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ट्विटर ने गलत सूचना पर अंकुश लगाने के लिए रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस के साथ हाथ मिलाया
05-Aug-2021 1:09 PM
ट्विटर ने गलत सूचना पर अंकुश लगाने के लिए रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस के साथ हाथ मिलाया

ट्विटर ने कहा है कि गलत सूचना के प्रसार से लड़ने के प्रयास के तहत सोशल नेटवर्किंग साइट पर अधिक तेजी से विश्वसनीय जानकारी देने के लिए वह एसोसिएटेड प्रेस और रॉयटर्स के साथ साझेदारी करेगा.

 (dw.com)

अन्य सोशल मीडिया कंपनियों की तरह सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी पर भी भ्रामक या गलत सूचना को हटाने का दबाव रहता है. इस साल की शुरुआत में ट्विटर ने बर्डवॉच नामक कार्यक्रम लॉन्च किया था, इसका मकसद यूजर्स को ऐसे ट्वीट्स को परखने का माध्यम देना है जो भ्रामक हैं.

ट्विटर ने कहा कि वह ब्रेकिंग न्यूज के दौरान समाचार एजेंसियाों के साथ सहयोग करेगा ताकि सटीक संदर्भ को जोड़ा जा सके. किसी घटना से जुड़े ट्रेंडिंग टॉपिक को लेकर ट्विटर एक खास लेबल लाएगा.

सटीक जानकारी देने की कोशिश
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह साझेदारी पहली बार है जब ट्विटर अपनी साइट पर सटीक जानकारी बढ़ाने के लिए समाचार संगठनों के साथ औपचारिक रूप से सहयोग करेगा.

प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि ट्विटर एपी और रॉयटर्स दोनों के साथ अलग-अलग काम करेगा. सूचना सेवा कंपनी थॉमसन रॉयटर्स कॉर्प का एक विभाग और न्यूजवायर एक दूसरे के साथ संपर्क नहीं करेंगे.

रॉयटर्स में यूजीसी (यूजर-जेनरेटेड कॉन्टेंट) न्यूजगैदरिंग की वैश्विक प्रमुख हेजल बेकर के मुताबिक, "विश्वास, सटीकता और निष्पक्षता हर दिन रॉयटर्स के दिल में है. वे मूल्य गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रेरित करते हैं."

भ्रामक जानकारी पर अंकुश
ट्विटर का कहना है कि समाचार एजेंसियों को व्यापक रुचि वाले विषयों पर संदर्भ मुहैया करने में मदद करने का भी काम सौंपा जाएगा, जिनमें वे भी शामिल हैं जो संभावित रूप से भ्रामक जानकारी का कारण बनता है.

एपी के वैश्विक व्यापार विकास के उपाध्यक्ष टॉम यानुशेवस्की ने एक बयान में कहा, "यह काम हमारे मिशन के लिए मूल है." उन्होंने आगे कहा, "तथ्यात्मक पत्रकारिता की पहुंच का विस्तार करने के लिए एपी का ट्विटर के साथ-साथ अन्य सोशल मीडिया मंचों के साथ मिलकर काम करने का एक लंबा इतिहास रहा है."

सोशल मीडिया साइटों पर कई बार भ्रामक जानकारियां तेजी से वायरल हो जाती हैं और सही जानकारी यूजर्स तक पहुंचने में देर लगती है. अब कई ऐसी संस्थाएं हैं जो फैक्ट चेकिंग का काम करती हैं और वे बताती हैं कि जानकारी भ्रामक है या सही है.

एए/वीके (एपी, रॉयटर्स)

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