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मीडिया कंपनियों के बाद अब सोनू सूद, हर्ष मंदर के खिलाफ छापे
16-Sep-2021 6:58 PM
मीडिया कंपनियों के बाद अब सोनू सूद, हर्ष मंदर के खिलाफ छापे

अभिनेता सोनू सूद से जुड़े ठिकानों पर आयकर विभाग ने और ऐक्टिविस्ट हर्ष मंदर से जुड़े ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बार फिर जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है.

 डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट- 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऐक्टिविस्ट हर्ष मंदर के नई दिल्ली स्थित घर पर, उनकी संस्था सेंटर फॉर एक्विटी स्टडीज के दफ्तर पर और उनके द्वारा चलाए जाने वाले एक बाल गृह पर छापे मारे हैं. ईडी ने अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है. ये छापे मंदर की अनुपस्थिति में मारे गए.

वो गुरुवार की सुबह ही अपनी पत्नी के साथ एक फेलोशिप के लिए जर्मनी रवाना हो गए थे. मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी और जाने माने ऐक्टिविस्ट हैं. उन्हें आरटीआई, भोजन का अधिकार, सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों की मदद, नागरिकता कानून का विरोध और तालाबंदी के दौरान प्रवासी श्रमिकों की मदद जैसे अभियानों के लिए जाना जाता है.

वो यूपीए सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी थे. भोजन का अधिकार विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें विशेष आयुक्त के रूप में भी नियुक्त किया था. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस के मुखर आलोचक के रूप में भी जाना जाता है.

2020 में राष्ट्रीय बाल आयोग ने मंदर से जुड़े दो बाल गृहों पर छापे मारे थे. आयोग का आरोप था कि वहां इंफ्रास्ट्रक्चर, फंडिंग और लाइसेसं से जुड़ी कई अनियमितताएं पाई गईं. आयोग के मुताबिक इन केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं हो रहा था.

आयोग ने यह आरोप भी लगाया कि इनमें से एक केंद्र पर बच्चों का यौन शोषण भी किया गया था. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूंगो ने यह आरोप भी लगाया कि इन बाल गृहों से बच्चों को नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित किए गए प्रदर्शनों में भी ले जाया गया था.

आयोग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी और इस मामले पर फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के दौरान दिल्ली बाल अधिकार आयोग ने अदालत में एक हलफनामा दायर कर कहा कि उसने राष्ट्रीय आयोग की शिकायतों पर जांच की थी लेकिन कुछ कमियों के अलावा किसी भी शिकायत का सबूत नहीं मिला.

ईडी की इस कार्रवाई की कई लोगों ने आलोचना की है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर छापों की निंदा की.

उधर 15 सितंबर को आयकर विभाग ने मुंबई और लखनऊ में सोनू सूद से जुड़े छह ठिकानों पर "सर्वेक्षण" किया. सूद के खिलाफ छापों को हाल ही में उनके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा करने से जोड़ कर देखा जा राजा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सूद के समर्थन में ट्वीट किया.

16 सितंबर को भी सूद के घर और दफ्तर पर विभाग की कार्रवाई जारी रही. इस पूरी कार्रवाई पर विभाग ने कोई बयान नहीं दिया है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विभाग को सूद की एक कंपनी और लखनऊ स्थित एक कंपनी के बीच हुए जमीन के सौदे में कर चोरी की शिकायत मिली थी. इन "सर्वेक्षणों" में विभाग को कुछ बरामद नहीं हुआ.

कुछ ही दिनों पहले दो मीडिया संस्थानों न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के दफ्तरों पर भी आयकर विभाग ने इस तरह के "सर्वेक्षण" किए थे.

(dw.com)

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