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आईएमएफ ने भारत की विकास दर के पूर्वानुमान में की भारी कटौती
28-Jul-2021 2:51 PM
आईएमएफ ने भारत की विकास दर के पूर्वानुमान में की भारी कटौती

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि के पूर्वानुमान में भारी कमी की है. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों और टीकाकरण की धीमी रफ्तार का असर उभरती अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार पर नजर आ रहा है.

 (dw.com)

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने मंगलवार को जारी पूर्वानुमान में भारत की विकास दर में तीन फीसदी की कमी कर दी. अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को भी कमी झेलनी पड़ी है.

अपने वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक (WEO) अपडेट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि एशिया इस साल 7.5 प्रतिशत की दर से विकास करेगा. अप्रैल में जारी पूर्वानुमान से यह 1.1 प्रतिशत कम है. इसे एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. दुनियाभर की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर में 0.4 प्रतिशत की ही कमी की गई है.

एक बयान में आईएमएफ ने कहा, "मार्च से मई के बीच आई कोविड-19 की लहर के कारण भारत की विकास दर के पूर्वानुमान में कमी की गई है क्योंकि अर्थव्यस्था के वापस पटरी पर लौटने के आत्मविश्वास को ठेस पहुंची है.”

आईएमएफ ने कहा है कि आसियान-5 समूह के बाकी देशों में भी ऐसे ही हालात हैं जहां कोरोनवायरस की ताजा लहरों ने बड़ा असर डाला है.

दक्षिण पूर्व एशिया का बुरा हाल
नए आंकड़ों के मुताबिक भारत की विकास दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पिछले अनुमान से 3 प्रतिशत कम है. आसियान-5, जिसमें इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं, अनुमानतः 4.3 फीसदी की दर से विकास करेंगे, जो पहले से 0.6 प्रतिशत कम हैं.

चीन की विकास दर में 0.3 कटौती करके उसे 8.1 प्रतिशत का पूर्वानुमान दिया गया है. इसकी मुख्य वजह सार्वजनिक निवेश में कमी बताई गई है.

2022 के लिए आईएमएफ ने बेहतर विकास दर का अनुमान लगाया है. उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पहले से 0.4 प्रतिशत ज्यादा है.

दक्षिण पूर्व एशिया कोरोनवायरस के डेल्टा वेरिएंट का कहर झेल रहा है जिस कारण कई देशों को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से यात्राएं रोकनी पड़ी हैं.

ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स का अनुमान है कि कोरोनवायरस की इस खतरनाक लहर का असर इन देशों की आर्थिक रिकवरी पर बहुत ज्यादा हो सकता है. एक बयान में ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स ने कहा, "चीन और सिंगापुर को छोड़कर बाकी देशों में टीकाकरण की धीमी रफ्तार ने भी इन अर्थव्यवस्थाओं को खतरे में डाल दिया है और आर्थिक नुकसान हमारे पूर्वानुमान से भी ज्यादा हो सकता है.”

अमीर देशों की बल्ले-बल्ले
आईएमएफ ने दुनिया की विकास दर के पूर्वानुमानों में कोई बदलाव नहीं किया है और यह 6 फीसदी ही रखी गई है. लेकिन अमेरिका और अन्य अमीर देशों की वृद्धि दर में बढ़त का अनुमान जाहिर किया गया है.

आईएमएफ प्रमुख गीता गोपीनाथ ने कहा, "विकसित देशों में 40 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लग चुकी है. विकासशील देशों में यह आंकड़ा सिर्फ 11 प्रतिशत है.” उन्होंने कहा कि अमीर देशों में टीकाकरण की अनुमान से ज्यादा रफ्तार और जन-जीवन सामान्य होने से विकास दर के पूर्वानुमान पर फर्क पड़ा है.

नए अनुमानों के तहत अमेरिका की विकास दर 2021 में 7 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अप्रैल तक अमेरिका की विकास दर इस साल 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान था. इस बढ़त के पीछे वह उम्मीद काम कर रही है कि अमेरिकी संसद बाइडेन सरकार के आधारभूत ढांचे में चार खरब डॉलर के निवेश के प्रस्ताव को मंजूर कर लेगी.

ब्रिटेन की विकास दर में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि करते है पूर्वानुमान 7 प्रतिशत कर दिया गया है. यूरोजोन  भी 0.2 फीसदी की मामूली वृद्धि की गई है जबकि जापान की विकास दर के पिछले पूर्वानुमान में आधा फीसदी की कमी कर दी गई है.

दक्षिण अमेरिका में सुधार
दक्षिण अमेरिकी देशों के लिए आईएमएफ के पूर्वानुमान पहले से बेहतर रहे हैं. मंगलवार को आईएमएफ ने कहा कि यह क्षेत्र इस साल 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है, जो अप्रैल से 1.2 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल दक्षिण अमेरिकी अर्थव्यस्था 7.5 प्रतिशत सिकुड़ गई थी और यह दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र रहा था.

आईएमएफ ने कहा, "पूर्वानुमान में यह बढ़त मुख्यतया ब्राजील और मेक्सिको के पहली तिमाही के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन का नतीजा है.”

पूर्वानुमानों के तहत ब्राजील की विकास दर अप्रैल से 1.6 फीसदी बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत कर दी गई है. मेक्सिको की विकास दर में 1.3 फीसदी की बढ़त का अनुमान है और अब यह 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ती नजर आ रही है.

वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)

 

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