अंतरराष्ट्रीय
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो की लिबरल पार्टी ने सोमवार को हुए संसदीय चुनाव जीत लिया है लेकिन संसद में बहुमत हासिल करने से वो चूक गए हैं. मध्यावधि चुनाव कराने का फ़ैसला जस्टिन ट्रूडो के लिए बहुत फ़ायदे का नहीं रहा.
इस बार के नतीजे भी दो साल पहले के परिणाम की तर्ज पर ही रहे. जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. साल 2015 में वे पहली बार चुनाव जीते थे और उसके बाद से वे सत्ता में बने हुए हैं.
लिबरल पार्टी 157 सीटों पर चुनाव जीत चुकी है या जीतने की स्थिति में है. साल 2019 में भी उनकी पार्टी को इतनी ही सीटें मिली थीं. कनाडा की संसद हाउस ऑफ़ कॉमन्स में बहुमत के लिए 170 सीटों की ज़रूरत पड़ती है.
कन्जरवेटिव्स 121 सीटों पर जीत चुके हैं या बढ़त बनाए हुए हैं. साल 2019 में भी उनकी यही स्थिति थी. वामपंथी न्यू डेमोक्रेट्स 29 सीटों पर आगे हैं. उन्हें पिछली बार की तुलना में पांच सीटों का फायदा हुआ है.
ब्लॉक क्यूबेकोइस की सीटें घटकर 28 हो गई हैं और ग्रीन पार्टी को कनाडा के संसदीय चुनावों में दो सीटों पर संतोष करना पड़ा है.
एक स्थिर अल्पमत वाली सरकार के नेता के तौर पर ट्रूडो ने मध्यावधि चुनाव कराने का फ़ैसला लिया था. हालांकि उनकी सरकार के गिराये जाने का कोई ख़तरा नहीं था.
विपक्ष ने उन पर आरोप लगाया कि इस मध्यावधि चुनावों की कोई ज़रूरत नहीं थी और ट्रूडो ने निजी महत्वाकांक्षा के लिए ये फ़ैसला लिया था. (bbc.com/hindi)