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नई दिल्ली, 29 जुलाई | ग्रामीण क्षेत्रों स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने क्या उपाय किए हैं, इसका खुलासा शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा को दिए गए एक लिखित जवाब में किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत सरकार ने स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा-एक एकीकृत योजना शुरू की है। यह स्कूली शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के मुताबिक यह योजना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सार्वभौमिक पहुंच, लैंगिक समानता लाने, समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने, शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षकों के वेतन के लिए वित्तीय सहायता, डिजिटल पहल, मुफ्त और अनिवार्य बच्चों के अधिकार के तहत सहायता प्रदान करती है।
उन्होने कहा कि शिक्षा (आरटीई) अधिनियम, 2009 जिसमें वर्दी और पाठ्यपुस्तकें, पूर्व-विद्यालय शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, खेल और शारीरिक शिक्षा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना और संचालन और शिक्षक शिक्षा संस्थानों को मजबूत करना शामिल है। साथ ही प्राथमिक स्तर की शिक्षा के लिए छात्रों को मिड-डे-मील प्रदान किया जाता है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय साधन-सह-मेरिट छात्रवृत्ति योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में ड्रॉप आउट को रोकने और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इससे भी ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। (आईएएनएस)