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बृहस्पति ने खेद जताया, गृहमंत्री ने सिंहदेव पर आरोपों को असत्य कहा, विवाद खत्म
28-Jul-2021 3:39 PM
बृहस्पति ने खेद जताया, गृहमंत्री ने सिंहदेव पर आरोपों को असत्य कहा, विवाद खत्म

 

   स्वास्थ्य मंत्री के भाषण का वीडियो वायरल होने पर विपक्ष भडक़ा, हंगामा   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जुलाई।
विधानसभा में दो दिन से चल रहा गतिरोध बुधवार को प्रश्नकाल के बाद उस वक्त खत्म हो गया जब कांग्रेस सदस्य बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव के खिलाफ बयानबाजी पर खेद प्रकट किया, और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ आरोपों को असत्य और निराधार करार दिया। इससे पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ, और विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल चलने नहीं दिया। शोर-शराबे की वजह से सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित भी हुई।

प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन छोड़ देने का मामला उठाया। उन्होंने सिंहदेव के सदन में दिए गए भाषण का वीडियो सोशल मीडिया में लीक होने पर आपत्ति की। उन्होंने विशेषाधिकार भंग का मामला बताया। बृजमोहन ने कहा कि अध्यक्ष की अनुमति के बिना स्वास्थ्य मंत्री के भाषण का वीडियो लीक हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी गंभीर मामला करार दिया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने भी इस पर असंतोष जाहिर किया, और कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।  विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ मंत्री का सदन छोडक़र जाना विशेषाधिकार का भी मामला बनता है। डॉ. महंत ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने का आग्रह किया, और तारीफ की कि कम संख्या होने के बावजूद विपक्ष के दायित्व को बहुत अच्छी तरीके से अदा कर रहे हैं, जिसकी देशभर में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं सदन में संसदीय सौहार्द्र बना रहे।

विपक्षी भाजपा सदस्य, स्वास्थ्य मंत्री के सदन छोडक़र चले जाने पर सवाल खड़े किए। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने श्री सिंहदेव, मंत्री हैं अथवा नहीं। यह स्पष्ट करना चाहिए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अविश्वास प्रकट कर सदन छोडक़र चले जाए, इससे बड़ी घटना दूसरी नहीं हो सकती। सदन संविधान के अनुसार चलेगा, सरकार बची ही नहीं है।

अडवानी भी सदन छोडक़र गए थे...
अग्रवाल ने कहा कि यह संवैधानिक संकट की स्थिति हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि लालकृष्ण अडवानी जी भी सदन छोडक़र चले गए थे। इस पर बृजमोहन ने कहा कि अडवानी जी अपने पद से त्याग पत्र देकर गए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान में कैबिनेट है ही नहीं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे, और कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह विषयों को उठा रहे हैं। शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई शुरू हुई, तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने व्यवस्था दी कि मैं समझता हूं इसमें संवैधानिक संकट नहीं है। जोगी पार्टी के नेता धरमजीत सिंह ने कहा कि बृहस्पत सिंह सदन में नहीं हैं, और टीएस सिंहदेव सदन छोडक़र चले गए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

बृहस्पति ने खेद प्रकट किया...
कांग्रेस सदस्य बृहस्पति सिंह सदन में उपस्थित हुए, और उन्होंने घटना को लेकर खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई को उनके साथ हुई घटना के बाद भावावेश में मीडिया में कथन जारी किया था। मेरे कथन से किसी को बुरा लगा हो, तो मैं खेद प्रकट करता हूं।

इसके बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाए गए आरोप सही नहीं है। उन पर लगाया गया आरोप पूरी तरह असत्य है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पत सिंह को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने भावावेश में कहे गए कथन को वापस लिया है। गृहमंत्री ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। मैं टीएस सिंहदेव से बात करूंगा वो सदन में आएंगे।

उन्होंने कहा कि यह सदन राज्य की जनता का प्रतिनिधित्व करता है। सदन में बाकी मुद्दों पर भी चर्चा जरूरी है। आसंदी में समस्या को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उसकी मैं प्रशंसा करता हूं। इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी अपने विचार रखे।

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