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रायपुर, 16 सितम्बर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि देश में तेज़ी से बड़ते ई-कामर्स व्यापार को अपनी बपौती बनाने के कुत्सित इरादों को लेकर बड़ी विदेशी ई-कामर्स कम्पनियों द्वारा सरकार की नाक के ठीक नीचे देश के क़ानूनों एवं नियमों के घोर उल्लंघन किया जा रहा है।
श्री पारवानी ने बताया कि इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आव्हान कर तथा केंद्र सरकार से उपभोक्ता क़ानून में प्रस्तावित नियमों को तत्काल लागू करने की माँग को लेकर कैट ने प्रदेश भर सहित देश भर में एक महीने का ई कामर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। रायपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक शहरों में कैट के बैनर तले स्थानीय व्यापारी संगठनों ने अपनी माँगों को लेकर धरने दिए। हल्ला बोल अभियान की इस शृंखला में 23 सितम्बर को देश के सभी ज़िला कलेक्टरों को कैट के प्रतिनिधिनिधि मण्डल प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन देंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि कैट सीजी चैप्टर के रायपुर, अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ़, बिलासपुर, रायगढ़, चांपा, कोरबा, भाटापारा, तिल्दा, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, धमतरी, कांकेर, सराईपाली, बसना, अभनपुर, महासंमुद, सहित अन्य सभी ईकाइयों में अभियान शुरू किया गया है। इन विदेशी ई-कामर्स कम्पनियों को खुली चुनौती देते हुए बताया कि वे अब 1857 का भारत न समझें और अपने आपको ईस्ट इंडिया कम्पनी का दूसरा संस्करण बनाने का विचार त्याग दें। यह 2021 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला भारत है जिसमें देश के व्यापारी विदेशी कम्पनियों को मुँह तोड़ जवाब देना जानते हैं।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि नीति आयोग, उद्योग संगठन समेत उनके जितने भी भौंपू उनके हितों की रक्षा के लिए उनकी ही भाषा बोल रहे हैं, समय आने पर व्यापारी उनका भी पर्दाफ़ाश करेंगे। जिस प्रकार से विदेशी ई-कामर्स कम्पनियों ने अपनी मनमानी, बेइमानी एवं नियमों का उल्लंघन किया है उसके कारण देश में ख़ास तौर पर मोबाइल, किराना, एफएमसीजी आदि वस्तुओं की लाखों दुकानें बंद हुई हैं और जिस प्रकार से व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, उसके दर्द से देश भर का व्यापारी आहत है। अब इससे अधिक व्यापारी बर्दाश्त नहीं करेंगे और जब तक सरकार ई-कामर्स के नियम लागू नहीं करती है और ई-कामर्स को विदेशी कम्पनियों के कुटिल चंगुल से मुक्त नहीं करती है तब तक देश भर में व्यापारी एक आक्रामक अभियान चलाते रहेंगे।