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ट्विटर ने सोमवार को बताया कि एक 'क्लास ऐक्शन सूट' को निपटाने के लिए वो 809.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने जा रहा है.
क़ानून में 'क्लास ऐक्शन सूट' का मतलब उस मुक़दमे से होता है जब कई एक ही मुद्दे पर दायर की गई कई याचिकाओं पर एकसाथ कार्यवाही होती है.
इस मामले में ट्विटर पर अपने यूजर बेस को लेकर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया था. कंपनी ने कहा है कि प्रस्तावित समझौते पर जज के दस्तखत के बाद सभी दावों को सुलझा लिया जाएगा और ये बात भी मानी जाएगी कि ट्विटर ने कोई ग़लती नहीं की थी.
साल 2016 में दायर किए गए इस मुक़दमे में ट्विटर के निवेशक डोरिस शेनविक ने दावा किया था कि कंपनी ने जानबूझकर अपने यूजर बेस को लेकर गलतबयानी की थी और वे आंतरिक जानकारी सार्वजनिक करने में नाकाम रहे थे.
इसका नतीजा ये हुआ कि कंपनी के शेयरों के दाम चढ़ गए और जैसी ही यूजर बेस और इंगेजमेंट का असली डेटा सामने आया, शेयरों की कीमत गिर गई. कंपनी का कहना है कि उसके पास जो नकदी उपलब्ध है, उससे वो सेटलमेंट की रकम का भुगतान साल 2021 की चौथी तिमाही में करेगी.
मुक़दमे के अनुसार, साल 2014 में ट्विटर ने ये दावा किया कि हर महीने उसका यूजर बेस बढ़कर 550 मिलियन से ज़्यादा होने की संभावना है और लंबे समय में ये बढ़कर एक अरब से भी ज़्यादा हो सकता है. साल 2019 में ट्विटर ने अपने यूजर बेस और यूजर इंगेजमेंट की जानकारी हर महीने देनी बंद कर दी थी.
उस वक़्त जो आख़िरी जानकारी कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई गई थी, वो 330 मिलियन की थी. अब ट्विटर अपने यूजर बेस का डेटा दैनिक आधार पर देता है. साल 2017 में ट्विटर ने कहा था कि उसने गलती से अपने मासिक डेटा को बढ़ाकर पेश किया था क्योंकि इसमें थर्ड पार्टी ऐप का भी डेटा शामिल कर लिया गया था जो नहीं किया जाना चाहिए था. (bbc.com/hindi)