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न्यूज़ीलैंड का यह फ़ैसला क्या पाकिस्तान के लिए अपमान है?
18-Sep-2021 2:05 PM
न्यूज़ीलैंड का यह फ़ैसला क्या पाकिस्तान के लिए अपमान है?

NEW ZEALAND CRICKET

-अब्दुल रशीद शकूर

न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम ने सुरक्षा कारणों से अपना पाकिस्तान दौरा रद्द करते हुए स्वदेश लौटने का फ़ैसला किया है.

इस फ़ैसले से एक ओर जहाँ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तानी प्रशंसक मायूस हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे सवाल भी पैदा हो गए हैं कि आगे पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का क्या भविष्य होगा.

न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि उसने पाकिस्तान में सुरक्षा ख़तरों की वजह से दौरा ख़त्म करने की घोषणा की है और उसने ये क़दम अपनी सरकार की अनुमति से उठाया है.

दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रमीज़ राजा ने इस बारे में सख़्त टिप्पणी की है.

रमीज़ राजा ने ट्वीट किया है कि उन्हें अपने खिलाड़ियों और प्रशंसकों से हमदर्दी है.

उन्होंने लिखा, "ये बात इसलिए भी मायूस करने वाली है क्योंकि न्यूज़ीलैंड ने सुरक्षा धमकियों को बुनियाद बनाकर दौरा ख़त्म करने का एकतरफ़ा फ़ैसला किया है और सबसे अहम बात ये है कि उन्होंने हमसे कोई चीज़ शेयर नहीं की."

रमीज़ राजा के ट्वीट के आख़िरी चंद शब्द बहुत अहम हैं, जिनमें उन्होंने न्यूज़ीलैंड से सीधा कहा है कि 'न्यूज़ीलैंड किस दुनिया में रह रहा है? न्यूज़ीलैंड हमें अब आईसीसी में सुनेगा."

अगले महीने इंग्लैंड का भी दौरा
ये कहना जल्दबाज़ी होगी कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड न्यूज़ीलैंड की टीम के दौरे के रद्द होने के कारण होने वाले आर्थिक नुक़सान के हर्जाने के लिए आईसीसी की कमिटी में इस मामले को पेश करेगा लेकिन ये ज़रूर पता चला है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड रद्द हो चुके दौरे के मैचों को दोबारा पाकिस्तान में आयोजित कराना चाहता है.

यहाँ ये बात भी काफ़ी महत्वपूर्ण है कि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम को अगले साल दोबारा पाकिस्तान का दौरा करना है, जिसमें उसे तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं.

ये वनडे इंटरनेशनल मैच आईसीसी सुपर लीग का हिस्सा होंगे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ये कोशिश होगी कि वो रद्द हो चुके मौजूदा दौरे के मैचों को अगले साल होने वाले न्यूज़ीलैंड टीम के पाकिस्तान के दौरे में उन्हें शामिल करे.

न्यूज़ीलैंड की टीम ने पाकिस्तान का दौरा सुरक्षा कारणों से रद्द किया है लेकिन यह जानना बड़ा अहम है कि न्यूज़ीलैंड की टीम के यहाँ पहुंचने से पहले ही सुरक्षा को लेकर प्रसिद्ध सिक्यॉरिटी कंपनी रिग डिक्सन ने पाकिस्तान आकर इस दौरे में सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रबंधों को देखा था और उनको लेकर संतुष्टि ज़ाहिर की थी.

इसी कंपनी ने सिर्फ़ न्यूज़ीलैंड ही नहीं बल्कि अगले महीने पाकिस्तान आने वाली इंग्लैंड टीम के दौरे की सुरक्षा स्थिति का भी जायज़ा लिया था क्योंकि यही कंपनी इंग्लैंड टीम की भी सिक्योरिटी कंसल्टेंट है.

इंग्लैंड टीम के पाकिस्तान दौरे पर सवालिया निशान
इंग्लैंड क्रिकेट टीम दो टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए अगले महीने पाकिस्तान आने वाली है.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के दौरे के रद्द होने के सिलसिले में वहाँ के बोर्ड से चर्चा की थी और वो उसी में व्यस्त थे लेकिन ऐसी रिपोर्ट हैं कि PCB के चीफ़ एग्ज़िक्युटिव ऑफ़िसर वसीम ख़ान इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के अधिकारियों से संपर्क करने वाले हैं.

दरअसल ECB ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है कि वह पाकिस्तान में अपनी सिक्यॉरिटी टीम से संपर्क में है और वह 24 से 48 घंटे में ये फ़ैसला करेगा कि उनका तयशुदा दौरा होना चाहिए या नहीं.

'पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेल खेला जा रहा है?'
न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे के रद्द होने से क्रिकेट प्रशंसकों ने जो प्रतिक्रिया दी है उसके बाद इसे क्रिकेट से बढ़कर एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मामले के तौर पर देखा जा रहा है.

PCB के पूर्व चेयरमैन ख़ालिद महमदू ने बीबीसी उर्दू से बात करते हुए कहा कि 'ये बात सिर्फ़ क्रिकेट की नहीं है बल्कि इसके ज़रिए इस पूरे क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन से है. अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका के जाने और तालिबान के आने के बाद पाकिस्तान विरोधी ताक़तें एकजुट हो चुकी हैं.'

"वहीं पाकिस्तान तालिबान की सरकार का समर्थन कर रहा है तो क्रिकेट भी उसकी ज़द में आ चुका है. यह भी संभव है कि पाकिस्तान विरोधी ताक़तों ने किसी माध्यम से न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड को ये बताया है कि पाकिस्तान में उनकी टीम को ख़तरा हो सकता है."

ख़ालिद महमूद कहते हैं कि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड या उनकी सरकार के पास अगर सुरक्षा चिंताएं थीं तो उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान की सरकार को बताना चाहिए था.

"ये बात उनसे पूछनी चाहिए कि आपके पास किस तरह की सुरक्षा धमकियां आई थीं."

ख़ालिद महमूद का कहना है कि मौजूद हालात में 'नुक़सान हमारा ही हुआ है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान की सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक तेज़ी दिखाते हुए ये दिखाना होगा कि पाकिस्तान में सुरक्षा का कोई ख़तरा नहीं है.'

ख़ालिद महमूद को इस बात का संदेह है कि 'अगर पाकिस्तान ने इस हालत को क़ाबू नहीं किया तो फिर पाकिस्तानी टीम के क्रिकेट मैच किसी तटस्थ स्थान पर जा सकते हैं लेकिन जिस तरह पाकिस्तान विरोधी ताक़तें तेज़ हो रही हैं वे तटस्थ स्थानों पर भी रुकावट पैदा कर सकती हैं, वहां पर भी कोई न कोई बहाना शुरू हो सकता है.'

नजम सेठी ने बीबीसी उर्दू से बात करते हुए कहा कि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड के इस फ़ैसले के गहरे प्रभाव हो सकते हैं.

"जब हमने इंटरनेशनल क्रिकेट को पाकिस्तान में वापस लाने की कोशिश की थी तो उस वक़्त क्रिकेट को सीधे कोई ख़तरा नहीं था बल्कि पाकिस्तान में आतंकवाद के सामान्य जोखिम थे. हमने आईसीसी और दूसरे क्रिकेट बोर्ड्स को बताया कि क्रिकेट को ख़तरा नहीं है लिहाज़ा हम क्रिकेट की सुरक्षा करेंगे."

"लेकिन इस वक़्त जो हालात हैं उसमें न्यूज़ीलैंड ये कह रहा है कि क्रिकेट को ख़तरा है, उनकी टीम को सीधा ख़तरा है. अगर आम ख़तरा होता तो वह अपनी टीम को पाकिस्तान न भेजते इसलिए मैं ये समझता हूं कि आख़िरी मिनट में ऐसी कोई बात हुई है जिसकी वजह से उन्होंने ये फ़ैसला किया."

नजम सेठी कहते हैं कि 'हमें ये नहीं बताया कि न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान के साथ सुरक्षा ख़तरे के बारे में जानकारियां साझा की हैं या नहीं. हमें सिर्फ़ ये बताया गया है कि हमारे प्रधानमंत्री ने उनकी प्रधानमंत्री को समझाने की कोशिश की थी.'

नजम सेठी का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि वो तुरंत आईसीसी से संपर्क करे.

"जैसा कि ख़बरें आ रही हैं कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड अगले चंद घंटों में पाकिस्तान के दौरे के बारे में कोई फैसला करने वाला है इसलिए ये बात समझने की है कि अगर सुरक्षा धमकियां सिर्फ़ न्यूज़ीलैंड की टीम को मिली थीं और अगर वो आम धमकियां नहीं हैं तो उनके आधार पर इंग्लैंड कैसे फ़ैसला कर सकता है. न्यूज़ीलैंड की धमकियों के आधार पर इंग्लैंड भी अपना दौरा रद्द कर सकता है जो कि नहीं होना चाहिए."

साल 1987 में न्यूज़ीलैंड की टीम श्रीलंका के दौरे पर थी लेकिन पहले टेस्ट के बाद कोलंबो में होने वाले बम धमाके में 100 से अधिक लोगों के मरने के बाद उसने ये दौरा ख़त्म कर दिया था.

1992 में न्यूज़ीलैंड टीम के अधिकतर खिलाड़ियों ने कोलंबो में टीम होटल के क़रीब हुए बम धमाके के बाद श्रीलंका का दौरा जारी रखने से इनकार कर दिया था और स्वदेश लौट गए थे. उनमें मार्क ग्रेटबैच, गेविन लारसन, रॉड लाथम, विली वॉटसन और कोच वॉरेन लीस शामिल थे.

2001 में न्यूज़ीलैंड के टीम पाकिस्तान के दौरे पर रवाना हुई और वह अभी सिंगापुर ही पहुंची थी कि 9/11 की घटना हो गई और वह वहीं से स्वदेश लौट गई.

2002 में न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कराची टेस्ट खेलने के लिए अपने होटल से स्टेडियम के लिए रवाना होने वाली थी कि उसी दौरान एक आत्मघाती हमले का मामला सामने आया जिसके बाद टीम को दौरा ख़त्म करके स्वदेश लौटने पर मजबूर होना पड़ा. (bbc.com)

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