सामान्य ज्ञान
तमिल टाइगर्स के नाम से विख्यात एलटीटीई विद्रोहियों यानी लिट्टे और श्रीलंका सरकार के बीच करीब 26 बरसों तक संघर्ष चला। इस गृह युद्ध में हजारों जानें गईं। यह युद्ध 23 जुलाई, 1983 में शुरू हुआ था।
विद्रोही समूह उत्तरी और पूर्वी इलाके को स्वतंत्र प्रांत बनाने की कोशिश में था। सालों चले इस संघर्ष में अस्सी हजार से ज्यादा जानें गई। इस संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए गए विद्रोह के तरीके के चलते संयुक्त राष्ट्र और भारत समेत 32 देशों ने उन्हें आतंकवादी संगठन करार दिया।
18 मई 2009 को श्रीलंका की सरकार ने तमिल विद्रोहियों के साथ चल रही जंग के खत्म होने का एलान किया। सेना ने देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया और लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन को मार दिया गया। सेना के मुताबिक अंतिम लड़ाई में 250 विद्रोही मारे गए। 72 हजार लोगों को युद्ध से प्रभावित इलाकों में अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2009 में 20 जनवरी और 7 मई के बीच 7 हजार लोग मारे गए थे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने वहां युद्ध अपराधों के जांच की मांग की है।