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रायपुर, 19 सितम्बर। कलिंगा विश्वविद्यालय के नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वाले डी. फार्मेसी के विद्यार्थियों के स्वागत के लिए इंडक्शन कार्यक्रम फर्स्ट स्टेप 2021 का ऑनलाइन आयोजन संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों, उपलब्ध सुविधाओं एवं उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की गयी। स्वागत के साथ-साथ विभिन्न मनोरंजक प्रतियोगिताओं, ज्ञान पहेली, नृत्य, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कुलपति डाँ. आर श्रीधर, महानिदेशक डॉ. बैजू जाॅन, कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. आशा अंभईकर, अकादमिक कार्यों के अधिष्ठाता राहुल मिश्रा, फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी और मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कॉर्पोरेट ट्रेनर संदीप मल्होत्रा की उपस्थिति में माँ सरस्वती वंदना करने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
वरिष्ठ छात्रा सुश्री डी. वसावी के एकल नृत्य की रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की गयी। डॉ. गांधी ने अब तक के स्वर्णिम सफर और उपब्धियों को बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने बहुत कम समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संपूर्ण देश में अपनी पहचान दर्ज की है। तथा विश्वास व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय नये विद्यार्थियों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। डॉ. श्रीधर ने बताया कि आज नवीनतम ज्ञान प्राप्त करने का समय है। समय तेजी से बदल रहा है और हमें अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार अपने को तैयार करना है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ अनुसंधान परक एवं मूल्य आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। जिससे विद्यार्थी अपने सर्वोत्कृष्ट लक्ष्य को प्राप्त करे और एक जिम्मेदार नागरिक बनकर देश और समाज में अपनी बहुमूल्य भूमिका निभा सकें।
डॉ. जाॅन ने बताया कि पूर्ण समर्पण निष्ठा और सही दिशा का चयन करके हम प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। हम आपको विश्वस्तरीय अनुभवी प्राध्यापकों की टीम, सर्वोत्कृष्ट अधोसंरचना और संसाधनों के साथ शोध आधारित गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. तिवारी ने वर्तमान समय में फार्मेसी विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि ज्ञान, बुद्धि एवं अनुभव का सही समन्वय ही शिक्षा है। आज विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम आधारित पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान, अुनसंधानपरक ज्ञान प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। कलिंगा विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों में सीखने की प्रवृत्ति विकसित करता है और विद्वान प्राध्यापकों के मार्गदर्शन में उन्हें सर्वोत्तम ज्ञान देने पर जोर देता है। जिससे शिक्षा के उपरांत वह अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें।