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हैदराबाद, 27 जुलाई। एनएमडीसी के उत्पादन निदेशक पीके सतपथी ने सतना के एकेएस विश्वविद्यालय के उद्योग शिक्षाविदों को संबोधित करने के अलावा हीरा खनन परियोजना, पन्ना तथा मध्य प्रदेश में स्थित एनएमडीसी के विभिन्न गवेषण स्थलों का भी दौरा किया। विद्यार्थियों से चर्चा की तथा उद्योग के मानकों तथा नियमों के संबंध में जानकारी देने के लिए कंपनियों के कार्य संबंधी मॉडलों तथा भर्ती प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया।
श्री सतपथी ने विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों के साथ खान तथा खनन उद्योग में अपनी लंबी यात्रा के बारे में अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत तथा ब्राजील विश्व में खनन उद्योग में प्रमुख स्थान रखते हैं तथा खनन के क्षेत्र में राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के मामले में उड़ीसा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक तथा झारखंड राज्य अग्रणी स्थान रखते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि उद्योग में विश्व स्तरीय मानकों को प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम में नई तकनीकों को जोडऩा होगा तथा हमारे भविष्य के कार्य बल हमारे विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देना होगा।
श्री पी के सतपथी ने बताया कि खनन उद्योग खनिजों के संरक्षण तथा खानों के विकास, दोनों के लिए ही जिम्मेवार है। एनएमडीसी इस बात पर विश्वास करता है कि लौह एवं इस्पात के मजबूत भविष्य के लिए सुस्थिरता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। हमारी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्राकृतिक संसाधनों तथा प्रकृति के संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने में हमारी सहायता करती है। एनएमडीसी समुदायों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील है तथा उसने अपने स्टेक धारकों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक राज्य में एक व्यापक सीएसआर कार्यक्रम बनाया है ।