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फसल मुआवजा : माकपा-किसान सभा ने किया सीएमडी का पुतला दहन
29-Jul-2021 9:24 PM
फसल मुआवजा : माकपा-किसान सभा ने किया सीएमडी का पुतला दहन

कोरबा, 29 जुलाई। बलगी कोयला खदान की डि-पिल्लरिंग और भू-धसान के कारण खेती-किसानी की बर्बादी का पिछले चार सालों का मुआवजा न मिलने के विरोध में आज माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मूसलाधार बारिश के बीच एसईसीएल के सुराकछार गेट के सामने सीएमडी का पुतला दहन किया।

उल्लेखनीय है कि कोयला खनन का दंश यहां के रहवासियों को विस्थापन के रूप में ही नहीं झेलना पड़ता है, बल्कि खेती-किसानी और गांव-घरों की बर्बादी के रूप में भी वे इसकी मार झेल रहे हैं। सुराकछार बस्ती की कृषि भूमि में डि-पिल्लरिंग के कारण दरारें इतनी गहरी हो चुकी है कि अब इस जमीन में किसान कोई भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इसके एवज में एसईसीएल ने यहां के किसानों को नौ सालों तक मुआवजा दिया था, लेकिन पिछले चार सालों से उसने इस मुआवजे का भुगतान नहीं किया है।
माकपा और किसान सभा द्वारा आंदोलन की चेतावनी के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने मुआवजा वितरण के लिए दस दिनों की मोहलत मांगी है, लेकिन आंदोलनकारी नेताओं ने घोषणा की है कि मुआवजा न मिलने तक हर दूसरे दिन एसईसीएल के सीएमडी का पुतला दहन किया जाएगा। अब 31 जुलाई को सुराकछार बस्ती में पुतला दहन आंदोलन किया जाएगा।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने जारी विज्ञप्ति में एसईसीएल प्रबंधन पर मुआवजा देने में टाल-मटोल करने तथा प्रभावित किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यहां के फसल नुकसानी का हर वर्ष मुआवजा देना एसईसीएल का स्थाई काम है, इसके बावजूद पिछले चार सालों से मुआवजा देने के काम को कार्यालयीन प्रक्रिया के नाम पर रोका जा रहा है।

उन्होंने इस मुआवजे के लिए उच्चतर स्तर से स्थाई स्वीकृति लेने की मांग करते हुए कहा है कि अब किसान पिछले चार सालों के ब्याज भुगतान की अदायगी की भी मांग करेंगे।

माकपा नेता ने कहा है कि यदि दस दिनों के अंदर किसानों का मुआवजा भुगतान नहीं हुआ, तो किसानों को बाध्य होकर खदान का काम रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

पुतला दहन के कार्यक्रम में जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, महिपाल सिंह कंवर, गणेश राम चौहान, सत्रुहन दास, लखपत दास, हुसैन, नरेंद्र साहू, कृष्णा, सत्यपाल सिंह, जयपाल यादव, इंजोर सिंह, आनंद कुंवर, झूल बाई सहित भारी संख्या में प्रभावित किसान शामिल थे।

आज पुतला दहन कार्यक्रम में पहुंच कर सुराकछार बस्ती के साथ रोहिना और मडवाढ़ोढा के किसानों ने भी एकजुटता प्रकट किया। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, और दीपक साहू ने कहा कि सुराकछार बस्ती के साथ अन्य डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव के किसानों को एकजुट कर संघर्ष तेज किया जाएगा।

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