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रायपुर, 10 सितंबर। कैटराष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया।
कैट ने बताया कि देश के ई-कॉमर्स व्यापार में जिस तरह से विदेशी कंपनियां नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं और कानूनों को तोड़ मरोड़कर भारत के ई कॉमर्स व्यापार पर कब्ज़ा जमाने की एक सोची समझी साजिश के तहत काम कर रही हैं उसके खिलाफ देश भर में अपनी आवाज़ बुलंद करने तथा सरकार द्वारा उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत प्रस्तावित नियमों को तुरंत लागू करने की मांग को लेकर कैट द्वारा दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि यह निर्णय लिया गया कि इस अभियान के अंतर्गत देश के सभी राजनैतिक दलों को कैट पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने कहेगा कि ई-कॉमर्स को लेकर उनकी पार्टियों के क्या नजरिए हैं। सभी दलों के जवाब का देश के व्यापारी इंतज़ार करेंगे और इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों तथा आगामी लोकसभा चुनावों में व्यापारियों की क्या भूमिका होगी, इस पर समय पर निर्णय लिया जाएगा। जब सब कुछ वोट बैंक पर ही केंद्रित हो गया है तो अब व्यापारी भी अपने आपको एक वोट बैंक में बदलने से नहीं चूकेंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि भारत का व्यापार भारत में ही रहना चाहिए और उसका लाभ भी देश के उपभोक्ताओं, व्यापारियों एवं उद्योग को मिलना चाहिए, इस दृष्टि से सम्मेलन ने यह निर्णय लिया है की यह एक बड़ी लड़ाई है और किसी भी विदेशी कम्पनी को ईस्ट इंडिया कम्पनी बनने से रोकने में देश के सभी वर्गों को अब एक मंच पर लाना जरूरी है तभी देश के ई कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार को इन विदेशी कंपनियों के कुटिल चंगुल से बचाया जा सकता है। इस हेतु कैट इस मुद्दे पर पहल करते हुए इन सभी कंपनियों के प्रमुखों एवं संगठनों के नेताओं से बात कर एक साझा देशव्यापी अभियान चलाएगा।