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आईआईएम रायपुर ने पीजीपी के 12वें बैच और एफपीएम के 10वें बैच का किया अभिनन्दन
13-Jul-2021 1:04 PM
आईआईएम रायपुर ने पीजीपी के 12वें बैच और एफपीएम के 10वें बैच का किया अभिनन्दन

 

रायपुर, 13 जुलाई। आईआईएम रायपुर ने आज आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम के अपने 12 वें बैच और प्रबंधन में फेलो कार्यक्रम के 10 वें बैच का सत्र के पहले दिन विधिवत तरीके के अभिनन्दन किया, जिससे छात्रों  में एक नई आशा का संचार हो सके और वे अपने सफल करियर की यात्रा पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ सकें। आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. भरत भास्कर, ने मुख्य अतिथि रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड के सीईओ आशीष वोहरा का स्वागत किया। उन्होंने नए बैच के छात्रों का भी स्वागत किया, जिससे छात्रों को अपने जुनून का अनुसरण करते हुए अपने विचारों को आकार देने केलिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों से अपनी दिशा तय करने और इस उथल-पुथल से भरपूरदुनिया में गतिशील वातावरण के लिए तैयार रहने की खातिर अपने दायित्व के सभी पहलुओं के बीच संतुलन की तलाश करने का आग्रह भी किया।

प्रोफेसर भास्कर ने उल्लेख किया किकैसे आईआईएम रायपुर ने इस चुनौतीपूर्ण, और निरंतर परिवर्तनकारी दुनिया में सफल होने के लिए भविष्य के नीति-निर्माताओं को बनाने के लिए एक अकादमिक उन्मुखीकरण की रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने आज की दुनिया में विकास के प्रमुख  घटकों के लिएडिजिटल बाजार में आने वाली बाधाओं को ही प्रमुख सोपान बताया। 

प्रो. भास्कर ने मापदंड, सम्भावना और गति को हमारे जीवन की तीनचुनौतिययां कहा। अपने संबोधन के अंत में प्रो. भास्कर ने कहा कि कैसे छात्रों कोइस दुनिया में सफल वैश्विक नीति-निर्माता बनने के लिए अपने प्रशिक्षण के दौरान इनतीन पहलुओं के बारे में हर पल सोचने के लिए तैयार रहने की आवश्कता है। इसके बाद मुख्य अतिथि आशीष वोहरा ने अपने अम्बोधन के आरम्भ में पीजीपी के 12वें बैच और एफपीएम के 10वें बैच का स्वागतकिया अक्र्ते हुए कहा कि जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त करनेके लिए अपने भीतर समर्पण को हमेशा जीवित रखें. आपकी सफलता केवल परिसर, करियर और जीवन तक सीमित नहीं है। 

उन्होंने आईआईएम की प्रतिष्ठा को वैश्विक ड्राइविंग लाइसेंस के समान बताते हुए कहाकि यहां के छात्रों से उद्योग जगत, समाजऔर परिवार को बहुत ऊंची अपेक्षाएं रहती हैं। उन्होंने कोहोर्ट सिस्टम के बारे में भी जानकारी दी, जो कैंपस लाइफ  के दौरान अक्सर देखी जाती है अकादमिक उत्कृष्टता समूह, न्यूनतम तालमेल समूह, और अकादमिक पाठ्यचर्या समूह। उन्होंने छात्रों से आत्मनिरीक्षण करने और अपनी शिक्षाओं पर चिंतन करने का आग्रह भीकिया। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अगले पांच वर्षों में अपने लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए उद्योग जगत के वरिष्ठ अधिकारियों से जरुर मिलें। उन्होंने अपने संबोधन के अन्त में छात्रों के लिए ज्ञान के पांच विचारों की चर्चा की, जिसमें यह बताया गया था कि जीवन के हर कार्यक्षेत्र में संघर्ष और प्रतिस्पर्धा एक वास्तविकता है इसे स्वीकार करें। हमेशा अपने जुनून का अनुसरण करें, अपने समय का अच्छी तरह से प्रबंधन करें, एक विशाल नेटवर्क का निर्माण करें, और एक उद्यमशीलता की भावना विकसित करें।

 

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