सामान्य ज्ञान
किसानों की सुविधा के लिए केन्द्र सरकार ने किसान एसएमएस पोर्टल सुविधा की शुरुआत की है। यह किसान पोर्टल देश के 12 करोड़ से भी अधिक किसान परिवारों को सूचनाएं, परामर्श और सेवाएं प्रदान कर सकता है।
किसान एसएमएस पोर्टल प्रणाली में किसानों को उनके मोबाइल पर एसएमएस संदेश मिलते रहते हैं, जिनमें सूचना या सेवा की जानकारी या विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों की आवश्यक सलाह दी जाती है। ये संदेश उन किसानों को भेजे जाते हैं, जिनके आवास संबद्ध अधिकारियों/वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों के अधिकार क्षेत्र में पड़ते हैं।
इस समय केन्द्र और राज्य सरकारों के पास किसानों से संबंधित जो डाटा बेस उपलब्ध हंै, उनका पोर्टल के साथ एकीकरण किया जा रहा है। संयुक्त डाटा बेस वाले किसानों को वे संदेश मिलेंगे, जो सभी के लिए उपयोगी होंगे। इस डाटा बेस में किसानों के स्थानीय आधार पर और फसल/कार्य प्रणाली के आधार पर अलग-अलग समूह बनाए गए हंै, इसलिए किसी विशेष क्षेत्र में किसानों को उसी क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप संदेश मिलेंगे।
जो किसान डाटा बेस में शामिल नहीं है और वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संदेश चाहते हैं, तो उन्हें इस प्रणाली के साथ अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए किसान कॉल सेन्टर के टॉल फ्री नम्बर 1800-180-1551 पर डॉयल करके किसान इस सेवा के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। किसान अपनी प्राथमिकता वाली फसलों/कार्यों के लिए 8 विकल्प दे सकते हैं। इसमें बागवानी, पशुपालन, डेयरी और मछली पालन सहित फसल उत्पादन के कार्य शामिल हैं। इस प्रणाली से न केवल उत्पादन संबंधी पहलुओं के बारे में, बल्कि उपज की बिक्री के बारे में भी संदेश भेजे जाएंगे। व्यापारियों के बारे में सूचना आदि भी किसानों को संदेश से भेजी जाएगी।
इस पोर्टल के जरिए कृषि और सहकारिता विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पशु पालन विभाग, डेयरी और मछली पालन विभाग और भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ तथा खाद्यान्न खरीद एजेंसियां किसानों को एसएमएस के जरिये समय और मौसम के अनुरूप परामर्श भेज सकते हैं और सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। अपना पंजीकरण कराते समय किसान जिस भाषा में एसएमएस संदेश चाहते है, उसका उल्लेख कर सकते हैं। यदि किसान के मोबाइल में उस भाषा उत्तर प्राप्त करने की सुविधा नहीं है, तो रोमन लिपि में उस भाषा में संदेश या एसएमएस भेजे जा सकते हैं। जो किसान एसएमएस प्रणाली से परिचित नहीं है, उनके लिए वॉयस मैसेज से सूचनाएं भेजने की व्यवस्था जल्दी शुरू की जाएगी। आवाज पर आधारित इंटरनेट के विवरण पहले से ही उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकतर किसान इसके लिए शुल्क अदा नहीं कर सकते, इसलिए मोबाइल फोन में आवाज के जरिए सूचनाएं भेजने की प्रणाली विकसित की जा रही है।