अंतरराष्ट्रीय

वायरस ट्रेसिबिलिटी के राजनीतिकरण पर अधिकांश देशों का विरोध
02-Aug-2021 7:32 PM
वायरस ट्रेसिबिलिटी के राजनीतिकरण पर अधिकांश देशों का विरोध

बीजिंग, 2 अगस्त | 2 अगस्त को दुनिया के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों की 300 से अधिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों और थिंक-टैंक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सचिवालय को संयुक्त बयान भेजा। इस संयुक्त बयान के अनुसार, उन्होंने मानव जीवन सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति नये कोरोना वायरस के गंभीर खतरों से अवगत करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को महामारी-रोधी सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ से वायरस की ट्रेसिबिलिटी का उद्देश्य और निष्पक्ष अनुसंधान करने की अपील की और वायरस की ट्रेसिबिलिटी का राजनीतिकरण किये जाने का विरोध भी प्रकट किया।

संयुक्त बयान के अनुसार मानव एक भाग्य समुदाय है। बड़े संकट के सामने कोई भी देश अकेला रह नहीं सकता है। महामारी से जीतने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सहयोग आगे बढ़ाना चाहिये। वायरस की ट्रेसिबिलिटी एक वैज्ञानिक प्रश्न है। दुनियाभर के वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों को सहयोग कर इस प्रश्न का अनुसंधान करना और तथ्यों व सबूतों के आधार पर वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालना चाहिये।

इस बयान में पता चला है कि वायरस की ट्रेसिबिलिटी सभी देशों का आम दायित्व है। यह डब्ल्यूएचओ की महासभा द्वारा प्रकाशित संकल्प की आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं है कि डब्ल्यूएचओ के सदस्य देशों से जरूरी बातचीत के बगैर डब्ल्यूएचओ के सचिवालय ने वायरस की ट्रेसिबिलिटी के दूसरे चरण की परियोजना एकतरफा रूप से प्रस्तावित की।

साथ ही, यह बात न केवल दुनिया भर वायरस की ट्रेसिबिलिटी के अनुसंधान के नवीनतम परिणामों को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करती है, बल्कि वायरस की ट्रेसिबिलिटी क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ाने के लिए हानिकारक है। डब्ल्यूएचओ के सचिवालय को सदस्य देशों के साथ सहयोग करना चाहिये।

बयान के अनुसार इन पार्टियों, सामाजिक संगठनों और थिंक टैंक ने वायरस की ट्रेसिबिलिटी के राजनीतिकरण का ²ढ विरोध प्रकट किया। इसके अलावा उन्होंने राजनीतिक कारकों व राजनीतिक जोड़-तोड़ के संबंधित अनुसंधान प्रक्रिया और महामारी-रोधी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर हस्ताक्षर कर ²ढ़ विरोध जताया।

बयान के अनुसार चीन समेत कुछ देशों को प्रशंसा की गयी है कि उन देशों ने पूरी दुनिया विशेषकर विकासशील देशों को वैक्सीन की मदद दी। उन्होंने महामारी के खिलाफ वैश्विक सहयोग में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बयान के मुताबिक वैक्सीन के अनुसंधान, विकास व उत्पादन से सक्षम देशों को संबंधित वैक्सीन के निर्यात प्रतिबंधित और ओवरस्टॉकिंग करने से बचना चाहिये।

उन्होंने अपील की कि सभी देशों की पार्टियों और संगठनों को संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्रिय बढ़ाना और मानव स्वच्छता व स्वास्थ्य समुदाय के निर्माण के लिये संयुक्त प्रयास करना चाहिये।(आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news