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ईरान को 'कठोर जवाब' देने पर आमादा इस्राएल, ब्रिटेन और अमेरिका
02-Aug-2021 1:14 PM
ईरान को 'कठोर जवाब' देने पर आमादा इस्राएल, ब्रिटेन और अमेरिका

गुरुवार को एक टैंकर पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराते हुए अमेरिका और उसके सहयोगी जवाबी हमले पर विचार कर रहे हैं. ईरान इन आरोपों को गलत बताता है.

 (dw.com)

अमेरिका और ब्रिटेन का मानना है कि गुरुवार को ओमान के तट पर एक इस्राएली तेल टैंकर पर हमला ईरान ने किया था. इस हमले में एक ब्रिटिश और एक रोमानियाई नागरिक मारे गए थे. हालांकि ईरान ने इस घटना में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है.

इस्राएल ने पहले ही ईरान पर इस घटना का इल्जाम डाला था, जिसे अब अमेरिका और ब्रिटेन का भी समर्थन मिल गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने रविवार को कहा, "उपलब्ध सूचना की समीक्षा के बाद हमें इस बात का यीकन है कि ईरान ने ही यह हमला कराया, जिसमें दो निर्दोष लोगों की जान गई.”

ब्लिंकेन के मुताबिक इस हमले में विस्फोटक ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि इस हमले को किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता. ब्लिंकेन ने कहा, "अगला कदम क्या हो, इस बारे में हम अपने सहयोगियों से विचार कर रहे हैं और इलाके में मौजूद सरकारों से भी मश्विरा कर रहे हैं ताकि उचित जवाब दिया जा सके.”

इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने भी कहा था कि इस बात की बहुत अधिक संभावनाएं हैं कि ईरान ने इस "गैरकानूनी और निर्दयी” हमले के लिए एक या उससे ज्यादा ड्रोन इस्तेमाल किए.

राब ने कहा, "हम मानते हैं कि यह हमला जानबूझकर किया गया और ईरान द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन था. एक माकूल जवाब के लिए युनाइटेड किंगडम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहा है.”

दोनों तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं
इस्राएली प्रधानमंत्री नफताली बेनेट ने इस हमले में हिस्सेदारी के ईरान से इनकार करने को ‘कायराना' बताया और कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है. रविवार को अपने कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में नफताली ने कहा, "मैं बिना किसी लाग-लपेट के कह रहा हूं कि ईरान ने ही उस जहाज पर हमला किया.”

नफताली ने कहा कि खुफिया सूचनाएं उनके दावे का समर्थन करती हैं. उन्होंने कहा, "ईरान को संदेश देने के हमारे पास अपने तरीके हैं.” इससे पहले इस्राएली विदेश मंत्री ने भी कहा था कि इस घटना के लिए कठोर जवाब दिया जाना चाहिए.

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादे ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में ईरान की जहाज पर हमले में भागीदारी से साफ इनकार किया. रविवार को उन्होंने कहा जियोनिस्ट शासन (इस्राएल) ने असुरक्षा, आतंक और हिंसा का माहौल बना दिया है.

उन्होंने कहा, "ईरान की भागीदारी के इन आरोपों की तेहरान निंदा करता है. ये आरोप इस्राएल की तथ्यों से ध्यान भटकाने की कोशिश हैं और निराधार हैं.”

टैंकर पर क्या हुआ था?
यह घटना बीते गुरुवार की है जब मर्सर स्ट्रीट नाम के एक जहाज में विस्फोट हुआ और दो लोगों की मौत हो गई. मर्सर स्ट्रीट पर झंडा लाइबेरिया का था जबकि उसका मालिकाना हक जापान के पास था और प्रबंधन इस्राएली कंपनी जोडिएक मैरिटाइम के पास.

इस जहाज के साथ अमेरिकी नौसेना का विमानवाहक जहाज यूएसएस रॉनल्ड रीगन था जिसने शनिवार को कहा था कि प्रारंभिक संकेत एक ड्रोन हमले की ओर स्पष्ट इशारा करते हैं.

गुरुवार को टैंकर पर क्या हुआ, इसे लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही हैं. जोडिएक मैरिटाइम ने इस घटना को ‘समुद्री लुटेरों का संदिग्ध हमला' बताया था. ओमान मैरिटाइम सिक्यॉरिटी सेंटर से जुड़े एक सूत्र का कहना कि यह घटना ओमानी जलसीमा के बाहर हुई.

ईरान और इस्राएल पहले भी एक दूसरे के जहाजों पर हमले के आरोप लगा चुके हैं. 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु संधि से बाहर निकलने और ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद से खाड़ी इलाके में तनाव में वृद्धि हुई है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)
 

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