सामान्य ज्ञान
पोस्टकार्ड एक मोटे कागज या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसे बिना किसी लिफाफे में बंद किये, डाक द्वारा भेजा भी जा सकता है। अधिकतर देशों में इसका शुल्क एक लिफाफे के (जिस पर डाक टिकट चिपकाई गयी हो) द्वारा भेजे गये एक पत्र की तुलना में कम होता है।
एक समय था जब डाक विभाग की पहचान पोस्टकार्ड हुआ करता था। मोबाइल और ई-मेल से पहले रोजाना न जाने कितने घरों में रोज पोस्टकार्ड का इंतजार होता था। आज पोस्टकार्ड एसएमएस, ई-मेल, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप के क्रांतिकारी दौर में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है, कभी यह लोगों की मुख्य जरूरत हुआ करता था।
पोस्टकार्ड का अविष्कार ऑस्ट्रिया में 1869 में हुआ था। ऑस्ट्रिया में यह इतना लोकप्रिय हुआ कि इसकी देखा देखी अन्य देशों ने भी इसे अपनाने में देरी नहीं की। ब्रिटेन ने 1872 में अपना पहला पोस्टकार्ड जारी किया। पहला चित्रित पोस्टकार्ड फ्रांस ने 1889 में जारी किया था और इस पर एफिल टॉवर अंकित था। पोस्टकार्डों के संग्रहण और अध्ययन को अंग्रेजी में डेल्टियोलॉजी कहते हैं।
भारत का पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। भारत के पहले पोस्टकार्ड की कीमत 3 पैसे रखी गई थी। पहले पोस्टकार्ड मध्यम हलके भूरे से रंग में छपे थे। इस कार्ड पर ईस्ट इण्डिया पोस्टकार्ड छपा था। बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचिह्न मुद्रित था और ऊपर की तरफ दाएं कोने मे लाल-भूरे रंग में छपी ताज पहने साम्राज्ञी विक्टोरिया की मुखाकृति थी। वक्त के साथ पोस्टकार्ड में कई परिवर्तन हुए। 1899 में ईस्ट शब्द हटा दिया गया और उसके स्थान पर इण्डिया पोस्टकार्ड मुद्रित होने लगा। आजादी के बाद चटकीले हरे रंग में त्रिमूर्ति की नई डिजाइन के टिकट वाला पहला पोस्टकार्ड 7 दिसम्बर 1949 को जारी किया गया था। 2 अक्टूबर 1951 को 3 चित्र वाले पोस्टकार्डों की एक सीरीज जारी की गई, जिसमें एक पर बच्चे को लिए हुए गांधीजी, दूसरे पर चरखा चलाते हुए गांधीजी और तीसरे पर कस्तूरबा गांधी के साथ गांधीजी का चित्र अंकित था।
वर्तमान में सरकार पोस्टकार्ड छापकर करोड़ों का घाटा सह रही है, फिर भी पाती लिखने की परंपरा की खातिर इसे बंद करने का फिलहाल उसका कोई इरादा नहीं है। वर्ष 2013 में 10.44 करोड़ पोस्टकार्डों का मुद्रण कराया गया था, लेकिन 2014 में सिर्फ 8.13 करोड पोस्टकार्ड ही मुद्रित कराए गए हैं। वर्तमान में एक पोस्टकार्ड पर सरकार को करीब 7 रुपये का घाटा बैठ रहा है। 2012-13 में पोस्ट कार्ड पर कुल घाटा 90.47 करोड़ रहा। इस साल 9.56 करोड़ पोस्टकार्डों का मुद्रण हुआ था। साल 2011-12 में 10.59 करोड़ पोस्टकार्डों पर 107.83 करोड़ का घाटा सहना पड़ा।