सामान्य ज्ञान
केकड़ा , क्रस्टेशिया वर्ग के डेकापोडा गण के छोटी पूंछ वाला जंतु है विशेषकर ब्रैकियूरा या असली केकड़ा, लेकिन एनोम्युरा जैसे अन्य जीव भी, जो दिखने और आदतों में इनसे मिलते जुलते हो सकते हैं। सभी महासागरों, मीठे पानी और जमीन पर केकड़ों की लगभग 4500 प्रजातियां पाई जाती हैं। डेकोपोडा गण के अन्य जंतुओं (उदाहरणार्थ झींगा, लॉबस्टर, क्रेफिश) से भिन्न केकड़े की पूंछ वक्ष या शरीर के मध्यखंड के नीचे मुड़ी हुई होती है। इसका ऊपरी कवच सामान्यत: चौड़ा होता है। पैरों का अगला जोड़ा पंजे या चिमटी में रूपांतरित रहता है।
अधिकांश केकड़े समुद्र में रहते हैं। यहां तक की उष्णकटिबंधीय देशों में बहुतायत में पाए जाने वाले भूमिचर केकड़े भी सामान्यत: कई बार समुद्र में जाते हैं और अपने जीवन का प्रारंभिक काल वहां व्यतीत करती हैं। दक्षिण यूरोप की नदियों में पाया जाने वाला लेंटेन केकड़ा (पोटामॉन फ्लूविएटाईल) दुनिया के अधिकांश गर्म इलाकों में मीठे पानी के केकड़ों की बहुतायत का एक उदाहरण है।
आमतौर पर केकड़े गलफड़ों से सांस लेते हैं, जो ऊपरी खोल की बगल के नीचे दो छिद्रों में होते हैं, लेकिन असली भूमिचर केकड़ों में ये छिद्र बड़े होकर हवा में सांस लेने के फेफड़ों की भूमिका निभाते हैं। इनके गमन का सामान्य तरीका चलना या रेंगना है और सामान्य तटीय केकड़े का दाईं या बाईं ओर सरकना आमतौर पर इस समूह के सभी सदस्यों का लक्षण है। पाट्र्यूनिडी परिवार और कुछ अन्य परिवारों के केकड़े अपने चपटे चप्पूनुमा पैरों की मदद से निपुणतापूर्वक तैरते हैं।