कारोबार
रायपुर, 27 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि अब जब कि ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर हितधारकों से सभी सुझाव प्राप्त हो गए हैं, इसलिए अब बिना किसी और विलम्ब के केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उक्त सुझावों पर विचार कर तुरंत ई-कॉमर्स नियमों को अधिसूचित करना चाहिए।
श्री पारवानी ने बताया कि भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को सही तरीके से चलाया जा सके जिससे न केवल छोटे व्यापारी बल्कि देश के आम उपभोक्ता भी उसका पूर्ण लाभ उठा सकें - यह कहते हुए कैट ने केंद्रीय बाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलो के मंत्री पीयूष गोयल को भेजे एक पत्र में कहा कि देश के ई-कॉमर्स व्यापार में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने हेतु ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत जारी किया जाए। इस बीच कैट ने श्री गोयल से यह भी आग्रह किया है, की कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में अमेजऩ एवं फ्लिपकार्ट द्वारा दायर याचिका जिसमें सीसीआई द्वारा जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी, उसको खारिज कर दिया है, ऐसे में श्री गोयल सीसीआई को जांच तुरंत शुरू करने का निर्देश दें।
श्री गोयल को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा की राखी से दिवाली तक जल्द शुरू होने वाले आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर, ई-कॉमर्स के नियमों को तुरंत अधिसूचित किया जाना आवश्यक है जिससे देश में एक स्वस्थ एवं पारदर्शी ई कॉमर्स व्यवस्था कायम हो सके और जिसका लाभ न केवल छोटे व्यापारी बल्कि आम उपभोक्ता भी उठा सकें लेकिन उससे पहले कुछ बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की दादागिरी को ख़त्म करना बेहद जरूरी है। ई-कॉमर्स व्यवसाय के वार्षिक कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत व्यापार इसी त्योहारी सीजन की अवधि के दौरान होता है। इस तरह के त्योहार की अवधि के महत्व को देखते हुए, ई-कॉमर्स व्यवसाय को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए जिससे गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी व्यापार प्रणाली हो सके।