सामान्य ज्ञान
कन्नड़ या कैनड़ीज़ भारत के कर्नाटक राज्य में बोले जाने वाली भाषा है और कर्नाटक की राजभाषा है। यह भारत के सबसे ज़्यादा प्रयोग की जाने वाली भाषाओं में से एक है। एक अनुमान के अनुसार करीब 4.50 करोड़ लोग कन्नड़ भाषा प्रयोग करते हैं। ये भाषा एन्कार्टा के अनुसार विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली 30 भाषाओं की सूची में 27वें स्थान पर आती है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है पर इसमें संस्कृत से भी बहुत शब्द हैं। कन्नड़ भाषा इस्तेमाल करने वाले इसको विश्वास से सिरिगन्नड बोलते हैं। कन्नड़ भाषा कुछ 2500 साल से उपयोग में है। कन्नड़ लिपि कुछ 1900 साल से उपयोग में है। कन्नड़ अन्य द्रविड़ भाषाओं की तरह है। तेलुगु, तमिल और मलयालम इस भाषा से मिलते जुलते है। संस्कृत भाषा से बहुत प्रभावित हुई यह भाषा में संस्कृत में से बहुत सारे शब्द वही अर्थ से उपयोग किया जाता है। कन्नड़ भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है।
द्रविड़ भाषा परिवार की भाषाएं पंचद्राविड़ भाषाएं कहलाती हैं। किसी समय इन पंचद्राविड भाषाओं में कन्नड़ , तमिल, तेलुगु, गुजराती तथा मराठी भाषाएं शामिल थीं। किंतु आजकल पंचद्राविड़ भाषाओं के अंतर्गत कन्नड़ , तमिल, तेलुगु, मलयालम तथा तुलु मानी जाती हैं। वस्तुत: तुलु कन्नड़ की ही एक पुष्ट बोली है जो दक्षिण कन्नड़ जिले में बोली जाती है। तुलु के अतिरिक्त कन्नड़ की अन्य बोलियां हैं-कोडगु, तोड, कोट तथा बडग। कोडगु कुर्ग में बोली जाती है और बाकी तीनों का नीलगिरि जिले में प्रचलन है। नीलगिरि जिला तमिलनाडु राज्य के अंतर्गत है।