंडल फेरबदल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कटाक्ष दल बदल और वफादारी के बारे में नहीं था।  इसे जातीय विषमता पर  कटाक्ष मानें। खटीक समाज में जन्मे वीरेन्द्र कुमार ने बाल श्रम पर शोध किया है। 
  (लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

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